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चटर्जी के खिलाफ टीएमसी में उठी आवाज, घोष बोले- मंत्री को हटाएं

चटर्जी के खिलाफ टीएमसी में उठी आवाज, घोष बोले- मंत्री को हटाएं

पार्थ चटर्जी पर ईडी ने शिकंजा कस दिया है और टीएमसी भी उनके खिलाफ कार्रवाई कर सकती है, ऐसे में यह साफ लगता है कि उनके लिए आने वाले दिन बेहद मुश्किल भरे हो सकते हैं।

पश्चिम बंगाल सरकार के मंत्री पार्थ चटर्जी के खिलाफ टीएमसी के भीतर आवाज उठने लगी है। टीएमसी के प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा है कि पार्थ चटर्जी को पार्टी से बाहर निकाल दिया जाना चाहिए। हालांकि बाद में उन्होंने अपने ट्वीट को डिलीट कर दिया। इसके थोड़ी ही देर बाद उन्हें ममता बनर्जी ने कैबिनेट से बाहर का रास्ता दिखा दिया। 

बता दें कि ईडी ने पार्थ चटर्जी की सहयोगी अर्पिता मुखर्जी के दो घरों से 50 करोड़ रुपये कैश बरामद किया है। इसके अलावा 5 किलो से ज़्यादा सोना और अहम दस्तावेज़ भी मिले हैं। 

ईडी ने शिक्षक भर्ती घोटाले की जांच के तहत शुक्रवार को बंगाल के दो मंत्रियों- पार्थ चटर्जी और परेश अधिकारी के आवासों पर छापा मारा था। 23 घंटे की पूछताछ के बाद चटर्जी को गिरफ्तार कर लिया गया था। इसके बाद अर्पिता मुखर्जी को भी गिरफ्तार कर लिया गया था। 

कुणाल घोष ने गुरुवार को एक ट्वीट कर कहा था कि पार्थ चटर्जी को मंत्रालय से और पार्टी के सभी पदों से तत्काल प्रभाव से हटा दिया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा था कि अगर उनका बयान कहीं से भी गलत है तो पार्टी को इस बात का भी हक है कि वह उन्हें सारे पदों से हटा दे लेकिन वह एक सिपाही की तरह पार्टी के लिए काम करते रहेंगे।

कुणाल घोष ने बाद में एक और ट्वीट कर कहा कि उन्होंने अपने पिछले ट्वीट में अपनी राय को जाहिर किया था और अब पार्टी ने इस मुद्दे पर संज्ञान ले लिया है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे और सांसद अभिषेक बनर्जी ने गुरुवार शाम को 5 बजे टीएमसी की बैठक बुलाई है और उनसे इस बैठक में आने के लिए कहा गया है। 

कुणाल घोष ने कहा कि चूंकि तृणमूल कांग्रेस ने इस मामले का संज्ञान ले लिया है इसलिए वह अपने पुराने ट्वीट को डिलीट कर रहे हैं।

चटर्जी पर स्कूल सेवा आयोग यानी एसएससी की सिफारिशों पर पश्चिम बंगाल माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की ओर से की गई नियुक्तियों में धांधली का आरोप है। जब भर्तियां की गई थीं तब चटर्जी शिक्षा मंत्री थे। इससे पहले सीबीआई भी उनसे इसी मामले में पूछताछ कर चुकी है।

कोलकाता हाई कोर्ट ने इस मामले में कहा था कि पार्थ चटर्जी की ओर से बनाई गई एक सुपरवाइजरी कमेटी इस पूरे कथित घोटाले की जड़ है। हाई कोर्ट की बेंच ने इस मामले में हुई भर्ती प्रक्रिया की सीबीआई जांच का आदेश दिया था। ईडी इस मामले में सरकारी सहायता से चलने वाले स्कूलों में शिक्षकों व नॉन टीचिंग स्टाफ कर्मचारियों की भर्ती में कथित मनी लॉन्ड्रिंग की जांच कर रही है। 

बढ़ेंगी मुश्किलें 

अर्पिता मुखर्जी के घर से मिले कैश को लेकर टीएमसी बुरी तरह घिर गई है। ऐसी संभावना है कि ममता बनर्जी पार्थ चटर्जी को कैबिनेट से बाहर करने के बारे में बहुत जल्द कोई फैसला ले सकती हैं। लेकिन पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी पर ईडी ने शिकंजा कस दिया है और यह साफ लगता है कि दोनों के लिए आने वाले दिन बेहद मुश्किल भरे हो सकते हैं।

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