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पेगासस जासूसी मामले में टीएमसी का संसद के बाहर जोरदार प्रदर्शन

पेगासस जासूसी मामले में टीएमसी का संसद के बाहर जोरदार प्रदर्शन

पेगासस जासूसी मामले को लेकर विपक्षी दल सड़क पर और संसद में दोनों जगह प्रदर्शन कर रहे हैं।

पेगासस जासूसी मामले को लेकर विपक्षी दल सड़क पर और संसद में दोनों जगह प्रदर्शन कर रहे हैं। मंगलवार को लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी दलों ने इस मुद्दे को उठाया और हंगामे के कारण दोनों सदनों को कुछ घंटे के लिए स्थगित करना पड़ा। 

टीएमसी ने इस मुद्दे पर संसद के बाहर गांधी प्रतिमा के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया। महुआ मोइत्रा सहित कई सांसद इस मुद्दे पर हाथ में प्लेकॉर्ड लेकर आए। इनमें लिखा था कि लोगों की निगरानी करने के काम को बंद किया जाए और जासूसी का गुजरात मॉडल अब राष्ट्रीय स्तर पर आ चुका है। 

टीएमसी के नेताओं ने न्यूज़ एजेंसी एएनआई के साथ बातचीत में कहा कि प्रधानमंत्री को संसद में आकर कहना चाहिए कि पेगासस के साथ हमारा कोई संबंध नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार ने इस बारे में कुछ नहीं बोला है। 

टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव और ममता बनर्जी के सांसद भतीजे अभिषेक बनर्जी का भी नाम उन लोगों में है, जिनकी जासूसी की गई। टीएमसी ने इस मामले के सामने आने के बाद केंद्र सरकार की आलोचना की है।

इससे पहले सोमवार को टीएमसी के सांसद साइकिल चलाकर संसद पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने पेट्रोल-डीजल की क़ीमतों में बढ़ोतरी, महंगाई के ख़िलाफ़ विरोध दर्ज कराया था। 

बता दें कि 40 पत्रकारों के फ़ोन टैपिंग की ख़बर सामने आने के बाद देश भर में हंगामा मचा हुआ है। ये पत्रकार 'हिन्दुस्तान टाइम्स', 'द हिन्दू', 'द इंडियन एक्सप्रेस', 'इंडिया टुडे', 'न्यूज़ 18' और 'द वायर' से जुड़े हैं। इसके अलावा विपक्षी दलों के नेताओं में राहुल गांधी, चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की भी जासूसी किए जाने की बात सामने आई है। 

कांग्रेस के आरोप 

कांग्रेस ने सोमवार को आरोप लगाया था कि मोदी सरकार लोगों के बेडरूम में झांक रही है और जासूसी कर रही है। उन्होंने सीधे-सीधे आरोप लगाया था कि मोदी सरकार ने देशद्रोह किया है और राष्ट्रीय सुरक्षा से खिलवाड़ किया है। कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा था कि बीजेपी का नाम अब भारतीय जासूस पार्टी होना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि राहुल गांधी के साथ ही उनके स्टाफ़ की भी जासूसी की गई।

सरकार का जवाब

जबकि सरकार की ओर से जवाब देने के लिए मैदान में उतरे पूर्व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने पूछा था कि जब 45 देश पेगासस सॉफ़्टवेयर का इस्तेमाल कर रहे हैं तो भारत को क्यों निशाने पर लिया जा रहा है, भारत में इस पर इतना बवाल क्यों मचा हुआ है?

जबकि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पेगासस जासूसी मामले में कहा है कि लोग क्रोनोलोजी को समझें। उन्होंने कहा कि यह रिपोर्ट विध्न डालने वालों ने अवरोध पैदा करने वालों के लिए तैयार की है। विध्न डालने वाले अंतरराष्ट्रीय संगठन हैं जो नहीं चाहते कि भारत विकास करे और अवरोध पैदा करने वाले भारत के राजनीतिक दल हैं जो नहीं चाहते कि भारत प्रगति करे।

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