मणिपुर में हिंसा रोकने के लिए भेजे गए डीआईजी स्तर के दो अधिकारी
मणिपुर में शांति की बहाली को लेकर गृह मंत्रालय ने प्रयास तेज कर दिए हैं। हिंसा को रोकने के लिए अब यहां सीआरपीएफ की संख्या और जिम्मेदारियां बढ़ाई जा रही हैं। इसको लेकर गृह मंत्रालय के निर्देश पर डीआइजी रैंक को दो अधिकारियों की तैनाती मणिपुर में की जा रही है। इन्हें असम और नगालैंड से भेजा गया है।
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक मणिपुर में हिंसा पर लगाम लगाने के लिए इन दो वरिष्ठ अधिकारियों को यहां भेजने का निर्णय सीआरपीएफ के महानिदेशक सुजॉय लाल थाओसेन ने गृह मंत्रालय के साथ मणिपुर की वर्तमान स्थिति पर चर्चा के बाद लिया है। रिपोर्ट में एक अधिकारी के हवाले से बताया गया है कि यह एक अभूतपूर्व स्थिति है और इससे पहले, मणिपुर में केवल छह कंपनियां तैनात की गई थीं। अब, इसे बढ़ाकर 57 कर दिया गया है और वे कम से कम छह महीने तक वहां रहने वाली हैं, इसलिए उनकी उचित निगरानी होनी चाहिए इसलिए ही इन दो अधिकारियों की तैनाती की गई है।
इससे पहले 18 जुलाई को सीआरपीएफ के आईजी (अभियान) अंशुमन यादव द्वारा जारी एक आदेश में कहा गया है, कि मणिपुर में वर्तमान सुरक्षा परिदृश्य और सीआरपीएफ की तैनाती के बढ़े हुए स्तर को देखते हुए, राज्य के रणनीतिक स्थानों पर डीआईजी स्तर के वरिष्ठ अधिकारियों की निगरानी आवश्यक और महत्वपूर्ण महसूस की गई है। इसलिए मणिपुर में तैनात मौजूदा और अतिरिक्त कंपनियों पर प्रभावी नियंत्रण और पर्यवेक्षण के लिए, डीआईजी(अभियान) कोहिमा और डीआईजी (रेंज) सिलचर को सामरिक मुख्यालय स्थापित करके अस्थायी रूप से तत्काल प्रभाव से मणिपुर में रखा गया है।