'टाइम्स नाउ' सर्वे : पुडुचेरी में बन सकती है एनडीए की सरकार
भारतीय जनता पार्टी की अगुवाई वाला नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस यानी एनडीए पुडुचेरी में सरकार बना सकता है। टेलीविज़न चैनल 'टाइम्स नाउ' - सी वोटर ने एक सर्वे में यह पाया है।
'टाइम्स नाउ' ने कहा है कि पुडुचेरी विधानसभा की 30 में से 18 सीटों पर एनडीए जीत हासिल कर सकता है। वहाँ चुनाव 6 अप्रैल को होगा। बता दें कि पुडुचेरी में कांग्रेस की सरकार थी और वी. नारायणसामी इसके मुख्यमंत्री थे। लेकिन कुछ कांग्रेस विधायकों के पाला बदल कर बीजेपी में जाने से उनकी सरकार अल्पमत में आ गई और उन्होंने इस्तीफ़ा दे दिया।
यूपीए को 12 सीटें!
'टाइम्स नाउ'- सी वोटर सर्वेक्षण में यह पाया गया है कि एनडीए को 16 से 20 सीटें हासिल हो सकती हैं। पिछली बार यानी 2016 के पुडुचेरी विधानसभा चुनाव में एनडीए को 12 सीटें मिली थीं।
लेकिन इस बार कांग्रेस की अगुआई वाले युनाइटेड प्रोग्रेसिव अलायंस यानी यूपीए को 12 सीटें मिल सकती हैं। सर्वेक्षण में पाया गया है कि उसे 10 से 14 सीटों पर जीत हासिल हो सकती है।
अन्य उम्मीदवार को एक सीट मिल सकती है।
वोटों की गिनती 2 मई को होगी।
एनडीए में कलह
साल 2016 के पुडुचेरी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस द्रविड़ मुनेत्र कषगम यानी डीएमके के साथ थी और उन दोनों को 17 सीटें मिली थीं।
पर्यवेक्षकों का कहना है कि इस बार एनडीए के जीतने के आसार तो हैं, पर उसका रास्ता बहुत आसान भी नहीं होगा। गृह मंत्री अमित शाह ने एलान कर दिया कि अगला मुख्यमंत्री बीजेपी का होगा। इससे सहयोगी दल एआईएनआर कांग्रेस के अध्यक्ष एन. रंगास्वामी नाराज़ हो गए क्योंकि अपनी पार्टी का मुख्यमंत्री चाहते हैं।
वोट शेयर
'टाइम्स नाउ'- सी वोटर सर्वेक्षण में पाया गया है कि एनडीए को 45.8 प्रतिशत वोट मिल सकता है। यह पिछली बार के वोट शेयर से 14 प्रतिशत ज़्यादा होगा। साल 2016 में बीजेपी की अगुआई वाले इस गठजोड़ को 30.5 प्रतिशत वोट मिले थे।
दूसरी ओर, कांग्रेस की अगुआई वाले गठजोड़ यूपीए का वोट शेयर 1.9 प्रतिशत गिर कर 39.5 प्रतिशत से 37.6 प्रतिशत तक पहुँच सकता है।
कौन बनेगा मुख्यमंत्री?
सर्वे के अनुसार, रंगास्वामी मुख्यमंत्री के रूप में पहली पसंद बन कर उभरे हैं। कांग्रेस के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री नारायणसामी इस मामले में दूसरे नंबर पर हैं।जिन लोगों ने सर्वेक्षण में भाग लिया, उनमें से 45.53 प्रतिशत ने कहा कि वे राज्य सरकार के कामकाज से 'बिल्कुल संतुष्ट नहीं हैं।' सिर्फ 34.92 प्रतिशत लोगो ने कहा कि वे कामकाज से 'पूरी तरह संतुष्ट हैं'। सर्वे में 15.96 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे सरकार के कामकाज से 'कुछ हद तक संतुष्ट हैं'।