+
ट्रंप का दावा : युद्ध के क़रीब थे भारत-चीन, दोनों देशों से कर रहे हैं बात

ट्रंप का दावा : युद्ध के क़रीब थे भारत-चीन, दोनों देशों से कर रहे हैं बात

भारत और चीन में बढ़ते तनाव के बीच अमेरिका ने दावा किया है कि वह दोनों देशों के संपर्क में है, उनसे बात कर रहा है और मामले को निपटाने में उनकी मदद कर रहा है। 

भारत और चीन में बढ़ते तनाव के बीच अमेरिका ने दावा किया है कि वह दोनों देशों के संपर्क में है, उनसे बात कर रहा है और मामले को निपटाने में उनकी मदद कर रहा है। 

राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने शनिवार को वाशिंगटन में कहा,  'यह बहुत ही कठिन स्थिति है। हम भारत से बात कर रहे हैं, हम चीन से बात कर रहे हैं। उनके साथ बहुत बड़ी समस्या है।' उन्होंने पत्रकारों से कहा,  

'भारत और चीन में लड़ाई होते होते बची है, हम देखते हैं कि क्या होता है। हम उनकी मदद करने की कोशिश करेंगे।'


डोनल्ड ट्रंप, राष्ट्रपति, अमेरिका

'युद्ध के क़रीब थे भारत-चीन'

ट्रंप का इशारा गलवान घाटी में भारतीय और चीनी सैनिकों में हुई झड़प की ओर था, जिसमें 20 भारतीय सैनिक मारे गए। 

अमेरिका ने इसके पहले भी इस मुद्दे पर दिलचस्पी दिखाई थी और कहा था कि जिस समय भारत कोरोना संक्रमण से लड़ रहा है, चीन ने उसका फ़ायदा उठाते हुए सीमा पर तनाव बढ़ा दिया। 

ट्रंप के इस बयान के एक दिन पहले यानी शुक्रवार को अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पॉम्पिओ ने भी भारत-चीन तनाव पर चिंता जताई थी। उन्होंने कहा था, 'पीएलए (पीपल्स लिबरेशन आर्मी)  ने भारत की सीमा पर तनाव बढ़ा दिया है, जो दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है। चीन दक्षिण चीन सागर का सैन्यीकरण कर रहा है और ग़ैरक़ानूनी ढंग से बड़े हिस्से पर दावा कर रहा है, यह महत्पूर्ण समुद्री रास्ते के लिए भी ख़तरा पैदा कर रहा है।'

'रोग एक्टर'

पॉम्पिओ ने इसी दिन कोपेनहेगन लोकतंत्र शिखर सम्मेलन 2020 में भाग लेते हुए चीन पर हमला बोला। इस वर्चुअल भाषण में उन्होंने चीन को 'रोग एक्टर' (यानी 'दुष्ट कलाकार') क़रार दिया। 

इसके पहले इसी सप्ताह राष्ट्रपति भवन के प्रेस सचिव केले मैकएनेनी ने कहा था कि 'भारत-चीन की स्थितियों से राष्ट्रपति अवगत हैं, वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत और चीन की सेनाओं की स्थिति पर अमेरिका नज़र रखे हुए है।' 

ट्रंप की पेशकश

इसके पहले अमेरिकी राष्ट्रपति ने भारत और चीन में मध्यस्थता करने की पेशकश की थी। ट्रंप ने ट्वीट कर कहा था, ‘मैंने भारत और चीन, दोनों को बता दिया है कि अमेरिका दोनों के बीच मध्यस्थता करने के लिए तैयार है, इच्छुक भी है और सक्षम भी।’ ट्वीट में उन्होंने यह नहीं बताया था कि उन्होंने चीन और भारत को मध्यस्थता करने के बारे में कब बताया है।

चीन ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप के सीमा विवाद को लेकर भारत के साथ मध्यस्थता करने के ऑफ़र को ठुकरा दिया। चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा है कि दोनों देश आपसी बातचीत के जरिये इस मुद्दे को सुलझाने में सक्षम हैं। इससे पहले भारत ने भी अमेरिका की इस पेशकश को ठुकराते हुए कहा था कि वह चीन के साथ बातचीत कर रहा है और सीमा विवाद को शांति के साथ सुलझाना चाहता है। 

इसके बाद ट्रंप ने एक नया बयान दिया और कहा कि चीन के साथ सीमा विवाद को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ‘अच्छे मूड’ में नहीं हैं। ट्रंप ने कहा है कि उन्होंने इस बारे में मोदी से बात की है। 

व्हाइट हाउस में पत्रकारों से बातचीत के दौरान ट्रंप ने भारत और चीन के बीच सीमा विवाद को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा था, ‘भारत और चीन के बीच बड़ा संघर्ष चल रहा है। दोनों देशों की 1.4 अरब की आबादी है। दोनों के पास ताक़तवर सेना है। भारत ख़ुश नहीं है और ऐसा लगता है कि चीन भी ख़ुश नहीं है।’ 

सत्य हिंदी ऐप डाउनलोड करें