आज हरियाणा के किसान दोपहर 12 से 2 करेंगे सड़क जाम, खनौरी बॉर्डर जाएंगे किसान नेता
पंजाब के किसानों के आंदोलन का गुरुवार को 10वां दिन है। बुधवार को एक किसान की मौत और पुलिस के साथ हुई झड़प के बाद किसानों के दिल्ली मार्च को को दो दिनों के लिए टाल दिया गया है। किसानों के नेता सरवण सिंह पंढेर ने कहा है कि अगले दो दिन हम रणनीति बनाएंगे और इसके बाद आगे का फैसला लेंगे। इस बीच खबर है कि गुरुवार को संयुक्त किसान मोर्चा की चंड़ीगढ़ में एक अहम बैठक होने वाली है। इसमें किसान आंदोलन को लेकर अहम रणनीति भी बन सकती है।
दूसरी तरफ हरियाणा में भारतीय किसान यूनियन ने गुरुवार दोपहर 12 बजे से 2 बजे तक सड़क जाम करने की घोषणा की है। किसान नेता खनौरी बॉर्डर जाकर वहां मौजूद किसानों से बुधवार को हुई किसान शुभकरण सिंह की मौत के मामले में जानकारियां लेंगे।
इससे पूर्व बुधवार को हरियाणा के खनौरी बॉर्डर पर पुलिस और किसानों की झड़प में एक किसान की मौत के बाद पंजाब के किसानों ने दिल्ली कूच करने की अपनी योजना को दो दिनों के लिए टाल देने की घोषणा की थी। किसानों के संगठन एआईकेएस का आरोप है कि पुलिस की कार्रवाई के दौरान किसान की जान गई है, जबकि हरियाणा पुलिस ने इस बात से इनकार किया है।
दिल्ली कूच करने की कोशिश कर रहे किसानों को रोकने के लिए पुलिस ने कई जगहों पर बल प्रयोग किया था। किसानों ने बताया कि हरियाणा पुलिस ने आगे बढ़ रहे किसानों पर आंसू गैस के गोले दागे।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पंजाब के 22 या 23 वर्ष के किसान शुभकरण सिंह की मौत सिर में गंभीर चोट लगने के कारण हो गई थी। इसके साथ ही बुधवार को पुलिस के साथ झड़प में खनौरी और शंबू बॉर्डर पर दर्जनों किसानों को चोटें आई थी।
दूसरी तरफ इस बात का खंडन करते हुए हरियाणा पुलिस ने बुधवार को एक्स पर एक कर लिखा था कि अभी तक की प्राप्त जानकारी के अनुसार आज किसान आंदोलन में किसी भी किसान की मृत्यु नहीं हुई है। यह मात्र एक अफवाह है। दाता सिंह-खनोरी बॉर्डर पर दो पुलिसकर्मियों तथा एक प्रदर्शनकारी के घायल होने की सूचना है जो उपचाराधीन है।
किसान शुभकरण सिंह की मौत के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी बुधवार की रात एक्स पर पोस्ट कर अपनी प्रतिक्रिया दी थी। उन्होंने लिखा था कि खनौरी बॉर्डर पर युवा किसान शुभकरण सिंह की फायरिंग में मौत की खबर हृदयविदारक है, मेरी संवेदनाएं उनके परिवार के साथ हैं।
राहुल गांधी ने कहा है कि, पिछली बार 700 से अधिक किसानों का बलिदान लेकर ही माना था मोदी का अहंकार, अब वो फिर से उनकी जान का दुश्मन बन गया है। मित्र मीडिया के पीछे छिपी भाजपा से एक दिन इतिहास ‘किसानों की हत्या’ का हिसाब ज़रूर मांगेगा।
दूसरी तरफ ट्रेड यूनियनों ने भी प्रदर्शनकारी युवा किसान की मौत और दर्जनों किसानों के घायल होने की कड़ी निंदा करते हुए 23 फरवरी को पूरे भारत में काला दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की है।
जींद के एसपी सुमित कुमार ने कहा है कि , किसान आंदोलन के दौरान कुछ लोगों ने धान की पराली में आग लगाकर मिर्ची डाल दी थी। इसके बाद पुलिस पर हमला कर दिया था। धुआं ज्यादा होने की वजह से काफी किसानों ने तलवार, भालों और गंडासों से पुलिस पर हमला कर दिया। उनके हमले में 12 पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हुए हैं।
पंजाब के अधिकारियों ने कहा, 26 घायल हुए
द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक पंजाब के एक 22 वर्षीय किसान की बुधवार को खनौरी सीमा पर सिर में चोट लगने से मौत हो गई। यह घटना तब हुई जब हरियाणा के सुरक्षाकर्मियों ने किसानों पर आंसू गैस के गोले छोड़े। किसानों के अनुसार, रबर की गोलियां भी चलाई गई हैं।ये किसान अपनी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी के लिए बुधवार को दिल्ली मार्च निकाल रहे थे। हरियाणा पुलिस ने इस मार्च को रोकने के लिए बॉर्डरों पर बैरिकेड लगा दिए थे।
पंजाब के अधिकारियों ने कहा कि खनौरी और शंभू बॉर्डर पर कुल 26 लोग घायल हुए हैं। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट मेंं कहा गया है कि पंजाब के बल्लो गांव के युवक शुभकरण सिंह को पटियाला के राजिंदरा अस्पताल लाया गया था जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।
वहीं डीआइजी (पटियाला रेंज) हरचरण सिंह भुल्लर ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया, इस मौत का सटीक विवरण डॉक्टरों द्वारा उपलब्ध कराया जाएगा, लेकिन हमारे पास जो जानकारी है वह यह है कि उन्हें (शुभकरण को) रबर की गोली लगी थी। हमने डॉक्टरों के साथ समन्वय के लिए एक डीएसपी को भेजा है।
भुल्लर ने प्राप्त प्रारंभिक जानकारी का हवाला देते हुए कहा, "प्रदर्शनकारियों के एक समूह ने पराली में आग लगाकर धुआं पैदा करने की कोशिश की और सुरक्षाकर्मियों ने आंसू गैस के गोले छोड़े और रबर की गोलियां चलाईं।
राजिंदरा अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. हरनाम सिंह रेखी ने कहा, "शुभकरण को सिर के पिछले हिस्से में चोट के कारण खनौरी से मृत लाया गया था।" उन्होंने कहा कि यह गोली लगने की चोट हो सकती है, लेकिन चोट का सही कारण पोस्टमार्टम के बाद ही पता चलेगा।