+
टीएमसी नेता ने राज्यपाल को 'पागल कुत्ता' बताया, राजभवन के बाहर प्रदर्शन

टीएमसी नेता ने राज्यपाल को 'पागल कुत्ता' बताया, राजभवन के बाहर प्रदर्शन

तृणमूल कांग्रेस के नेता कल्याण बंद्योपाध्याय ने बेहद अभद्र भाषा का इस्तेमाल करते हुए उन्हें 'पागल कुत्ता' तक कह दिया तो पार्टी के कार्यकर्ताओं ने राजभवन के गेट के सामने विरोध प्रदर्शन किया। 

पश्चिम बंगाल में दो मंत्रियों समेत चार टीएमसी विधायकों की गिरफ़्तारी के बाद मची राजनीति में राज्यपाल जगदीप धनकड़ निशाने पर हैं।

तृणमूल कांग्रेस के सांसद व वरिष्ठ वकील कल्याण बंद्योपाध्याय ने बेहद अभद्र भाषा का इस्तेमाल करते हुए उन्हें 'पागल कुत्ता' तक कह दिया तो पार्टी के कार्यकर्ताओं ने राजभवन के गेट के सामने विरोध प्रदर्शन किया। 

निशाने पर राज्यपाल क्यों?

बता दें कि सीबीआई ने नारद घूस कांड में सोमवार को दो मंत्रियों समेत चार विधायकों को गिरफ़्तार कर लिया। नगर विकास मंत्री फ़िरहाद हक़ीम व पंचायत मंत्री सुब्रत मुखर्जी के अलावा दो विधायक मदन मित्र और शोभन चट्टोपाध्याय को गिरफ़्तार कर सीबीआई के कोलकाता कार्यालय में पूछताछ की गई। इन विधायकों की गिरफ़्तारी के लिए राज्यपाल जगदीप धनकड़ ने सीबीआई को इजाज़त दी थी।

लेकिन संविधान विशेषज्ञों का कहना है कि यह विधानसभा अध्यक्ष के अधिकार क्षेत्र में आता है और राज्यपाल इस पर कोई इजाज़त दे ही नहीं सकते। राज्यपाल वैसे भी राज्य सरकार की अनुशंषा पर ही कोई काम कर सकते हैं और इस मामले में राज्य सरकार ने उन्हें कोई सलाह नहीं दी है। राज्यपाल की आलोचना इसलिए ही हो रही है।

लेकिन तृणमूल कांग्रेस सांसद कल्याण बंद्योपाध्याय ने तमाम सीमाएं तोड़ दीं जब उन्होंने राज्यपाल को खून चूसने वाला और 'पागल कुत्ता' ('पागला कुकुर') क़रार दिया। उन्होंने कहा,

राज्यपाल बदले की राजनीति कर रहे हैं। वह बीजेपी के झंडा उठाए चल रहे हैं। राज्यपाल ने मुकुल राय और शुभेंदु अधिकारी की गिरफ़्तारी का आदेश क्यों नहीं दिया? वह बीजेपी के कहे अनुसार चल रहे हैं, राज्य सरकार ने उन्हें इस पर कोई सलाह नहीं दी है।


कल्याण बंद्योपाध्याय, सांसद, तृणमूल कांग्रेस

विरोध प्रदर्शन

दूसरी ओर तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने कोलकाता स्थित राजभवन के गेट के बाहर विरोध प्रदर्शन किया है। राजभवन के उत्तरी गेट पर सैकड़ों की संख्या में तृणमूल कांग्रेस समर्थक झंडे-बैनर लेकर पहुँच गए। उन्होंने बीजेपी, केंद्र सरकार और राज्यपाल के ख़िलाफ़ जोरदार नारेबाजी की।

प्रदर्शनकारियों ने गिरफ़्तार किए गए चारों विधायकों की तुरन्त बिना किसी शर्त के रिहा करने की माँग की। पुलिस ने उन्हें समझा-बुझा कर नियंत्रण में रखा और राजभवन के अंदर नहीं घुसने दिया। 

सत्य हिंदी ऐप डाउनलोड करें