साक्षी मलिक के कुश्ती छोड़ने के बाद जाट समाज के सम्मान पर बहस क्यों?
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अपनी मिमिक्री किए जाने को जाति का अपमान बता दिया था, तो अब पहलवान साक्षी मलिक के मामले के बाद जाट समाज के सम्मान के मुद्दे ने तूल पकड़ लिया। साक्षी ने भारतीय कुश्ती महासंघ के चुनाव में बृजभूषण शरण सिंह के क़रीबी संजय सिंह के जीतने से दुखी होकर कुश्ती छोड़ने की घोषणा कर दी है। इस चुनाव में संजय सिंह ने कॉमनवेल्थ खेलों में गोल्ड मेडल जीत चुकी हरियाणा की पहलवान अनीता श्योराण को हराया है।
मिमिक्री को उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ द्वारा अपनी जाति के अपमान से जोड़े जाने के बाद ट्विटर यूज़रों ने साक्षी मलिक के कुश्ती छोड़े जाने का हवाला देते हुए लिखा है कि क्या अब जाटों का अपमान नहीं हो रहा है।
असल में जाट समाज का अपमान आज हुआ हैं, देश की एक बेटी जो देश के लिए ओलंपिक पदक जीत कर लाई आज उसकी निराशाजनक विदाई हम सब भारतीयों के कंधे झुका गई।💔😥 @SakshiMalik#जाट_समाज #जाट_विरोधी_भाजपा pic.twitter.com/3LTKXmeHJA
— Jyaniji भादवा (@Shankarjyani66) December 21, 2023
ट्विटर पर यह प्रतिक्रिया तब आई है जब साक्षी मलिक ने कुश्ती छोड़ने की घोषणा की। डब्लूएफआई के नए अध्यक्ष का चुनाव होने और इसमें संजय सिंह के चुने जाने के बाद पहलवान बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की है। उन्होंने कहा कि बहुत साल लगे हमें हिम्मत जुटाने में तब जाकर हमने रेसलिंग फेडरेशन के अध्यक्ष बृजभूषण के खिलाफ लड़ाई शुुरू की थी लेकिन आज जो चुनाव के नतीजे आए हैं उससे हम निराश हैं। उन्होंने कहा कि वह बृजभूषण का राइट हैंड है जो उसे अपने बेटे से भी अधिक प्रिय है और उसका बिजनेस पार्टनर भी है, वह फेडरेशन का अध्यक्ष बन गया।
संजय कुमार यौन उत्पीड़न के आरोपी निवर्तमान अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के वफादार हैं। यह वही बृजभूषण शरण सिंह हैं जिनपर देश की शीर्ष महिला पहलवानों ने यौन उत्पीड़न के मामले में कार्रवाई करने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया। पुलिस से घसीटीं गईं। मेडल तक को गंगा में बहाने की नौबत आन पड़ी, लेकिन आखिर में उन्हें ऐसा नहीं करने के लिए मना लिया गया। बड़ी मुश्किल से एफ़आईआर दर्ज हो पाई, लेकिन गिरफ़्तारी नहीं हो पाई। उनको उनकी पार्टी से निकाला तक नहीं गया। ऊपर से वह यह तक चेताते रहे कि 'किसमें हिम्मत है मेरा टिकट काटने की'।
कुश्ती महासंघ के चुनाव से ऐन पहले ही उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का मिमिक्री को लेकर जाति के अपमान वाला बयान आया था। जगदीप धनखड़ ने कहा है, '…मुझे इसकी परवाह नहीं है कि आप जगदीप धनखड़ का कितना अपमान करते हैं। लेकिन मैं भारत के उपराष्ट्रपति, किसान समुदाय, अपने समुदाय का (अपमान) बर्दाश्त नहीं कर सकता। मैं यह बर्दाश्त नहीं करूंगा कि मैं अपने पद की गरिमा की रक्षा नहीं कर सका, इस सदन की गरिमा की रक्षा करना मेरा कर्तव्य है।' उपराष्ट्रपति द्वारा ऐसा कहे जाने के बाद सोशल मीडिया यूज़रों ने साक्षी मलिक को लेकर ट्वीट किए।
आज हमारी ओलंपिक मेडलिस्ट बेटी रो रही है ये हो रहा है जाटों का अपमान।
— जाट समाज (@JAT_SAMAAJ) December 21, 2023
अरे जाटों चुल्लू भर पानी में डूब मरो ,अगर तुम अब भी पार्टियों के झंडे उठाते फिर रहे हो।
अपनी बेटियों को रोते देखकर भी तुम्हारा खून नहीं खौला तो समझो तुम्हारा जमींर मर चुका है।#जाट_समाज pic.twitter.com/A78NMbQBxG
ये महज़ साक्षी मलिक का कुश्ती से संन्यास नहीं..
— Ramniwas Choudhary (@MukeshJ38642591) December 22, 2023
तुम्हारी अस्मत, तुम्हारी पगड़ी ,तुम्हारा ज़मीर और जाट समाज को आने वाले समय का आईना दिखाया जा रहा है लेकिन चौधराहट है जो आज मर चुकी है..!! #जाट_समाज pic.twitter.com/yu2BE8YE0P
आज हमारी ओलंपिक मेडलिस्ट बेटी रो रही है ये हो रहा है जाटों का अपमान।
— Sunil choudhary (@Sunilch45250997) December 22, 2023
अरे जाटों चुल्लू भर पानी में डूब मरो ,अगर तुम अब भी पार्टियों के झंडे उठाते फिर रहे हो।
अपनी बेटियों को रोते देखकर भी तुम्हारा खून नहीं खौला तो समझो तुम्हारा जमींर मर चुका है।#जाट_समाज pic.twitter.com/zGHAEXMi4R
बता दें कि बृजभूषण शरण सिंह पर महिला पहलवानों ने गंभीर आरोप लगाए हैं। महिला पहलवानों से यौन उत्पीड़न को लेकर दिल्ली पुलिस की चार्जशीट में कैसरगंज से बीजेपी सांसद बृजभूषण पर यौन उत्पीड़न, छेड़छाड़ और महिला पहलवानों का पीछा करने का आरोप लगाया गया था। दिल्ली पुलिस ने अदालत से कहा है कि आरोपी बृजभूषण सिंह ने महिला पहलवानों का यौन उत्पीड़न करने का कोई मौका नहीं छोड़ा। दिल्ली पुलिस ने कहा कि ताजिकिस्तान में एक कार्यक्रम के दौरान बृजभूषण सिंह ने एक महिला पहलवान को जबरन गले लगाया और बाद में अपने कृत्य को यह कहकर सही ठहराया कि उन्होंने ऐसा एक पिता की तरह किया।
महिला पहलवानों द्वारा दिल्ली में दर्ज कराई गई एफ़आईआर में ऐसी ही यौन उत्पीड़न की शिकायतें की गई हैं। एक पीड़ित पहलवान की शिकायत में कहा गया है कि जिस दिन महिला पहलवान ने एक प्रमुख चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीता, उन्होंने उसे अपने कमरे में बुलाया, उसे उसकी इच्छा के विरुद्ध अपने बिस्तर पर बैठाया और उसकी सहमति के बिना उसे जबरदस्ती गले लगाया। इसमें कहा गया है कि इसके बाद भी वर्षों तक, वह यौन उत्पीड़न के निरंतर कृत्य और बार-बार गंदी हरकतें करते रहे।
दूसरी महिला पहलवानों ने भी यौन उत्पीड़न और दुराचार की कई घटनाओं में छेड़छाड़, ग़लत तरीक़े से छूने और शारीरिक संपर्क का आरोप लगाया है। आरोप लगाया गया है कि इस तरह के यौन उत्पीड़न टूर्नामेंट के दौरान, वार्म-अप और यहाँ तक कि नई दिल्ली में रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया यानी डब्ल्यूएफआई के कार्यालय में भी किया गया। उन्होंने कहा है कि साँस जाँचने के बहाने उनकी छाती और नाभि को ग़लत तरीक़े से पकड़ा गया था।
एक समय पूरे देश को झकझोर देने वाले महिला पहलवानों के ऐसे आरोपों का सामना कर रहे बृजभूषण शरण सिंह को जैसे कुछ फर्क ही नहीं पड़ा! सितंबर महीने में उन्होंने पत्रकारों के सवाल पर चेता दिया था कि उनका टिकट काटने की हिम्मत किसी में नहीं है। उन्होंने कहा था, 'कौन काट रहा है, उसका नाम बताओ। काटोगे आप? ...काटोगे? ....काट पाओ तो काट लेना।'