+
बीजेपी, ईसीआई को टीएमसी का अवमानना नोटिस- 'हाईकोर्ट के आदेश का उल्लंघन'

बीजेपी, ईसीआई को टीएमसी का अवमानना नोटिस- 'हाईकोर्ट के आदेश का उल्लंघन'

कलकत्ता हाईकोर्ट ने भाजपा से कहा था कि वह तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ अपमानजनक विज्ञापन नहीं छाप सकती है। जानिए, अब बीजेपी ने क्या किया कि टीएमसी ने क़ानूनी नोटिस भेजा।

ममता बनर्जी की टीएमसी यानी तृणमूल कांग्रेस ने बीजेपी और चुनाव आयोग को अवमानना नोटिस भेजा है। यह नोटिस मंगलवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर भाजपा द्वारा प्रकाशित एक विज्ञापन को लेकर है। इस नोटिस में कहा गया है कि विज्ञापन प्रकाशित कर कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश का उल्लंघन किया गया है।

हाईकोर्ट ने टीएमसी के ख़िलाफ़ कुछ अपमानजनक विज्ञापन छापने से रोक दिया था। अदालत ने कहा था कि वो विज्ञापन लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करते हैं। इसी के मद्देनज़र हाईकोर्ट ने कहा था कि मतगणना की तारीख़ 4 जून तक आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने वाले टीएमसी के बारे में अपमानजनक विज्ञापन प्रकाशित करने पर बीजेपी पर रोक रहेगी। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली पश्चिम बंगाल भाजपा की याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया था। 

टीएमसी की ओर से वकील सोहम दत्ता ने नोटिस में कहा है कि एकल पीठ के आदेश पर कोई स्थगन आदेश नहीं है। उन्होंने कहा कि इसके बावजूद बीजेपी ने मंगलवार को अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर ऐसा विज्ञापन प्रकाशित किया।

इसके बाद उन्होंने भाजपा से पश्चिम बंगाल बीजेपी के आधिकारिक एक्स हैंडल से 'जानबूझकर और अवमाननापूर्ण प्रकाशन' को वापस लेने के लिए कहा। द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने एक्स पर तत्काल सफाई की मांग करते हुए कहा कि मंगलवार को प्रकाशित विज्ञापन झूठा, असत्यापित और अपमानजनक था। उन्होंने कहा कि यह सफाई इसलिए ज़रूरी है कि मतदाता लोकसभा चुनावों के दौरान भाजपा द्वारा लगाए गए फर्जी आरोपों से अनुचित रूप से प्रभावित न हों।

नोटिस में मांग की गई है कि पश्चिम बंगाल बीजेपी के आधिकारिक एक्स हैंडल के माध्यम से तत्काल, बिना शर्त माफी जारी की जानी चाहिए।

टीएमसी की ओर से ईसीआई से यह भी अपील की गई है कि वह एक्स के माध्यम से किए गए प्रकाशन को तत्काल बंद करने और इसे वापस लेने के लिए भाजपा के खिलाफ निर्देश जारी करे।

बता दें कि इससे पहले कलकत्ता हाईकोर्ट के फ़ैसले के ख़िलाफ़ बीजेपी सुप्रीम कोर्ट पहुँची थी। भाजपा द्वारा दायर विशेष अनुमति याचिका का ज़िक्र शुक्रवार को तत्काल सुनवाई के लिए जस्टिस बेला त्रिवेदी और जस्टिस पंकज मित्तल की अवकाश पीठ के सामने किया गया। वकील ने अर्जेंसी के बारे में कहा कि पार्टी के खिलाफ एक एकपक्षीय आदेश पारित किया गया, जो 4 जून तक लागू रहना है।

सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने शुक्रवार को इस मामले पर विचार करने में अनिच्छा व्यक्त की। जस्टिस त्रिवेदी ने पूछा, 'आप अगली अवकाश पीठ का रुख क्यों नहीं करते?' जब उनके वकील ने तत्काल सुनवाई के लिए जोर दिया तो जस्टिस त्रिवेदी ने कहा कि 'हम देखेंगे'। फिर भी शुक्रवार को इस मामले पर सुनवाई नहीं हुई।

पिछले हफ्ते कलकत्ता उच्च न्यायालय के जस्टिस सब्यसाची भट्टाचार्य की एकल पीठ ने कहा था कि विज्ञापन एमसीसी के साथ-साथ प्रेस काउंसिल ऑफ़ इंडिया द्वारा निर्धारित दिशानिर्देशों का भी उल्लंघन कर रहे थे। अदालत ने वर्तमान रिट याचिका दायर होने तक इस मामले पर निष्क्रियता के लिए चुनाव आयोग को भी फटकार लगाई थी। यह कहा गया था कि हालाँकि चुनाव आयोग के सामने शिकायत की गई थी, लेकिन रिट याचिका दायर करने के बाद समाधान निकाले जाने तक कोई कार्रवाई नहीं की गई थी। 

सत्य हिंदी ऐप डाउनलोड करें