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क्लोरोक्वीन दवा के लिए ट्रंप ने मोदी को कहा धन्यवाद

क्लोरोक्वीन दवा के लिए ट्रंप ने मोदी को कहा धन्यवाद

अमेरिका और ब्राज़ील के राष्ट्रपतियों ने हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवा देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निजी तौर पर धन्यवाद कहा है।

अमेरिका और ब्राज़ील के राष्ट्रपतियों ने हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवा देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निजी तौर पर धन्यवाद कहा है।

थैंक्यू प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी!

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने बुधवार को कहा कि संकट के इस दौर में भारत की इस मदद को नहीं भुलाया जाएगा। उन्होंने कहा, 'असाधारण समय में दोस्तों के बीच और अधिक सहयोग की ज़रूरत होती है। हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवा के लिए भारतीय प्रधानमंत्री और भारत की जनता को धन्यवाद! इसे नहीं भुलाया जाएगा। थैंक्यू प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी!'

राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि भारत से 2.90 करोड़ हॉइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन टिकिया की पहली खेप चल चुकी है और उन्हें जल्द ही सारी दवाएँ मिल जाएँगी।

भारत को दी थी चेतावनी

इसके पहले ट्रंप ने टेलीफ़ोन कर नरेंद्र मोदी से आग्रह किया था कि क्लोरोक्वीन दवा के निर्यात पर लगा प्रतिबंध हटा लिया जाए।

लेकिन उसके दो दिन बाद ही अमेरिकी राष्ट्रपति ने एक वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस में भारत को चेतावनी देते हुए कहा था कि यदि क्लोरोक्वीन दवा पर लगा प्रतिबंध नहीं हटाया गया तो वह भारत के ख़िलाफ़ बदले की कार्रवाई करेंगे।

ब्राजील ने भी कहा, शुक्रिया!

ब्राज़ील के राष्ट्रपति जेअर बोसोनेरो ने भी क्लोरोक्वीन दवा की आपूर्ति के लिए भारत को धन्यवाद कहा है। उन्होंने कहा : 

'भारत के प्रधानमंत्री के साथ मेरी सीधी बातचीत का नतीजा यह निकला है कि हमें कच्चा माल मिलेगा और हम हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवा का उत्पादन कर सकेंगे। हम इस दवा से कोरोना के अलावा मलेरिया और ल्युपस रोगों का इलाज भी कर सकेंगे।'


जेअर बोसोनेरो, राष्ट्रपति, ब्राज़ील

इसके आगे उन्होंने कहा, 'मैं बिल्कुल सही समय पर इस मदद के लिए भारत के प्रधानमंत्री और वहाँ की जनता को धन्यवाद कहना चाहता हूँ।' 

बता दें कि क्लोरोक्वीन दवा कुनैन से बनायी जाती है और कुनैन सिनकोना की छाल से तैयार किया जाता है। पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी और उसके आसपास के इलाक़ों में बड़े पैमाने पर सिनकोना की खेती होती है। 

रामायण का हवाला

राष्ट्रपति बोसोनेरो ने इसके पहले प्रधानमंत्री मोदी को ख़त लिख कर रामायण का हवाला देते हुए दवा के लिए कच्चे माल की आपूर्ति करने का आग्रह किया था। उन्होंने कहा था, 'जिस तरह भगवान राम के भाई लक्ष्मण के प्राण बचाने के लिए भगवान हनुमान हिमालय से पवित्र औषधि लाए थे,  उसी तरह यीशु ने बीमार लोगों को ठीक कर दिया था..., भारत और ब्राजील सभी लोगों की ख़ातिर अपनी शक्तियों और वरदानों को साझा कर इस वैश्विक संकट से पार पा लेंगे।'

बता दें कि भारत के कुछ धारावाहिक ब्राज़ील में बहुत लोकप्रिय हुए हैं। वहाँ पुर्तगाली भाषा में डब कर ये धारावाहिक दिखाए गए हैं।

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