कोरोना संकट के बीच उज्जैन मंदिर में भीड़, वीआईपी पहुँचे, भगदड़ जैसे हालात
कोरोना संकट की वजह से कई राज्यों में भले ही कई तरह की पाबंदियाँ हैं, अदालतें सरकारों की खिंचाई कर रही हैं, लेकिन मध्य प्रदेश में उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में सोमवार को भगदड़ जैसे हालात बन गए। काफ़ी ज़्यादा भीड़ थी। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जैसे वीआईपी पहुँच गए थे। और फिर एक समय भगदड़ जैसे हालात बन गए। कुछ लोगों के घायल होने की ख़बर भी है। कोरोना प्रोटोकॉल की धज्जियाँ तो उड़ी हीं।
महाकालेश्वर मंदिर भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। कोरोना संक्रमण के मामले कम होने के बाद इसे पिछले महीने फिर से खोला गया है लेकिन केवल उन लोगों के लिए जिन्हें कोरोना वैक्सीन की कम से कम एक खुराक लगी है या फिर जो 48 घंटे पहले जारी कोरोना की नेगेटिव रिपोर्ट के साथ यात्रा यात्रा करे।
एक रिपोर्ट के अनुसार सुबह 6 बजे से शाम के 8 बजे तक मंदिर परिसर में 3500 श्रद्धालुओं के जाने की अनुमति दी जाती है। दो-दो घंटे के 7 स्लॉट में हर बार 500 श्रद्धालुओं के जाने की अनुमति होती है।
लेकिन इस बीच सोमवार को मंदिर में भीड़ से हालात ख़राब हो गए। 'एनडीटीवी' की रिपोर्ट के अनुसार सोमवार सुबह शिवराज सिंह चौहान और उमा भारती जैसे वीआईपी लोग भी अपने परिवार के साथ दर्शन करने पहुँचे थे। रिपोर्ट के अनुसार मंदिर के अधिकारियों ने कहा कि वीआईपी दर्शन की वजह से और हालात ख़राब हो गए।
उज्जैन मंदिर में सोमवार के जो हालात थे उसका वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है। उसमें देखा जा सकता है कि कोरोना के प्रोटोकॉल का जमकर उल्लंघन किया गया है और भीड़ बेकाबू होने लगती है।
Covid protocols flying in air..😳😳😳
— Surendar Ravichandran (@sharewithsurii) July 27, 2021
அடேய் அந்த செவப்பு சட்ட வடக்கன் இதுல சண்டை வேற போடுறாண்டா.....😂😂😂😂
VC: @Cow__Momma ❤
Place: Mahakal Temple, Ujjain 🤧 pic.twitter.com/jk9Xzx4QZi
Today at Shree Mahakaleshwar Temple, Ujjain. pic.twitter.com/iRZToh5bwW
— Raajeev Chopra (@Raajeev_Chopra) July 26, 2021
रिपोर्ट के अनुसार उज्जैन के ज़िला कलेक्टर आशीष सिंह ने कहा कि आज के सोमवार का दिन अपवाद है और अगले सोमवार से स्थिति सामान्य हो जाएगी। उन्होंने कहा कि कोविड प्रोटोकॉल का पालन उस तरह से नहीं किया जा सकता है जैसा आज हुआ। उन्होंने कहा कि एक बार में बहुत सारे लोग थे, अब आगे सोशल डिस्टेंसिंग सुनिश्चित की जाएगी।
कोरोना संकट के बीच भीड़ होने वाले कार्यक्रमों को लेकर सख्ती की जा रही है। हाल के दिनों में कांवड़ यात्रा से लेकर चारधाम यात्रा और बकरीद पर भी छूट दिए जाने के ख़िलाफ़ अदालतों ने सख़्त रूख अपनाया है।
पिछले हफ़्ते ही सुप्रीम कोर्ट ने बकरीद के लिए कोरोना प्रतिबंधों में तीन दिन की छूट की अनुमति देने के लिए केरल सरकार की ज़बरदस्त खिंचाई की थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि यह चौंकाने वाली स्थिति है कि केरल सरकार ने लॉकडाउन के नियमों में ढील देने की व्यापारियों की मांग को मान लिया है। इसने कहा था कि बाज़ार में दबाव समूहों को स्वास्थ्य से खिलवाड़ करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है।
सुप्रीम कोर्ट ने साफ़ तौर पर कहा था कि वह कांवड़ यात्रा पर सुप्रीम के निर्देशों का पालन करे। कुछ दिन पहले ही कोर्ट ने कांवड़ यात्रा को रद्द नहीं किया था, बल्कि उसने उत्तर प्रदेश सरकार को ख़ुद से कांवड़ यात्रा रद्द करने को कहा था। इसने उत्तर प्रदेश सरकार को कांवड़ यात्रा को रोकने का आदेश देने के लिए जीवन के मौलिक अधिकार का हवाला दिया था।
इससे पहले हाई कोर्ट भी उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में कांवड़ यात्रा और चारधाम यात्रा को लेकर तीखी टिप्पणियाँ करते रहे हैं। कोरोना की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए एहतियात बरती जा रही है।