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दशहरा रैली से कद तय होगा  उद्धव और शिंदे का?

दशहरा रैली से कद तय होगा  उद्धव और शिंदे का?

मुंबई में आज 5 अक्टूबर शाम को होने वाली दशहरा रैली शिवसेना के दो नेताओं उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे का राजनीतिक कद तय करने वाली है। शिंदे का रास्ता अलग हो चुका है। वो शिवसेना से बगावत करके बीजेपी की मदद से सरकार चला रहे हैं। दूसरी तरफ उद्धव अपनी राजनीतिक जमीन फिर से पाने की कोशिश कर रहे हैं।

मुंबई में आज 5 अक्टूबर को उद्धव ठाकरे गुट और एकनाथ शिंदे गुट की अलग-अलग दशहरा रैली हो रही हैं। दोनों ही गुट ने ज्यादा भीड़ जमा करने के लिए अपनी ताकत झोंक दी है। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे जहां अपने परंपरागत शिवाजी पार्क मैदान में शिव सैनिकों को संबोधित करेंगे वहीं महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे मुंबई के बांद्रा कुर्ला कंपलेक्स में अपने समर्थकों के सामने शक्ति प्रदर्शन करेंगे। ऐसा पहली बार हो रहा है कि जब शिवसेना की दो रैली दशहरा के मौके पर हो रही हैं। पिछले पांच दशक से बाला साहब ठाकरे मुंबई के शिवाजी पार्क मैदान में रैली करते हुए आए थे लेकिन इसी साल शिवसेना में पड़ी फूट के चलते एकनाथ शिंदे गुट अपनी अलग दशहरा रैली का आयोजन कर रहा है।

शिवसेना की दशहरा रैली को लेकर महाराष्ट्र में राजनीति इस वक्त चरम पर है। एक ओर जहां शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे हर साल की तरह मुंबई के शिवाजी पार्क मैदान में दशहरा रैली का आयोजन कर रहे हैं वहीं दूसरी ओर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे ने बांद्रा कुर्ला कंपलेक्स में दशहरा रैली की हुंकार भरी है। शिवसेना के इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है कि जब दोनों ही गुट शिवसेना का नाम लेकर अलग-अलग जगहों पर रैली का आयोजन कर रहे हैं। उद्धव ठाकरे जहां असली शिवसेना का नाम लेकर शिव सैनिकों को संबोधित करेंगे वहीं दूसरी ओर एकनाथ शिंदे अपने आपको असली शिवसेना बताकर लोगों के सामने भाषण देंगे। ऐसे में दोनों ही गुट ज्यादा से ज्यादा भीड़ इकट्ठा करने पर काम कर रहे हैं।

एकनाथ शिंदे गुट के नेता और प्रवक्ता किरण पावसकर का कहना है कि हमारी बीकेसी की रैली में करीब तीन लाख से ज्यादा लोग शामिल होंगे। ज्यादातर लोग मुंबई पहुंच चुके हैं जबकि कुछ लोग आज शाम तक मुंबई पहुंच जाएंगे। पावसकर का कहना है कि रैली के मैदान पर कार्यकर्ताओं को खाने और रुकने की व्यवस्था की गई है। लिहाजा करीब तीन लाख से ज्यादा फूड्स पैकेट का आर्डर एकनाथ शिंदे गुट की तरफ से किया गया है।

शिवसेना की पारंपरिक दशहरा रैली शिवाजी पार्क मैदान में होगी जिसके लिए उद्धव ठाकरे ने भी महाराष्ट्र के कोने-कोने से लोगों को शिवाजी पार्क मैदान पहुंचने की अपील की है। उद्धव ठाकरे गुट के सांसद और प्रवक्ता अरविंद सावंत का कहना है कि हमारी शिवसेना की रैली पिछले पांच दशक से मुंबई के शिवाजी पार्क मैदान पर होती आई है और पूरे राज्य की निगाहें सिर्फ शिवाजी पार्क पर ही लगी हुई हैं। अरविंद सावंत ने एकनाथ शिंदे पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ लोग नकली शिवसेना का नाम लेकर रैली का आयोजन बीकेसी में कर रहे हैं। अरविंद सावंत ने शिंदे ग्रुप पर आरोप लगाते हुए कहा है कि मुख्यमंत्री अपनी रैली के लिए करोड़ों रुपए बहाकर और टेलीविजन पर प्रचार करके लोगों की भीड़ इकट्ठा करना चाहते हैं लेकिन शिवसेना की असली भीड़ सिर्फ दादर के शिवाजी पार्क मैदान में ही देखने को मिलेगी।

एकनाथ शिंदे गुट के सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री की अगुवाई में उद्धव ठाकरे गुट के करीब 5 विधायक और दो सांसद आज एकनाथ शिंदे गुट का दामन थाम सकते हैं। हालांकि इस पर ना तो शिंदे गुट की तरफ से ही कोई जानकारी दी जा रही है और ना ही उद्धव ठाकरे गुट की तरफ से इस खबर का खंडन किया जा रहा है।

एकनाथ शिंदे ग्रुप की तरफ से रैली के प्रचार के लिए जो वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं उसके जरिए संदेश दिया जा रहा है कि उद्धव ठाकरे ने दिवंगत शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे के विचारों की तिलांजलि दे दी थी जिसके बाद अब हिंदुत्व के मुद्दे को लेकर एकनाथ शिंदे आगे बढ़ रहे हैं। शिंदे गुट की तरफ से यह भी आरोप लगाया जा रहा है कि शिवाजी पार्क के मैदान में भीड़ दिखाने के लिए बड़े पैमाने पर कांग्रेस और एनसीपी के कार्यकर्ताओं को भी बुलाया गया है। वहीं उद्धव ठाकरे गुट की तरफ से भी कहा जा रहा है कि बांद्रा के बीकेसी मैदान में बीजेपी के कार्यकर्ता भी एकनाथ शिंदे की रैली में भीड़ दिखाने के लिए शामिल होंगे।

बता दें कि दशहरा के मौके पर पिछले लगभग 5 दशक से भी ज्यादा समय से शिवसेना मुंबई के शिवाजी पार्क मैदान पर विशेष रैली का आयोजन करती आई है। दशहरा रैली की शुरुआत शिवसेना के दिवंगत नेता बाला साहब ठाकरे ने 1966 में शुरू की थी और तभी से लगातार रैली का आयोजन होता आया है। बाला साहब ठाकरे के निधन के बाद शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे शिवाजी पार्क मैदान में रैली करते आए हैं लेकिन इस साल शिवाजी पार्क में रैली को लेकर उस समय बवाल हो गया था जब शिंदे गुट ने भी शिवाजी पार्क मैदान में रैली करने के लिए आवेदन किया था लेकिन मामला हाईकोर्ट में पहुंच गया था और हाईकोर्ट ने उद्धव ठाकरे खुद को शिवाजी पार्क मैदान में रैली आयोजित करने की इजाजत दे दी थी।

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