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ट्रम्प के हमलावर की पहचान हुई, 4 गोलियां चलाईं, मकसद क्या था

ट्रम्प के हमलावर की पहचान हुई, 4 गोलियां चलाईं, मकसद क्या था

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनॉल्ड ट्रम्प पर शनिवार शाम को जानलेवा हमला किया गया। इस हमले के पीछे मारा गया हमलावर कौन था, एफबीआई की जांच का दायरा क्या है। जानिएः

अमेरिका में ट्रम्प पर जानलेवा हमले की जांच एफबीआई को सौंपी गई है। एफबीआई इसे ट्रम्प की हत्या की कोशिश के नजरिए से जांच करेगी। जांच अधिकारियों का कहना है कि ट्रम्प की रैली में गोलीबारी करने वाला हमलावर पेंसिल्वेनिया का एक 20 वर्षीय व्यक्ति था। एफबीआई ने रविवार को उसकी पहचान 20 वर्षीय थॉमस मैथ्यू क्रुक्स के रूप में की। रविवार को एफबीआई ने बताया कि थॉमस मैथ्यू क्रुक्स पेंसिल्वेनिया के बेथेल पार्क का निवासी था। राज्य के मतदाता रिकॉर्ड के अनुसार, वह एक रजिस्टर्ड रिपब्लिकन समर्थक था। उसकी गोलीबारी से रैली में एक व्यक्ति की मौत हो गई और दो लोग घायल हो गए। आसपास मौजूद सीक्रेट एजेंट्स ने हमलावर को फौरन मार डाला। 

ट्रम्प की हत्या की कोशिश के पीछे छिपे मकसद का पता अभी तक नहीं चल सका है। एफबीआई का कहना है कि हमलावर के मारे जाने से इस मकसद का पता लगाने के लिए कड़ी मेहनत करना होगी।


यह गोलीबारी ऐसे समय हुई है जब अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में चार महीने से कम का समय बचा है। चुनाव 5 नवंबर को होना है। ट्रम्प डेमोक्रेटिक राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ दोबारा चुनावी मुकाबला करेंगे। अधिकांश जनमत सर्वे में दोनों के बीच कड़ा मुकाबला दिखाई दे रहा है।

थॉमस की कार में विस्फोटक थे

वॉल स्ट्रीट जर्नल के अनुसार थॉमस मैथ्यू क्रुक्स की कार में विस्फोटक उपकरण थे, जिसे वह ट्रम्प रैली में ले गया था। पुलिस का कहना है कि उन्हें संदिग्ध के पास इस पैकेट होने की सूचना मिली थी। डब्लूएसजे ने बताया, "पुलिस को जहां शूटर था, उसके आसपास संदिग्ध पैकेटों की कई रिपोर्टें मिलीं। अधिकारियों ने उन्हें बम तकनीशियनों को भेज दिया। जांचकर्ता अभी भी यह तय नहीं कर पा रहे हैं कि आखिर हत्या का मकसद क्या था। उन्होंने क्रुक्स के घर की भी तलाशी ली और उसके परिवार से बात की।" एफबीआई अब भी यही कह रही है कि इसका कोई स्पष्ट मकसद नहीं नजर आ रहा है।

गोलीबारी ने सीक्रेट सर्विस की सुरक्षा विफलताओं पर तत्काल सवाल खड़े कर दिए, जो ट्रम्प सहित पूर्व राष्ट्रपतियों को आजीवन सुरक्षा प्रदान करती है। 1981 में रिपब्लिकन राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन की हत्या के प्रयास के बाद यह प्रमुख पार्टी के किसी उम्मीदवार पर पहला हमला है।

क्या चार गोलियां चली थीं

रैली में ट्रम्प समर्थक रॉन मूस ने रॉयटर्स को बताया उन्होंने चार गोलियों की आवाजें सुनी थीं। उन्होंने कहा, "मैंने भीड़ को नीचे जाते देखा और फिर ट्रम्प भी तुरंत पीछे हट गए। फिर सीक्रेट सर्विस के सभी लोग कूद पड़े और और उनकी रक्षा की।" बीबीसी ने एक व्यक्ति का इंटरव्यू लिया जिसने खुद को प्रत्यक्षदर्शी बताया और कहा कि उसने राइफल से लैस एक व्यक्ति को घटना के पास छत पर रेंगते हुए देखा। उसने कहा कि उसने और उसके साथ मौजूद लोगों ने सीक्रेट एजेंट्स को सचेत करने की कोशिश करते हुए उस व्यक्ति की ओर इशारा किया।

सीक्रेट सर्विस एजेंट्स क्या कर रहे थे

ट्रम्प समर्थकों ने सीक्रेट सर्विस की आलोचना की, जिस पर पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति के रूप में ट्रम्प की सुरक्षा की पहली जिम्मेदारी है। ट्रंप के अरबपति सहयोगी एलोन मस्क ने सीक्रेट सर्विस एजेंसी के नेतृत्व से इस्तीफा देने का आग्रह किया। सोशल मीडिया साइट रिपब्लिकन हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स के अध्यक्ष माइक जॉनसन ने सोशल मीडिया पर कहा कि सदन में "सीक्रेट सर्विस निदेशक किम्बर्ली चीटल और डीएचएस (होमलैंड सिक्योरिटी विभाग) और एफबीआई के अन्य उपयुक्त अधिकारी जल्द से जल्द हमारी समितियों के समक्ष सुनवाई के लिए उपस्थित होंगे।"

सीक्रेट सर्विस ने गोलीबारी के तुरंत बाद कहा कि उसने जांच शुरू कर दी है और राष्ट्रपति जो बाइडेन को जानकारी दी है, हालांकि एजेंसी ने अपने प्रोटोकॉल के संबंध में टिप्पणी के अतिरिक्त अनुरोधों का तुरंत जवाब नहीं दिया। पेंसिल्वेनिया राज्य पुलिस ने कहा कि मीडिया सीक्रेट सर्विस से इस बारे में बात करे। उसके पास कोई सूचना नहीं है।

ट्रम्प के कुछ रिपब्लिकन सहयोगियों ने कहा कि उनका मानना ​​है कि हमला राजनीति से प्रेरित था। अमेरिकी प्रतिनिधि स्टीव स्कैलिस ने कहा- "हफ़्तों से डेमोक्रेट नेता हास्यास्पद उन्माद फैला रहे हैं कि डोनाल्ड ट्रम्प का दोबारा चुनाव जीतना अमेरिका में लोकतंत्र का अंत होगा।" स्टीव स्कैलिस, नंबर 2 हाउस रिपब्लिकन हैं जो 2017 में राजनीति से प्रेरित गोलीबारी में बच गए थे। उन्होंने कहा कि इससे पहले वामपंथी भी इसी तरह की हिंसक बयानबाजी करते रहे है। यह भड़काऊ बयानबाजी बंद होनी चाहिए।"

रिपब्लिकन अमेरिकी सीनेट के उम्मीदवार डेविड मैककॉर्मिक, जो रैली में पहली लाइन में बैठे थे, ने कहा कि वह मंच पर जाने लगे थे तो ट्रम्प ने उनसे कहा कि वह उनके पास बाद में आएंगे। उन्होंने रॉयटर्स को बताया, "एक या दो मिनट के भीतर, मैंने गोलियों की आवाज़ सुनी... यह स्पष्ट था कि यह गोलीबारी थी। ऐसा लगा जैसे यह हत्या का प्रयास है... यह भयानक है।"

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