टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने लगाया निगरानी का आरोप
लोकसभा में सरकार पर आक्रामक शैली में तीखे हमले बोलने के लिए चर्चित महुआ मोइत्रा ने आरोप लगाया है कि दिल्ली पुलिस उन पर निगरानी रख रही है। उन्होंने इसे तुरन्त बंद करने और अपने आवास के बाहर तैनात सुरक्षा कर्मियों को वहाँ से हटाने की माँग की है। उन्होंने यह भी कहा है कि उन्हें किसी तरह की सुरक्षा की कोई ज़रूरत नहीं है।
पश्चिम बंगाल के कृष्ण नगर से चुनी गई तृणमूल सांसद ने शनिवार को यह कह कर सबको चौंका दिया कि दिल्ली स्थित उनके सरकारी आवास के बाहर एक सुरक्षा कर्मी तैनात रहते हैं, जो उनके आने-जाने और इस तरह की तमाम गतिविधियों पर नज़र रखते हैं।
क्या कहा है महुआ ने?
उन्होंने नई दिल्ली स्थित बाराखंभा रोड थाने के प्रमुख को एक चिट्ठी लिख कर कहा है, "इन हथियारबंद अफ़सरों के व्यवहार को देख कर लगता है कि ये आवास से बाहर-भीतर जाने-आने पर नज़र रखते हैं, मुझे लगता है कि मुझ पर किसी तरह की निगरानी रखी जा रही है।"'मुझे नहीं चाहिए सुरक्षा'
उन्होंने इस चिट्ठी की एक प्रति दिल्ली पुलिस कमिश्नर एस. एन. श्रीवास्तव को भी दी है।
उन्होंने लिखा है, "12 फरवरी, 2021, को बाराखंभा थाने के प्रभारी मुझसे मिलने आए और उसके बाद से ही असॉल्ट राइफ़ल से लैस बीएसएफ़ के तीन अफ़सर मेरे घर के बाहर तैनात कर दिए गए।"
महुआ ने यह भी लिखा है कि पूछने पर उन्हें कहा गया कि उनकी सुरक्षा के लिए बाराखंभा थाना ने इस अफ़सरों को तैनात किया है।
कृष्णनगर की इस तेज़-तर्रार सांसद ने कहा है कि वे देश की साधारण नागरिक हैं, उन्हें न तो सुरक्षा की ज़रूरत है, न ही उन्होंने इसकी माँग की है।
'बहादुर अफ़सरों से दरवान की ड्यूटी!'
उन्होंने अपने आवास के बाहर बैठ इन अफ़सरों की तसवीर ट्वीट करते हुए यह भी कहा है कि देश की रक्षा के लिए आए इन बहादुर जवानों से दरवान की ड्यूटी कराई जा रही है।
महुआ मोइत्रा ने कहा कि सिर्फ उनकी सुरक्षा पर संसाधन नष्ट न किया जाए, बल्कि सबकी सुरक्षा की जाए।
उन्होंने कहा है, "मुझे कुछ भी अलग से नहीं चाहिए, मुझे सुरक्षा की ज़रूरत नहीं है। यदि आप मुझ पर निगरानी रख रहे हैं तो मुझसे पूछ लीजिए, मैं आपको बता दूंगी।"
तृणमूल सांसद ने सरकार पर चोट करते हुए लिखा,
“
"भारत का लोकतंत्र वैसे भी ख़तरे में है, हमें यह अहसास न कराएं कि हम रूसी गुलाग में रहते हैं।"
महुआ मोइत्रा, सांसद, तृणमूल कांग्रेस
सरकार पर हमला
महुआ मोइत्रा इसलिए भी चर्चा में हैं कि उन्होंने बजट पर अपना पक्ष रखते हुए सरकार पर बहुत ही ज़ोरदार हमला किया और कहा कि यह सरकार कायरता को ही साहसिक कदम कह कर पेश कर रही है और कह रही है कि उनसे साहसिक कदम उठाते हुए कृषि क़ानून जैसे क़ानून पारित कराए। महुआ ने एक-एक कर कई क़ानूनों की चर्चा की और सरकार की धज्जियाँ उड़ा कर रख दीं।लेकिन सरकारी पक्ष के सदस्यों और दो मंत्रियों ने तब बहुत ही विरोध किया जब टीएमसी की इस सांसद ने न्यायपालिका की चर्चा की और कहा कि न्यायपालिका अब 'पवित्र गाय' नहीं रही, मुख्य न्यायाधीश पर यौन दुर्व्यवहार के आरोप लगे, जिसकी सुनवाई उन्होंने खुद की। इस पर बहुत विवाद होने के बाद उनके वक्तव्य के इस हिस्से को लोकसभा की कार्यवाही से निकाल दिया गया।
महुआ मोइत्रा के भाषण का एक अंश सुनें।