जम्मू एयर बेस पर हुए ड्रोन हमले के बाद कड़ी सुरक्षा चौकसी के बीच बुधवार को फिर से जम्मू में सेना के कैंप के पास ड्रोन देखे गए। यह लगातार चौथा दिन है जब ड्रोन दिखे हैं और अब तक ऐसे 7 ड्रोन को ट्रेस किया जा चुका है। एक दिन पहले ही मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी के साथ इस मसले पर बैठक की। इस दौरान भारत की ड्रोन पॉलिसी को लेकर चर्चा हुई है। भारत ने ड्रोन के मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र में भी उठाया है।
यह घटनाक्रम तब ज़्यादा चर्चा में आया जब रविवार को जम्मू एयर बेस पर दो धमाके हुए और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने इन्हें 'आतंकवादी हमला' क़रार दिया। इसके बाद भी जम्मू में कई ड्रोन दिखाई दिए हैं और इसे लेकर सेना के सभी स्टेशनों को अलर्ट पर रखा गया है। पिछले कई महीनों से जम्मू और पंजाब के सीमाई क्षेत्रों में ऐसे ड्रोन देखे जा रहे हैं।
इस बीच बुधवार को फिर से जब ड्रोन दिखे तो सुरक्षा और चौकसी बढ़ा दी गई। एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार जम्मू के कालूचक और कुंजवानी इलाक़ों में बुधवार तड़के दो ड्रोन देखे गए। इंडिया टुडे ने सूत्रों के हवाले से ख़बर दी है कि ये ड्रोन रक्षा से जुड़े प्रतिष्ठानों के पास उड़ते दिखाई दिए। रिपोर्ट के अनुसार, पहले भी एक ड्रोन कालूचक में मिलिट्री स्टेशन के पास दिखाई दिया था। सोमवार को एक अधिकारी ने कहा कि दो ड्रोन दिखे थे और सेना द्वारा इंटरसेप्ट किए जाने के बाद दोनों ड्रोन वापस चले गए। चौकसी के कारण एक बड़ा ख़तरा टाल दिया गया।
बता दें कि जम्मू में एयर बेस स्टेशन में हमले के मामले की जाँच एनआईए यानी राष्ट्रीय जाँच एजेंसी को सौंप दिया गया है। पहले इस मामले की एफ़आईआर पुलिस थाने में दर्ज की गई थी। इस मामले में रिपोर्टों में कहा गया था कि ड्रोन से हमले की यह साज़िश आतंकियों ने रची थी। भारत में ड्रोन से हमले का यह पहला मामला है।
रिपोर्टों में कहा जा रहा है कि कुछ संवेदनशील जगहों पर ड्रोन को उड़ाने पर पाबंदियाँ लगाई जा सकती हैं।
ऐसा इसलिए कि सेना से जुड़े प्रतिष्ठानों और दूसरे संवेदनशील जगहों पर ड्रोन के आतंकवादियों द्वारा इस्तेमाल किए जाने की आशंका बढ़ रही है। समझा जाता है कि मंगलवार को जब प्रधानमंत्री मोदी ने गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी के साथ बैठक की तो उसमें खुले आकाश में ड्रोन की नीति को लेकर चर्चा की गई।
भारत ने जम्मू एयर बेस पर हुए ड्रोन हमले के मामले को संयुक्त राष्ट्र के सामने भी रखा है। भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासभा को बताया है कि ऐसा मुमकिन है कि हथियारबंद ड्रोन का इस्तेमाल आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए किया जा रहा है और इस ओर संजीदा होकर ध्यान दिए जाने की ज़रूरत है। केंद्रीय गृह मंत्रालय में विशेष सचिव (आंतरिक सुरक्षा) वीएसके कौमुदी ने मंगलवार को कहा कि आतंकी प्रोपेगेंडा, कट्टरवाद को बढ़ावा देने और कैडर्स की भर्ती के लिए इंटरनेट और सोशल मीडिया का, आतंकवाद के लिए धन इकट्ठा करने के मक़सद से नये जमाने के पेमेंट तरीक़ों का ग़लत इस्तेमाल करना जैसी बातें बेहद गंभीर ख़तरा बनकर सामने आई हैं।