ट्विटर विवादः भारत सरकार ने कहा- हमारे कानून तो मानने ही होंगे
सरकार ने सोशल मीडिया को एक शक्तिशाली हथियार मानते हुए कहा है कि दुनिया भर में और अपने देश में एक विचार प्रक्रिया चल रही है, जिसमें कहा जा रहा है कि सोशल मीडिया को जवाबदेह बनाया जाना चाहिए। यह बात केंद्रीय आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मंगलवार को कही। उन्होंने बताया कि इसे कैसे जवाबदेह बनाया जाए, इस पर काम चल रहा है।
ट्विटर द्वारा भारत सरकार के आदेशों को अदालत में चुनौती देने के बाद मंत्री ने संवाददाता सम्मेलन के जरिए जवाब देने की कोशिश की।
मंत्री ने कहा कि सोशल मीडिया की जवाबदेही विश्व स्तर पर एक वैध प्रश्न बन गई है। इसे जवाबदेह ठहराना महत्वपूर्ण है, जो पहले सेल्फ रेगुलेशन से शुरू होगा यानी सोशल मीडिया खुद का रेगुलेशन बनाकर सरकार के कानून से तालमेल बिठाए। फिर इसे उद्योग के रूप में रेगुलेशन का पालन करना होगा और उसके बाद सरकार के नियमों का पालन करना होगा।
उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर कंटेंट देने वालों को भी लाभ मिलना चाहिए, क्योंकि ये प्लेटफॉर्म भी तो उससे फायदा उठा रहे हैं।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कंटेंट (ट्वीट्स) हटाने के भारत सरकार के आदेशों को पलटने के लिए ट्विटर द्वारा न्यायिक समीक्षा करने की खबरों के बीच यह घोषणा की गई है।
आईटी मंत्री ने ट्विटर द्वारा भारतीय आदेशों को कानूनी चुनौती देने के बारे कहा कि मोबाइल फोन और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इंटरनेट ने शक्तिशाली और परिवर्तनकारी बदलाव लाए हैं, लेकिन यह जिम्मेदारियों की के साथ आना चाहिए। मंत्री ने जोर देकर कहा कि सोशल मीडिया और डिजिटल दुनिया को और अधिक जवाबदेह बनाने की जरूरत है। उन्होंने कहा-
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चाहे वह कोई भी कंपनी हो, किसी भी क्षेत्र में हो, उन्हें भारत के कानूनों का पालन करना चाहिए। संसद द्वारा पारित कानूनों का पालन करना सभी की जिम्मेदारी है।
-अश्विनी वैष्णव, केंद्रीय आईटी मंत्री
भारत सरकार का यह पक्ष तब आया है, जब ट्विटर ने मंगलवार को भारत सरकार पर मुकदमा दायर किया। भारत सरकार ने ट्विटर से भारत के भीतर सामग्री को हटाने और खातों को ब्लॉक करने का कड़ा आदेश दिया था। इसी आदेश को ट्विटर ने चुनौती दी है।
कंपनी ने कहा कि यह मुकदमा बेंगलुरु में कर्नाटक हाईकोर्ट में दायर किया गया है, जो ट्विटर के अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई की धमकी के बाद किया गया है। सरकार ने ट्विटर के अधिकारियों को धमकी दी थी कि अगर वे आदेश का पालन करने में नाकाम रहे तो उन पर कार्रवाई होगी।
यह मामला अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी उछल सकता है। क्योंकि विदेशी मीडिया ने इसे रिपोर्ट करना शुरू कर दिया है। तमाम विदेशी अखबारों में मंगलवार के घटनाक्रम पर रिपोर्ट आने लगी हैं।