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टीएमसी सांसद : बंगाल के राज्यपाल ने अपने लोगों को ओएसडी नियुक्त किया

टीएमसी सांसद : बंगाल के राज्यपाल ने अपने लोगों को ओएसडी नियुक्त किया

टीएमसी ने राज्यपाल पर भाई-भतीजावाद करने और अपने लोगों को ही अपना ओएसडी (ऑफ़िसर ऑन स्पेशल ड्यूटी) नियुक्त करने का आरोप सार्वजनिक तौर पर लगाया गया है। 

पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ और सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस के बीच जंग अब खुल कर सबके सामने आ गई है। नतीजा यह है कि पार्टी ने राज्यपाल पर भाई-भतीजावाद करने और अपने लोगों को ही अपना ओएसडी (ऑफ़िसर ऑन स्पेशल ड्यूटी) नियुक्त करने का आरोप सार्वजनिक तौर पर लगाया गया है। राज्यपाल ने उसी तरह सार्वजनिक रूप से इसका जवाब भी दिया है। 

क्या है मामला?

तृणमूल कांग्रेस की तेज़-तर्रार सांसद मोहुआ मोइत्रा ने ट्वीट कर आरोप लगाया है कि राज्यपाल ने ओएसडी अभ्युदय शेखावत, ओएसडी-समन्वय अखिल चौधरी, ओएसडी-प्रशासन रुचि दुबे, ओएसडी-प्रोटोकॉल प्रशांत दीक्षित, ओएसडी-आईटी कौस्तव एस वलिकर और नवनियुक्त ओएसडी किशन धनखड़ को नियुक्त किया है। 

राज्यपाल का जवाब

राज्यपाल ने ट्वीट कर इसका खंडन किया है। उन्होंने कहा है कि ओएसडी पद पर नियुक्त छह लोगों में से कोई भी नज़दीकी रिश्तेदार नहीं है, ये लोग तीन अलग-अलग राज्यों और चार भिन्न जातियों से हैं, इनमें उनका अपना कोई नहीं है। 

महुआ का तंज

लेकिन बात यहीं नहीं रुकी। राज्यपाल के जवाब के बाद मोहुआ मोइत्रा ने फिर हमला किया और तंज किया कि राज्यपाल लाख कोशिश कर लें, वे उप राष्ट्रपति नहीं बनाए जाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि बेहतर होगा कि धनखड़ दिल्ली लौट जाएं और कोई नई नौकरी ढूंढ लें। 

'अंकल जी'!

महुआ मोइत्रा ने जगदीप धनखड़ को राज्यपाल महोदय या 'महामहिम' नहीं, बल्कि 'अंकल जी' कह कर संबोधित किया।

इसके एक दिन पहले यानी रविवार को राज्यपाल ने पश्चिम बंगाल के नव नियुक्त मुख्य सचिव हरिकृष्ण द्विवेदी को तलब किया और उन्हें राज्य की क़ानून व्यवस्था पर जानकारी देते हुए चिंता जताई।विशेषज्ञों का कहना है कि राज्यपाल सीधे राज्य सरकार के किसी अधिकारी को इस तरह तलब नहीं कर सकते। 

इसके पहले राज्यपाल ने कई बार सीधे अफ़सरों को तलब किया है। और तो और, वे राज्य सरकार को जानकारी दिए बग़ैर सीध किसी ज़िले में पहुँच कर ज़िला मजिस्ट्रेट को बुला लेते हैं। 

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