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यूएई की मध्यस्थता में चल रही है भारत-पाकिस्तान बातचीत?

यूएई की मध्यस्थता में चल रही है भारत-पाकिस्तान बातचीत?

क्या भारत और पाकिस्तान के बीच कोई अनौपचारिक बातचीत हुई है? क्या देनों देश आपस रिश्तों को सुधारने के लिए ट्रैक टू डिप्लोमेसी के तहत किसी न किसी स्तर पर एक -दूसरे के संपर्क में हैं और स्थितियों को बेहतर बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं?

क्या भारत और पाकिस्तान के बीच कोई अनौपचारिक बातचीत हुई है? क्या देनों देश आपस रिश्तों को सुधारने के लिए ट्रैक टू डिप्लोमेसी के तहत किसी न किसी स्तर पर एक -दूसरे के संपर्क में हैं और स्थितियों को बेहतर बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं?

अंतरराष्ट्रीय समाचार संस्था 'ब्लूमबर्ग' के अनुसार संयुक्त अरब अमीरात का शीर्ष नेतृत्व दोनों देशों के लोगों से लगातार संपर्क में है और दोनों पक्षों से बात कर रहा है। इसका यह भी कहना है कि अबू धाबी ने भारत और पाकिस्तान के लोगों के बीच बात भी करवाई है। यह कहा जा सकता है कि यूएई एक तरह से मध्यस्थता कर रहा है। 

संयुक्त अरब अमीरात की भूमिका

संयुक्त अरब अमीरात के शासक शेख मुहम्मद बिन ज़याद अल नहयान ने अंतरराष्ट्रीय राजनीति में अपने देश की भूमिका तलाशी और मध्य-पूर्व की शांति प्रक्रिया में अहम भूमिका निभाई। इसके बाद उनका ध्यान एशिया की ओर गया।

संयुक्त अरब अमीरात एक ऐसा देश है, जिसका भारत के साथ बहुत ही नज़दीकी का व्यापारिक रिश्ता है, वह भारत को कच्चा तेल और दूसरे तरह के पेट्रोल-उत्पाद देता है और भारत से अपने इस्तेमाल की चीजें आयात करता है। मुसलिम देश होने और लगातार मदद देते रहने के कारण पाकिस्तान के साथ भी उसके अच्छे रिश्ते हैं। 

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नरेंद्र मोदी शेख मुहम्मद बिन ज़याद अल नहयान के साथ अबू धाबी मे।

यूएई की खूबी यह है कि वह कच्चा तेल निर्यातक देशों के संगठन ओपेक में है तो खाड़ी देशों के क्षेत्रीय संगठन गल्फ़ को-ऑपरेशन कौंसिल (जीसीसी) का भी सदस्य है। वह इसलामी देशों के संगठन ऑर्गनाइजेशन ऑफ़ इसलामिक को-ऑपरेशन (ओआईसी) का भी सदस्य है। 

ऐसे में संयुक्त अरब अमीरात ने भारत और पाकिस्तान से अलग-अलग बातें कीं राजनीतिक कटुता कम करने और बातचीत एक बार फिर शुरू करने को कहा। 

भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर नवंबर में अबू धाबी गए, शासक शेख मुहम्मद बिन ज़याद अल नहयान और शहज़ादे से मुलाक़ात की थी। इसके तुरन्त बाद तत्कालीन पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद क़ुरैशी भी अबू धाबी गए थे और उनसे मुलाक़ात की थी।

अबू धाबी से इसलामाबाद फ़ोन

'ब्लूमबर्ग' का दावा है कि 25 फ़रवरी को संयुक्त अरब अमीरात के विदेश मंत्री शेख अब्दुल्ला बिन ज़याद ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान ख़ान को फ़ोन किया और उनसे क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर विचार विमर्श किया।

दिलचस्प बात यह है कि इसके ठीक पहले भारत ने पाकिस्तान वायु सेना को इसकी अनुमति दी थी कि वह इमरान ख़ान का हवाई जहाज़ अपने वायु क्षेत्र से होकर श्रीलंका जे जाए। इसके पहले दोनों देशों ने एक दूसरे को अपने-अपने वायु क्षेत्र के ऊपर से ले जाने पर प्रतिबंध लगा दी थी। 

समझा जाता है कि इसके बाद ही दोनों देशों के सैन्य ऑपरेशन्स महानिदेशक (डीजीएमओ) के बीच बातचीत हुई और उसके बाद 2003 में हुए युद्धविराम को सख़्ती से लागू करने पर सहमति बनी।

पाक सेना के घुड़सवार भारत में

इसके बाद एक बड़ी घटना यह हुई कि भारत टी-20 विश्व कप क्रिकेट टूर्नामेंट में पाकिस्तानी खिलाड़ियों को वीज़ा देने पर राजी हो गया। उसके बाद घुड़सवारी के खेल के टेन्ट पेगिंग इवेन्ट का आयोजन दिल्ली के नज़दीक नोयडा में हुआ और इसमें पाकिस्तानी खिलाड़ियों ने शिरकत की।

यह अधिक अहमियत इसलिए रखता है कि इसका आयोजन जिस इक्वीस्ट्रेन फ़ेडरेशन ने किया था, वह भारतीय सेना चलाती है। इसमें भाग लेने वाले घुड़सवार पाकिस्तानी सेना के थे। इसके पहले भारत ने अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में प्रतिबंधित होने का ख़तरा उठाते हुए पाकिस्तानी खिलाड़ियों वीज़ा नहीं दिया था। 

पुलवामा और उसके बाद

भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्ते 2019 में फरवरी में जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आत्मघाती हमले के बाद एकदम ख़राब हो गए थे। पाकिस्तान-स्थित जैश-ए- मुहम्मद के स्थानीय मोड्यूल के लोगों ने 14 फरवरी को पुलवामा में विस्फोटकों से लदी एक गाड़ी केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल के काफ़िले से टकरा दी थी। इस हमले में सीआरपीएफ़ के 40 जवान व अफ़सर शहीद हुए थे। 

इस कांड के बाद भारत ने पाकिस्तान स्थित जैश ठिकाने पर बमबारी की। जवाबी कर्रवाई में पाकिस्तानी वायु सेना ने जम्मू-कश्मीर में अंदर घुस कर बम गिराया। उसका पीछा करते हुए पाकिस्तानी सीमा में घुस गया हवाई जहाज़ पाकिस्तान एअर फ़ोर्स की चपेट में आया, वह विमान गिरा और भारतीय पायलट अभिनंदन वर्तमान को गिरफ़्तार कर लिया गया। इसलामाबाद ने अभिनंदन को छोड़ दिया, लेकिन भारत-पाकिस्तान रिश्तों में कड़वाहट बढ़ती गई। 

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2019 में हुआ पुलवामा हमला

तल्ख़ी बढ़ी

दोनों देश एक बार फिर अगस्त 2019 में आमने-सामने आ गए जब भारत ने संविधान के अनुच्छेद 370 में संशोधन कर जम्मू-कश्मीर की विशेष स्थिति को ख़त्म कर दिया। इसके बाद सीएए और एनआरसी जैसे मुद्दों पर भी पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की बेहद तीखी आलोचना की। 

ऐसे में उम्मीद की किरण नवंबर 2020 में दिखी जब केंद्र सरकार ने यकायक जम्मू-कश्मीर में मौजूद सुरक्षा बलों की संख्या में भारी कटौती की और वहाँ से बडे़ हिस्से को वापस बुला लिया। उसके बाद ही डीजीएमओ स्तर की बैठक हुई। 

ऐसे में इससे इनकार नहीं किया जा सकता है कि दोनों देशों के बीच कुछ न कुछ बातचीत ज़रूर चल रही है। यदि भारत सार्क या दोतरफा व्यापार में पाकिस्तान को कुछ रियायत दे तो इस पर मुहर लग जाएगी। 

  

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