हिट-एंड-रन' कानून के खिलाफ चल रही ट्रक ड्राइवरों की हड़ताल खत्म
‘हिट-एंड-रन’ दुर्घटना मामलों पर कानून में किए जा रहे संशोधन के खिलाफ देश के करीब 8 राज्यों में बीते दो दिनों से चल रही ट्रक ड्राइवरों की हड़ताल अब खत्म हो गई है।
नए दंड कानून में स़ड़क दुर्घटना के बाद किसी की मृत्यु होने पर इसके जिम्मेदार ड्राइवर के भागने की स्थिति में उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई करने की बात कही गई है।
इसके लागू हो जाने के बाद इस तरह के केस में 7 लाख का जुर्माना और 10 वर्ष की जेल का प्रावधान होगा। ट्रक ड्राइवरों की हड़ताल के कारण देश भर में आवाजाही प्रभावित हुई है।
जनजीवन को प्रभावित होता देख मंगलवार को केंद्र सरकार ने अखिल भारतीय परिवहन कांग्रेस के प्रतिनिधियों से बात की है। अखिल भारतीय परिवहन कांग्रेस के आह्वान पर ही ट्रक ड्राइवर विभिन्न राज्यों में हड़ताल पर थे।
गृह सचिव के साथ वार्ता के बाद ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस ने ड्राइवरों से हड़ताल खत्म करने और काम पर लौटने की अपील की है। संगठन की ओर से कहा गया है कि अभी सरकार के साथ बातचीत जारी रहेगी।
ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के चेयरमैन बल मलकीत ने इस वार्ता के बाद कहा है कि भारतीय न्याय संहिता के मसले पर हमारी गृह सचिव से मुलाकात और वार्ता हुई है। अब हमें कोई दिक्कत नहीं है, हमने उनसे अपनी मांगे बताई है। अब हमारे सभी मसलों का समाधान होता दिख रहा है।
एनडीटीवी की एक रिपोर्ट के मुताबिक इस वार्ता के बाद केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने कहा, है कि हमने आज अखिल भारतीय परिवहन कांग्रेस के प्रतिनिधियों से चर्चा की है। सरकार ये बताना चाहती है कि नए कानून एवं प्रावधान अभी लागू नहीं हुए हैं।
उन्होंने कहा है कि हम यह भी कहना चाहते हैं कि भारतीय न्याय संहिता की धारा 106(2) लागू करने से पहले अखिल भारतीय परिवहन कांग्रेस से विचार विमर्श करने के बाद ही निर्णय लिया जाएगा।
इस रिपोर्ट के मुताबिक यह वार्ता हड़ताल खत्म करने को लेकर काफी अहम मानी जा रही है। गृह मंत्रालय ने उनकी मुख्य मांग आपराधिक कानून को लागू करने से पहले परामर्श करने का आश्वासन दिया है। गृह सचिव अजय भल्ला ने यह भी कहा कि परिवहन संघ की मुख्य मांग पूरी कर दी गई है और कार्यान्वयन से पहले सभी हितधारकों के साथ परामर्श किया जाएगा।
ट्रक ड्राइवरों में नए कानून से फैला डर
ट्रक ड्राइवरों का यह आंदोलन भारतीय न्याय संहिता 2023 में प्रस्तावित संशोधन के बाद हिट एंड रन से जुड़े मामलों में दोषी पाये जाने पर ड्राइवरों पर 7 लाख रुपए तक का जुर्माना लगाने और 10 वर्ष तक की जेल के प्रावधान को लेकर चल रहा था।ड्राइवरों का कहना है कि उनकी आय काफी कम होती है ऐसे में वह 7 लाख का जुर्माना कहां से भरेंगे। जुर्माना न भर पाने या अपने केस की सही तरीके से पैरवी नहीं कर पाने के कारण कम आय वाले ड्राइवर जेल जाएंगे।
कानून में हो रहे इस संशोधन के विरोध में देश के विभिन्न राज्यों में ट्रक ड्राइवरों ने अपना काम बंद रखा और धरना प्रदर्शन भी किया।
सोमवार को ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के अध्यक्ष अमृत मदान ने मीडिया से बातचीत में कहा था कि इस प्रस्तावित कानून के पीछे सरकार की नीयत ठीक है लेकिन प्रस्तावित कानून में कई खामियां हैं जिन्हें दूर करने की जरूरत है।
उन्होंने कहा था कि देश की अर्थव्यवस्था में परिवहन क्षेत्र और ट्रक ड्राइवरों का बड़ा योगदान है। देश इस समय वाहन चालकों की कमी से जूंझ रहा है लेकिन सरकार इस ओर ध्यान नहीं दे रही है।
अगर इस प्रस्तावित कानून के जरिये सजा को 10 वर्ष कर दिया गया और जुर्माना 7 लाख रहा तो बड़ी संख्या में ट्रक ड्राइवर नौकरी छोड़ने को मजबूर हो जाएंगे।