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लाइमन में भीषण लड़ाई, फिर से यूक्रेन का कब्जा

लाइमन में भीषण लड़ाई, फिर से यूक्रेन का कब्जा

यूक्रेन ने लाइमन शहर की फतह का ऐलान कर दिया। यूक्रेन का यह शहर जुलाई से रूस के कब्जे में था। रूस अपने ऑपरेशन के लिए यहां लॉजिस्टिक हब और ट्रांसपोर्ट सेंटर का इस्तेमाल कर रहा था। हालांकि रूस ने कहा कि वो लाइमन से निकल गया है। लेकिन वहां हो रही भीषण लड़ाई में काफी रूसी सैनिक मारे गए हैं। तमाम वीडियो में बताया गया है कि यूक्रेन वहां फिर से आ गया है।

रूस ने शनिवार को कहा कि उसके सैनिकों ने यूक्रेन के पूर्व में लाइमन के अपने गढ़ को घेरने से पहले ही छोड़ दिया था। जबकि यूक्रेन ने दावा किया कि उसकी सेना ने लाइमन में रूस की एक टुकड़ी को घेर लिया और उन्हें भागने पर मजबूर किया। कुल मिलाकर खबरें बता रही हैं कि लाइमन से रूस का कब्जा हट चुका है। लाइमन को लेकर एक दिन पहले ही रूस ने दावा किया था कि वो शहर अब उसके नियंत्रण में है। लेकिन अब वहां से विरोधाभासी खबरें आ रही हैं।

राष्ट्रपति पुतिन ने अभी शुक्रवार को एक समारोह में तीन अन्य क्षेत्रों के साथ लाइमन क्षेत्र को रूस का हिस्सा घोषित किया था। इस बीच चेचन्या के नेता ने सलाह दी है कि मास्को को जवाब में हल्के परमाणु हथियार का उपयोग करने पर विचार करना चाहिए। रूस के रक्षा मंत्रालय ने कहा, यूक्रेन समर्थक देशों की सेना की घेराबंदी के खतरे के मद्देनजर ... लाइमन के कुछ इलाकों से हमने अपनी सेना वापस बुला ली है।

कीव ने पहली बार कहा गया कि उसने उस क्षेत्र में हजारों रूसी सैनिकों को घेर लिया है। उसकी सेना लाइमन शहर के अंदर है। यूक्रेन के इस बयान के बाद मॉस्को से आधिकारिक बयान कई घंटे बाद आया। हालांकि रूसी रक्षा मंत्रालय के बयान में उसके सैनिकों को घेरने का कोई जिक्र नहीं है।

इस बीच चेचन्या के नेता रमजान कादिरोव, जो खुद को राष्ट्रपति पुतिन का एक पैदल सैनिक बताते हैं, ने कहा कि मॉस्को द्वारा लाइमन को छोड़ने के बाद वह चुप रहने में असमर्थ हैं। उन्होंने कहा कि मेरी व्यक्तिगत राय है कि रूस सीमावर्ती क्षेत्रों में मार्शल लॉ की घोषणा करे और हल्के परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करे। ताकि सबक सिखाया जा सके। कादिरोव ने टेलीग्राम पर एक पोस्ट में लिखा कि रूस को इस मजाक उड़ाने का बदला लेना होगा।

यूक्रेन के पूर्वी बलों के प्रवक्ता सेरही चेरेवती ने दावा किया कि लाइमन के क्षेत्र में रूसी समूह को घेर लिया गया है। उन्होंने कहा कि रूस के पास लाइमन में 5,000 से 5,500 सैनिक थे, लेकिन हताहतों की संख्या के कारण उनके सैनिकों की संख्या कम हो सकती है।

दो मुस्कुराते हुए यूक्रेनी सैनिकों ने डोनेट्स्क क्षेत्र के उत्तर में शहर के प्रवेश द्वार पर पीले और नीले रंग के राष्ट्रीय ध्वज को चिपकाते हुए यूक्रेन के राष्ट्रपति के चीफ ऑफ स्टाफ द्वारा पोस्ट किए गए एक वीडियो में दिखाया गया है। एक सैनिक ने एक वाहन के बोनट पर खड़े होकर कहा - आज 1 अक्टूबर को हम अपने राज्य के झंडे को फहरा रहे हैं और इसे अपनी जमीन घोषित कर रहे हैं। लाइमन यूक्रेन का होगा।

हालांकि किसी भी पक्ष के युद्धक्षेत्र के दावों को स्वतंत्र रूप से सत्यापित करने के लिए रॉयटर्स, सीएनएन, बीबीसी ने मना कर दिया।  

लाइमन का महत्व

रूस ने डोनेट्स्क क्षेत्र के उत्तर में अपने ऑपरेशन के लिए लाइमन को लॉजिस्टिक हब और ट्रांसपोर्ट केंद्र के रूप में इस्तेमाल किया था। पिछले महीने पूर्वोत्तर खार्किव क्षेत्र में यूक्रेन के फिर से कब्जे के बाद लाइमन का पतन रूस के लिए बड़ा झटका है।

यूक्रेनी सैन्य प्रवक्ता ने कहा कि लाइमन पर फिर से कब्जा करने से हमें लुहान्स्क क्षेत्र में आगे बढ़ने में मदद मिलेगी। लाइमन पर रूस ने पूर्ण कब्जा जुलाई में किया था। यूक्रेन की सेना का कहना है कि लाइमन महत्वपूर्ण है क्योंकि यह डोनबास की मुक्ति की दिशा में अगला कदम है। यूक्रेन के लिए यह मनोवैज्ञानिक रूप से बहुत महत्वपूर्ण है। 

पुतिन ने शुक्रवार को डोनेट्स्क और लुहान्स्क के डोनबास क्षेत्रों और खेरसॉन और ज़ापोरिज्जिया के दक्षिणी क्षेत्रों को रूसी भूमि घोषित किया था। यह यूक्रेन का 18 फीसदी हिस्सा है। यूक्रेन और उसके पश्चिमी सहयोगियों ने रूस के इस कदम को अवैध करार दिया। कीव ने रूसी सेना से अपनी जमीन को मुक्त कराने की कसम खाई और कहा कि वह पुतिन के कुर्सी पर रहने तक मास्को के साथ शांति वार्ता भी अब नहीं करेगा।

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