+
जेएनयू: स्टिंग ऑपरेशन से नाराज़ ट्रोल आर्मी ने राहुल कंवल और ‘इंडिया टुडे’ को बनाया निशाना

जेएनयू: स्टिंग ऑपरेशन से नाराज़ ट्रोल आर्मी ने राहुल कंवल और ‘इंडिया टुडे’ को बनाया निशाना

ट्रोल आर्मी ने जेएनयू हिंसा का ख़ुलासा करने वाले अंग्रेजी न्यूज़ चैनल ‘इंडिया टुडे’ और इसके डायरेक्टर, न्यूज़ राहुल कंवल के ख़िलाफ़ मोर्चा खोल दिया है।

जेएनयू में हुई हिंसा के बाद सोशल मीडिया पर दिन-रात तमाशा करने वाली ट्रोल आर्मी फिर से बौखला गई है। जेएनयू के छात्रों के समर्थन में उतरने वाली फ़िल्म अदाकारा दीपिका पादुकोण को पाकिस्तानी, जेहादी और देशद्रोही बताने वाली ट्रोल आर्मी ने जेएनयू हिंसा का ख़ुलासा करने वाले अंग्रेजी न्यूज़ चैनल ‘इंडिया टुडे’ और इसके डायरेक्टर, न्यूज़ राहुल कंवल के ख़िलाफ़ मोर्चा खोल दिया है। ट्रोल आर्मी ने इस काम में अपने उन 'समर्थकों' को लगा दिया है जो कुछ दिन पहले ही ‘छपाक’ फ़िल्म में नदीम ख़ान का नाम राजेश करने का झूठ फैलाकर मुंह की खा चुके हैं। 

‘इंडिया टुडे’ के स्टिंग ऑपरेशन में जेएनयू में बीए फ़्रेंच के फ़र्स्ट इयर के छात्र अक्षत अवस्थी चैनल के अंडर कवर रिपोर्टर से कहते हैं कि उन्होंने इस हमले का और हमला करने वाली भीड़ का नेतृत्व किया है। अक्षत अवस्थी का दावा है कि वह एबीवीपी से जुड़े हैं। ‘इंडिया टुडे’ ने स्टिंग दिखाते वक़्त कई बार इस बात को कहा कि चैनल यह नहीं कहता कि यह हिंसा एबीवीपी ने कराई है। बस वह दो लोगों का स्टिंग दिखा रहा है जिन्होंने ख़ुद इस बात को क़बूला है कि वे हिंसा में शामिल थे और कैसे उन्हें पुलिस ने मदद की, इस बारे में भी उन्होंने बताया है। 

लेकिन दक्षिणपंथी ट्रोल आर्मी इसके बाद से ही तिलमिलाई हुई है। उसने ट्विटर पर इस स्टिंग ऑपरेशन के ख़िलाफ़ हमला बोल दिया और पत्रकार राहुल कंवल के ख़िलाफ़ #RahulKanwalDallaHai ट्रेंड करा दिया। थोड़ी ही देर में पूरी ट्रोल आर्मी ने इस पर हज़ारों ट्वीट करा दिये। 

एकता नाम की ट्विटर यूज़र ने ट्वीट किया कि ‘इंडिया टुडे’ एबीवीपी को एक्सपोज करना चाहता था लेकिन उसने ख़ुद को ही एक्सपोज कर लिया। ट्रोल आर्मी का दावा है कि ‘इंडिया टुडे’ ने स्टिंग ऑपरेशन में दो महीने पुराना वीडियो चला दिया। अपने दावे के समर्थन में उन्होंने हिंदी चैनल ‘आज तक’ का एक स्क्रीनशॉट वायरल किया है, जिसमें 22.10.2019 की तारीख़ लिखी है। ‘इंडिया टुडे’ टीवी टुडे ग्रुप का अंग्रेजी चैनल है जबकि ‘आज तक’ हिंदी चैनल है। 

गीतिका स्वामी नाम की ट्विटर यूज़र ने एक वीडियो ट्वीट किया है जिसमें उन्होंने दावा किया है कि वामपंथी कार्यकर्ता एबीवीपी के छात्रों को मार रहे हैं। उनका दावा है कि एबीवीपी के कार्यकर्ता सर्वर रूम को बचाने की कोशिश कर रहे हैं। उनका कहना है कि राहुल कंवल और इंडिया टुडे इन गुंडों को बचाने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। लेकिन गीतिका स्वामी को दो बातें समझनी चाहिए, पहला यह कि इंडिया टुडे ने अपने स्टिंग ऑपरेशन में वामपंथी नेता गीता कुमारी को भी एक्सपोज किया है। दूसरा यह कि इससे एबीवीपी के कथित कार्यकर्ताओं का टीचर्स और छात्रों को पीटने का पाप कम नहीं हो सकता है। 

चितरंजन पपनै नाम के एक ट्विटर यूज़र एक क़दम आगे बढ़ गए और उन्होंने कांग्रेस सांसद शशि थरूर का राहुल कंवल के साथ एक फ़ोटो ट्वीट कर लिखा कि इंडिया टुडे की स्पेशल इनवेस्टिगेशन टीम के मुखिया राहुल कंवल हैं जो सुनंदा मर्डर केस की जांच कर रहे हैं। सुनंदा शशि थरूर की पत्नी थीं जो दिल्ली के एक पांच सितारा होटल में मृत पाई गई थीं। 

इसके बाद दक्षिणपंथी ट्रोल आर्मी के साथ-साथ बीजेपी के बड़े पदाधिकारी भी राहुल कंवल और इंडिया टुडे के ख़िलाफ़ ज़हर उगलने लगे। मुंबई बीजेपी के प्रवक्ता सुरेश नखुआ ने कहा कि राहुल कंवल ने 22 अक्टूबर, 2019 को रिकॉर्ड किये गये वीडियो को 9 जनवरी, 2020 को चला दिया। नखुआ ने कहा कि अरूण पुरी, इंडिया टुडे, आज तक और राहुल गाँधी, सोनिया गाँधी और कांग्रेस के बीच में क्या पक रहा है। उन्होंने दिल्ली पुलिस से पूछा है कि क्या दिल्ली पुलिस इसकी जांच करेगी। 

ख़ुद को दक्षिणपंथी बताने वाले एक और शख़्स ने ऐसा ही ट्वीट किया और लिखा कि राहुल कंवल ने 2-3 महीने पहले रिकॉर्ड किया गया पुराना टेप चला दिया और ऐसा उन्होंने तथ्यों को तोड़ने-मरोड़ने के लिए किया। उन्होंने लिखा कि इंडिया टुडे पर धिक्कार है। इन ट्विटर यूज़र का नाम हिंतेंद्र बंसल है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन्हें फ़ॉलो करते हैं। 

प्रिया राठौड़ नाम की ट्विटर यूजर ने लिखा कि राहुल कंवल और आज तक की क्या यही पत्रकारिता है। इस ट्विटर यूज़र ने लिखा, ‘तुम लोग आख़िर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इतनी नफ़रत क्यों करते हो और इसीलिए तुम लोग 2-3 महीने पुराने वीडियो को अब दिखा रहे हो।’ 

दक्षिणपंथी ट्रोल आर्मी और बीजेपी के नेताओं ने इस वीडियो को 22 अक्टूबर का बताने से पहले इतना भी दिमाग नहीं लगाया कि आख़िर 5 जनवरी को हुई किसी घटना के बारे में कोई शख़्स 22 अक्टूबर को कैसे बता देगा कि उसने हमले का नेतृत्व किया था, उसने लोग इकट्ठा किये थे या योजना बनाई थी। कुल मिलाकर यह फूहड़ बात है जिसका कोई आधार नहीं है।

यह वही दक्षिणपंथी ट्रोल आर्मी है जो बीजेपी का समर्थन करने पर जिस आदमी को देशभक्त बताती है, इनके मनमुताबिक़ न बोलने पर उसी को देशद्रोही, पाकिस्तानी बता देती है। जैसा हमने दीपिका पादुकोण के मामले में देखा। इसी ट्रोल आर्मी ने रफ़ाल सौदे में कथित गड़बड़ियों को लेकर ख़बरें छापने पर अंग्रेजी अख़बार ‘द हिंदू’ के संपादक एन. राम के लिए #NRamDallaHai ट्रेंड कराया था जबकि 1989 में कथित बोफ़ोर्स घोटाले के बारे में ख़बरें छापने पर ये लोग इन्हीं एन. राम की तारीफ़ें किया करते थे। कुल मिलाकर ट्रोल आर्मी चाहती है कि उनके मन मुताबिक़ बोला जाए, लिखा जाए।

सत्य हिंदी ऐप डाउनलोड करें