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दिल्ली: कोरोना के नये केस में से दो-तिहाई घनी बस्तियों से आए, सरकार की चुनौती बढ़ी

दिल्ली: कोरोना के नये केस में से दो-तिहाई घनी बस्तियों से आए, सरकार की चुनौती बढ़ी

दिल्ली में कोरोना संक्रमण के नये मामलों में से दो-तिहाई मामले ऐसी जगहों से आए हैं, जहां पर आबादी बेहद घनी है। 

दिल्ली में कोरोना संक्रमण के नये मामलों में से दो-तिहाई मामले ऐसी जगहों से आए हैं, जहां पर आबादी बेहद घनी है। इन जगहों पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवाना केजरीवाल सरकार, स्वास्थ्य कर्मियों और प्रशासन के लिए बहुत बड़ी चुनौती बन गया है। ये इलाक़े दिल्ली में कोरोना के हॉट स्पॉट भी हैं और इन जगहों पर संक्रमण के फैलने का ख़तरा बहुत ज़्यादा है। 

अंग्रेजी अख़बार टीओआई के मुताबिक़, दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के एक अधिकारी ने कहा कि दिल्ली के 84 कंटेनमेंट ज़ोन ज़्यादातर घनी आबादी वाले इलाक़ों में हैं और इन जगहों से हर दिन नये मामले सामने आ रहे हैं। 

उन्होंने कहा कि इन इलाक़ों, अनाधिकृत कॉलोनियों और शहर का रूप ले चुके गांवों के लिए कुछ और बड़ी रणनीति बनानी होगी। इन इलाक़ों में दिल्ली में कोरोना के पांच रेड हॉट स्पॉट भी हैं। ये रेड हॉट स्पॉट - निज़ामुद्दीन बस्ती, चांदनी महल, तुग़लक़ाबाद एक्सटेंशन, तिलक विहार और जहांगीरपुरी हैं। 

लॉकडाउन का पालन करवाना बेहद मुश्किल

टीओआई के मुताबिक, पूर्वी दिल्ली नगर निगम के एक अधिकारी ने कहा कि त्रिलोकपुरी और कल्याणपुरी जैसे इलाक़ों में लॉकडाउन का पालन करवाना बेहद मुश्किल है। उन्होंने कहा कि यहां लोग घरों से बाहर निकल रहे हैं और रेहड़ी वाले गलियों में घूम रहे हैं। अधिकारी ने कहा कि लोग हालात की गंभीरता को नहीं समझ रहे हैं। 

दक्षिणी दिल्ली नगर निगम की स्थायी समिति के चेयरपर्सन भूपेंद्र गुप्ता ने टीओआई से कहा कि घनी बस्तियों वाले इलाक़े में लोग अपने घरों के बाहर झुंड में बैठे हैं, ताश खेल रहे हैं। उन्होंने कहा कि निर्देशों के बावजूद, सब्जी की रेहड़ी लगाने वाले लोग मास्क और दस्तानों का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं। ऐसे इलाक़ों में संगम विहार, मोलड़बंद, दिल्ली गेट, ब्रम्हापुरी, सीलमपुर, हरि नगर, चांदनी महल, जहांगीरपुरी आदि हैं।  

निश्चित रूप से दिल्ली की केजरीवाल सरकार के सामने इन इलाक़ों में लॉकडाउन का पालन करवाना और यहां सभी लोगों की टेस्टिंग करने की कठिन चुनौती है। दिल्ली देश का अकेला राज्य है, जहां के सभी जिले हॉट स्पाट घोषित किये जा चुके हैं। दूसरी ओर, हर दिन कंटेनमेंट ज़ोन की संख्या बढ़ती जा रही है। 

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