टीएमसी सदस्य डेरेक ओ ब्रायन राज्यसभा से निलंबित
तृणमूल कांग्रेस के तेज़ तर्रार नेता डेरेक ओ ब्रायन को राज्यसभा के मौजूदा सत्र के बचे हुए समय के लिए निलंबित कर दिया गया है। उन्हें सदन में 'हुड़दंगी व्यवहार' के लिए निलंबित किया गया है।
ख़बरों के अनुसार, डेरेक पर आरोप है कि उन्होंने चुनाव अधिनियम (संशोधन विधेयक) 2021 पर सदन में बहस के दौरान पीठासीन अधिकारी की ओर राज्यसभ रूल बुक की किताब फेंक दी थी।
टीएमसी के इस सांसद ने खुद ट्वीट कर अपने निलंबन की पुष्टि कर दी है। उन्होंने ट्वीट किया, "मैं अंतिम बार उस समय निलंबित हुआ था जब सरकार ने कृषि क़ानून ज़बरन पास कराया था। हम सब जानते हैं कि उसके बाद क्या हुआ। मैं आज उस समय निलंबित किया गया जब मैंने लोकतंत्र को मजाक बनाते हुए चुनाव अधिनियम ज़बरन पारित कराने का विरोध किया। मुझे उम्मीद है कि यह क़ानून भी वापस ले लिया जाएगा।"
The last time I got suspended from RS was when govt. was BULLDOZING #FarmLaws
— Derek O'Brien | ডেরেক ও'ব্রায়েন (@derekobrienmp) December 21, 2021
We all know what happened after that.
Today, suspended while protesting against BJP making a mockery of #Parliament and BULLDOZING #ElectionLawsBill2021
Hope this Bill too will be repealed soon
उस समय सदन के पीठासीन अधिकारी बीजेपी के सस्मित पात्रा थे। उन्होंने कहा कि टीएमसी सांसद ने व्यवस्था का प्रश्न उठाया था और राज्यसभा के डिप्टी चेअरमैन ने इसका विधिवत जवाब भी दिया था। पात्रा के अनुसार,
“
इसके थोड़ी देर बाद डेरेक ओ ब्रायन ने रूल बुक चेअर की ओर उछाल कर फेंक दी। इससे पीठासीन अधिकारी, महासचिव या किसी कर्मचारी को चोट लग सकती थी।
डेरेक ओ ब्रायन, सदस्य, राज्यसभा
संसदीय कार्य मामलों के राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने टीएमसी सदस्य को शीतकालीन सत्र के बाकी बचे हुए समय के लिए निलंबित करने से जुड़ा एक प्रस्ताव सदन में रखा, जिसे पास कर दिया गया।
शीतकालीन सत्र 23 दिसंबर को ख़त्म होने वाला है। यानी डेरेक ओ ब्रायन दो दिनों के लिए निलंबित रहेंगे।
बता दें कि राज्यसभा में विपक्ष के 12 सदस्यों को पहले ही शीतकालीन सत्र के शुरू में ही बाकी बचे समय के लिए निलंबित कर दिया गया था। उनका निलंबन अब तक वापस नहीं लिया गया है। उन पर आरोप है कि उन्होंने मानसून सत्र के दौरान शोरगुल किया था। लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि किसी सदस्य को एक सत्र के कामकाज के लिए दूसरे सत्र में दंडित नहीं किया जा सकता है।