+
क्या ब्रिटिश पीएम की दौड़ में आगे चल रहे हैं ऋषि सुनाक?

क्या ब्रिटिश पीएम की दौड़ में आगे चल रहे हैं ऋषि सुनाक?

भारतीय मूल के ऋषि सुनाक क्या ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बन सकते हैं। क्या वह प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवारों से आगे निकल जाएंगे?

लिज ट्रस के इस्तीफे के बाद भारतीय मूल के सांसद ऋषि सुनाक प्रधानमंत्री पद की दौड़ में आगे आ गए हैं। लिज ट्रस प्रधानमंत्री के पद पर सिर्फ 45 दिन तक रहीं और यह ब्रिटेन के किसी भी प्रधानमंत्री का सबसे कम अवधि का कार्यकाल है। लिज ट्रस ने प्रधानमंत्री पद की दौड़ में ऋषि सुनाक को हराया था। 

खबरों के मुताबिक, ऋषि सुनाक के पास 100 से ज्यादा सांसदों का समर्थन है। प्रधानमंत्री पद की दावेदारी करने के लिए कम से कम इतने सांसदों का समर्थन होना जरूरी है। 

सुनाक का समर्थन करने वाले सांसदों का कहना है कि वित्तीय मामलों में सुनाक की समझ और उनकी नीतियों का वर्तमान में कोई भी कंजर्वेटिव सांसद मुक़ाबला नहीं कर सकता है। ऐसे में सुनाक ही ब्रिटेन को आर्थिक संकट से निकाल सकते हैं।

ऋषि सुनाक के माता-पिता पूर्वी अफ्रीका से ब्रिटेन आए थे। उनके माता पिता दोनों भारतीय मूल के हैं। उनके दादा-दादी पंजाब से थे। ऋषि का जन्म 1980 में साउथम्प्टन में हुआ था।

बोरिस जॉनसन के नाम पर अटकलें

हालांकि कुछ खबरों में पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के फिर से प्रधानमंत्री बनने की अटकलें लगाई जा रही हैं। जॉनसन और ऋषि सुनाक के अलावा पेनी मॉर्डंट, रक्षा मंत्री बेन वालेस और जेरेमी हंट का नाम भी प्रधानमंत्री पद की दौड़ में लिया जा रहा है। 

 - Satya Hindi

देखना होगा कि ब्रिटेन में चल रही इस राजनीतिक गहमागहमी में कंजर्वेटिव पार्टी किस नेता को अपना उम्मीदवार बनाती है। इस साल जुलाई में बोरिस जॉनसन को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। इससे पहले उनकी कैबिनेट के कई मंत्रियों, सांसदों ने इस्तीफा दे दिया था। 

जॉनसन की मुश्किलें तब बढ़नी शुरू हुई थीं जब उन्होंने यौन दुराचार के एक मामले में आरोपी होने के बाद भी सांसद क्रिस पिंचर को सरकार में अहम ओहदा दिया था। 2019 में बोरिस जॉनसन ने पिंचर को विदेश कार्यालय का मंत्री बनाया था और इस साल फरवरी में उन्हें डिप्टी चीफ व्हिप बनाया गया था। बाद में जॉनसन सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे और सरकार मुश्किल में पड़ गई थी।

कैसे चुना जाएगा नया प्रधानमंत्री?

जॉनसन के प्रधानमंत्री के पद से इस्तीफा देने के बाद संसद में कई दौर की वोटिंग हुई थी। इसमें उनकी पार्टी कंजर्वेटिव पार्टी के सांसदों ने वोट डाले थे। हर दौर की वोटिंग में दावेदारों की संख्या कम होती गई थी और आख़िर में दो दावेदार- ऋषि सुनाक और लिज़ ट्रस बचे थे। कई हफ्तों तक यह प्रक्रिया चली थी और आख़िर में कंजर्वेटिव पार्टी के कार्यकर्ताओं ने दो दावेदारों में से एक लिज़ ट्रस का चयन प्रधानमंत्री के तौर पर किया था। 

लेकिन अब उस पूरी प्रक्रिया को एक सप्ताह में ही समेट दिया जाएगा। यानी पिछली बार की तरह इस बार कई हफ्तों तक चुनाव की प्रक्रिया नहीं चलेगी। 

नया नेता चुनने के लिए कंजर्वेटिव सांसद शीर्ष दो उम्मीदवारों का चयन करने के लिए गुप्त मतपत्रों का उपयोग करेंगे। फिर कंजर्वेटिव पार्टी के सभी सदस्य दो उम्मीदवारों में से एक का चयन कर अंतिम निर्णय लेंगे।

ब्रिटेन में हालात बेहद खराब

ब्रिटेन में इन दिनों हालात इस कदर खराब हैं कि लोगों को अपना खाना तक छोड़ना पड़ रहा है। ब्रिटेन में सितंबर में महंगाई की दर 10 फीसद से ज्यादा हो गई थी और इस वजह से खाने की कीमत कई गुना बढ़ गई थी। खबरों के मुताबिक, मांस, ब्रेड, दूध और अंडों की कीमत में भी अच्छा-खासा उछाल आया है। 

ब्रिटेन में महंगाई पिछले 40 सालों के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गई है और सरकार के लिए इस चुनौती से पार पाना मुश्किल हो रहा है। 

न्यूज़ एजेंसी एपी के मुताबिक, सुंदरलैंड में सेंट एडन कैथोलिक एकेडमी में टीचर ग्लेन सैंडरसन ने कहा कि देश भर के स्कूलों में जरूरतमंद बच्चों को खाना खिलाना मुश्किल हो रहा है। 

सत्य हिंदी ऐप डाउनलोड करें