यौन इरादे के बिना महिला को छूना अपराध नहींः बृजभूषण सिंह
भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के पूर्व प्रमुख और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने बुधवार को दिल्ली की एक अदालत को बताया कि यौन इरादे के बिना किसी महिला को छूना आपराधिक गतिविधि नहीं है। अदालत ने सिंह और निलंबित डब्ल्यूएफआई के सहायक सचिव विनोद तोमर के खिलाफ आरोप तय करने पर बुधवार को दलीलें सुनीं।
भाजपा सांसद और तोमर की ओर से पेश वकील राजीव मोहन ने दिल्ली के अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट हरजीत सिंह जसपाल की कोर्ट में कहा कि “बिना यौन इरादे के किसी महिला को छूना आपराधिक गतिविधि में शामिल नहीं है… यह प्रतियोगिता एक कुश्ती प्रतियोगिता है… कोच ज्यादातर पुरुष हैं। अगर देश के लिए कुछ करने की चिंता या खुशी से कोई कोच अपने खिलाड़ी को गले लगाता है, तो इसे अपराध नहीं माना जाना चाहिए।''
वकील राजीव मोहन ने भाजपा सांसद की ओर से कहा- सिरी फोर्ट के एक कुश्ती कार्यक्रम के दौरान सिंह ने महिला खिलाड़ी को सिर्फ गले लगाया था। उनका इरादा यौन उत्पीड़न का नहीं था। उन्होंने यह भी कहा कि पहलवानों द्वारा उल्लिखित कुछ मामले दिल्ली कोर्ट के क्षेत्रीय अधिकार क्षेत्र से बाहर थे और भारत के बाहर हुए मामलों की सुनवाई केंद्र सरकार की मंजूरी के बिना अदालत द्वारा नहीं की जा सकती है। बाकी कथित अपराध दिल्ली, बेल्लारी और लखनऊ में हुए थे।
भाजपा सांसद के वकील ने तर्क दिया कि भारत के भीतर एक अलग राज्य में किए गए अपराधों के लिए, अदालत केवल तभी आगे बढ़ सकती है जब अपराध "जारी" हो। "यौन उत्पीड़न एक क्षणिक अपराध है और लगातार चलने वाला अपराध नहीं है।"
खेल मंत्रालय की एक निरीक्षण समिति द्वारा की गई जांच का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि सिंह के खिलाफ शिकायतें "पुष्टि नहीं" थीं। मेट्रोपोलिटन अदालत ने 20 जुलाई को सिंह और तोमर को कुछ शर्तों के साथ 25,000 रुपये के मुचलके पर जमानत दे दी थी, जिसमें यह भी शामिल था कि वे अदालत की पूर्व अनुमति के बिना देश नहीं छोड़ेंगे और गवाहों को कोई लालच नहीं देंगे।