+
सीबीआई: तृणमूल नेता अभिषेक बनर्जी की पत्नी तलब

सीबीआई: तृणमूल नेता अभिषेक बनर्जी की पत्नी तलब

पश्चिम बंगाल में चुनाव शुरू होने से पहले ही मची चुनावी हलचल के बीच अब सीबीआई की एक कार्रवाई हुई है। ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी के घर सीबीआई पहुँची है और उनकी पत्नी से कोयला तस्करी मामले की जाँच में शामिल होने को कहा है। 

पश्चिम बंगाल में चुनाव शुरू होने से पहले ही मची चुनावी हलचल के बीच अब सीबीआई ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे और तृणमूल कांग्रेस नेता अभिषेक बनर्जी की पत्नी रूजीरा नरूला के ख़िलाफ़ कार्रवाई की है। तृणमूल कांग्रेस के कद्दावर नेता अभिषेक के घर सीबीआई पहुँची और उनकी पत्नी से कोयला तस्करी मामले की जाँच में शामिल होने को कहा है।

'एनडीटीवी' ने सूत्रों के हवाले से ख़बर दी है कि सीबीआई टीम रविवार को कोलकाता में सांसद अभिषेक बनर्जी के घर पहुँची और उनकी पत्नी को समन दिया। समझा जाता है कि इस कार्रवाई के बाद राज्य में राजनीतिक माहौल गरमाएगा और आरोप-प्रत्यारोपों का दौर शुरू होगा। ममता बनर्जी की तृणमूल और बीजेपी के बीच अक्सर तीखी नोकझोक होती रही है। अब जब विधानसभा चुनाव होने हैं तो इस मामले को और ज़्यादा तूल पकड़ने का अंदेशा है। 

बता दें कि सीबीआई ने पूर्वी कोलफील्ड लिमिटेड के कुनुस्तोरिया और कजोरिया कोयला क्षेत्रों से अवैध खनन और कोयले की चोरी की जाँच के लिए पिछले साल नवंबर में मामला दर्ज किया था। इस मामले में एजेंसी जाँच कर रही है। 

आरोप यह है कि कोयला माफिया ने बंगाल की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को नियमित रूप से घूस दी। आरोप यह भी है कि घूस की राशि को पार्टी के युवा नेता विनय मिश्रा के माध्यम से चलाया गया जो मामले में जाँच के दायरे में हैं और फ़िलहाल फ़रार हैं। एजेंसी ने उनके ख़िलाफ़ गैर-जमानती वारंट जारी किया है। हालाँकि, अभी तक यह साफ़ नहीं है कि अभिषेक बनर्जी की पत्नी से सीबीआई क्या पूछना चाहती है या क्या उसे उस केस से कोई संबंध मिला है?

अभिषेक बनर्जी को ममता बनर्जी का राजनीतिक वारिश माना जाता है और हाल के दिनों में पार्टी से कई नेताओं के छोड़ने के पीछे भी एक कारण इसे बताया जाता रहा है। तृणमूल से कई नेता छोड़कर बीजेपी में शामिल हो चुके हैं। क्योंकि जल्द ही राज्य में चुनाव होने हैं तो बीजेपी और तृणमूल के बीच इसको लेकर भी तीखी प्रतिक्रियाएँ चल रही हैं। 

यह जंग परिवार तक तब पहुँच गई जब क़रीब 10 दिन पहले ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी को निशाने पर लिया था।

बंगाल दौरे पर पहुंचे शाह ने कूच बिहार में कहा था, 'मोदी सरकार ग़रीबों के कल्याण के लिए है जबकि ममता सरकार भतीजे के कल्याण के लिए है। अगर दिलीप घोष यहाँ लड़ाई नहीं लड़ रहे होते तो वो वह अपने भतीजे को मुख्यमंत्री बनाने का एलान कर देतीं।'

अमित शाह के हमले के दो दिन बाद ही ममता ने भी शाह के बेटे जय शाह को बीच में लाकर इसका जोरदार जवाब दिया। ममता ने कहा, 'वे बुआ-भतीजा कह रहे हैं। लेकिन आपके बेटे के बारे में क्या। उसने इतना पैसा कहाँ से कमाया। पहले इसका जवाब दीजिए।' ममता ने चेतावनी देते हुए कहा कि दीदी से जो टकराएगा, चूर-चूर हो जाएगा। ममता ने भी अमित शाह को चुनौती देते हुए कहा है कि हिम्मत है तो उनके ख़िलाफ़ नंदीग्राम सीट से चुनाव लड़ कर दिखाएँ। 

 - Satya Hindi

बता दें कि अमित शाह के बेटे जय शाह तब सुर्खियों में आए थे जब 'द वायर' ने यह स्टोरी की थी कि एनडीए के सत्ता में आने के एक साल बाद जय शाह की कंपनी का कारोबार 16,000 गुना बढ़ गया था। जय शाह ने इस ख़बर को लिखने वालीं पत्रकार रोहिणी सिंह के ख़िलाफ़ आपराधिक मानहानि का मुक़दमा भी दायर किया था। जय शाह को हाल ही में एशियन क्रिकेट काउंसिल (एसीसी) का अध्यक्ष चुना गया था। इससे पहले वह बीसीसीआई के सचिव थे। कारवाँ मैगजीन ने भी जय शाह की आय पर स्टोरी की थी और कहा था कि कॉरपोरेट मंत्रालय की वेबसाइट के आँकड़ों के मुताबिक़ जय शाह की कंपनी कुसुम फिनसर्व एलएलपी की 2014 में आय 79.60 लाख थी जो 2019 में बढ़कर 119.61 करोड़ हो गयी थी। कांग्रेस ने भी कई बार जय शाह की इनकम बढ़ने को लेकर सवाल पूछे थे।

ये तो ताज़ा आरोप-प्रत्यारोप हैं, लेकिन मोटे तौर पर बीजेपी ममता पर तुष्टिकरण का आरोप लगाती रही है तो ममता बनर्जी बीजेपी पर नफ़रत की राजनीति करने का।

सत्य हिंदी ऐप डाउनलोड करें