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ठाकरे : पलट कर इतना ज़ोर थप्पड़ मारेंगे कि खड़े नहीं हो पाओगे

ठाकरे : पलट कर इतना ज़ोर थप्पड़ मारेंगे कि खड़े नहीं हो पाओगे

महाराष्ट्र बीजेपी और शिवसेना के बीच चल रही जुबानी जंग के बीच मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने ज़बरदस्त हमला किया है और कड़ी चेतावनी दी है। 

महाराष्ट्र बीजेपी और शिवसेना के बीच चल रही जुबानी जंग के बीच मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने ज़बरदस्त हमला किया है और कड़ी चेतावनी दी है। 

शिवसेना सुप्रीमो ने महाराष्ट्र बीजेपी पर पलटवार करते हुए कहा है कि धमकाने वाली भाषा क़तई बर्दाश्त नहीं की जाएगी और मुँहतोड़ जवाब दिया जाएगा।

उद्धव ठाकरे बीजेपी विधायक प्रसाद लाड की कथित टिप्पणी पर चेतावनी दे रहे थे जिसमें  लाड ने कहा था कि अगर ज़रूरी हुआ तो मध्य मुंबई में ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी के मुख्यालय शिवसेना भवन को ध्वस्त कर दिया जाएगा।

क्या कहा ठाकरे ने?

हालांकि लाड ने बाद में टिप्पणी वापस लेते हुए खेद व्यक्त किया और कहा कि मीडिया ने उनकी बात को संदर्भ से काट कर पेश किया था और उनके कहने का यह मतलब नहीं था। 

बीडीडी चॉल पुनर्विकास परियोजना के उद्घाटन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए ठाकरे ने महाराष्ट्र बीजेपी को निशाने पर लिया। 

शिवसेना प्रमुख ने हिंदी फिल्म 'दबंग' के एक संवाद को याद करते हुए कहा, 

किसी को भी हमें थप्पड़ मारने की भाषा नहीं बोलनी चाहिए, क्योंकि हम इतना जोर का थप्पड़ पलट कर मारेंगे कि दूसरा व्यक्ति अपने पैरों पर खड़ा नहीं हो पाएगा।


उद्धव ठाकरे, मुख्यमंत्री, महाराष्ट्र

मुख्यमंत्री ने चॉल पुनर्विकास परियोजना के लाभार्थियों से परियोजना पूरी होने के बाद लालच में नहीं पड़ने को कहा। 

 ठाकरे ने कहा, "पुनर्विकास के निर्माणों में मराठी संस्कृति को किसी भी कीमत पर संरक्षित किया जाना चाहिए क्योंकि चॉलों की एक ऐतिहासिक विरासत है, जहाँ क्रांतिकारियों ने अपना जीवन दिया है और ये संयुक्त महाराष्ट्र आंदोलन के साक्षी भी हैं।"

जुबानी जंग

महाराष्ट्र बीजेपी और शिवसेना में जुबानी जंग गठबंधन टूटने के बाद ही शुरू हो गई थी। दोनों ने एक दूसरे पर कई बार कई मुद्दों पर ज़ोरदार हमला बोला था। 

मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह द्वारा महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख पर लगाए गए आरोपों के बाद बीजेपी और शिव सेना में खुलकर जंग हुई। 

महाराष्ट्र बीजेपी के नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मिला और उसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने उद्धव सरकार पर हमले किए। 

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सरकार की तरफ से शिव सेना सांसद संजय राउत मैदान में उतरे और बीजेपी को जवाब दिया। 

राउत ने कहा था कि उद्धव ठाकरे और अनिल देशमुख चाहते हैं कि इस मामले की जांच हो लेकिन इसके लिए फडणवीस को एक प्रस्ताव लेकर मुख्यमंत्री से मिलकर इसकी मांग करनी चाहिए। 

उन्होंने माँग की थी कि पुलिस महाराष्ट्र का स्वाभिमान है और एक-दो अफसरों की ग़लती से पूरे पुलिस फ़ोर्स को दोषी नहीं ठहरा सकते। राउत ने कहा कि फडणवीस का यह लेटर बम फुस्स हो गया। 

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परमवीर सिंह, पूर्व पुलिस आयुक्त, मुंबई

केंद्र को चेतावनी

राउत ने इस मामले में केंद्र सरकार को चेतावनी देते हुए कहा था कि जो ये सोचते हैं कि सरकार को गिरा लेंगे वो मुग़ालते में न रहें। उन्होंने कहा था, 'सरकार मज़बूत है और पाँच साल चलेगी। और यही पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के फ़्रस्ट्रेशन का कारण है। जिन कागजातों को लेकर वह दौड़ भाग रहे हैं, आरोप लगा रहे हैं, वो भीगे पटाखे हैं। उनमें दम नहीं है। देवेंद्र अपना ही मज़ाक़ उड़ा रहे हैं।'

राउत ने कहा कि फडणवीस अच्छे नेता हैं, लंबा करियर है पर ये सब कर वह हास्य के पात्र बन रहे हैं।

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गंगा में शव बहाने पर राउत का तंज

सांसद संजय राउत ने कोरोना से मौत और उसके बाद उत्तर प्रदेश में गंगा में शव बहाने के मुद्दे पर बीजेपी के साथ-साथ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को भी निशाने पर लिया था। राउत ने कहा था, 'गंगा नदी में बहते हुए शव भी हिंदुत्व का ही मुद्दा है और यह राम मंदिर जितना ही महत्वपूर्ण भी है।’

उन्होंने आरएसएस पर हमला करते हुए कहा था कि 'हमें अपेक्षा थी कि स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत इस बारे में अपना मत व्यक्त करते, लेकिन अभी तक वे खामोश हैं।' राउत ने कहा था कि 'मोहन भागवत जी का हम सम्मान करते हैं वे आदरणीय हैं ,लेकिन हम यह भी अपेक्षा रखते हैं कि गंगा में बहाए गए शवों के बारे में भी वे अपनी राय व्यक्त करें।' 

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