राहुल गांधी आज अपनी भारत जोड़ो यात्रा मे चलते हुए पुलवामा पहुंचे जहां पर उन्होंने पुलवामा हमले के शहीदों को नमन किया राहुल गांधी ने हमले वाली जगह पर फूल चढ़ाकर प्रार्थना की। उसके बाद वह वहां से यात्रा पर आगे बढ़ गये।
राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा आज अवंतीपुरा से शुरु हुई। आज की इस यात्रा में पीडीपी की नेता और आतंकवाद से प्रभावित अशांत इलाके में जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती अपनी बेटी और मां के साथ यात्रा में शामिल हुईं। कश्मीर में जिस तरह का समर्थन राहुल गांधी को मिल रहा है वह जम्मू कश्मीर के बदलते राजनीतिक हालात का संकेत दे रहा है।
अगस्त 2019 में जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाली धारा 370 को खत्म करते हुए उसे दो भागों में बांटकर केंद्र शाषित प्रदेश बना दिया गया था। उसके बाद से ही राज्य के विधानसभा चुनाव प्रस्तावित हैं। ऐसे में कश्मीर की दो प्रमुख पार्टियों के नेताओं का यात्रा में शामिल होना बड़े बदलाव के संकेत दे रहा है।
इस समय कश्मीर का शासन केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त प्रशासक द्वारा चलाया जा रहा है। कई आश्वासनों के बाद अभी तक राज्य में चुनाव नहीं कराए गये हैं।
कश्मीर में आखिरी विधानसभा चुनाव 2014 में कराया गया था जिसमें किसी दल को पूर्ण बहुमत नहीं मिला था। तब भाजपा औऱ महबूबा मुफ्ती के नेतृत्व वाली पीडीपी ने गठबंधन करके सरकार बनाई थी, जिसकी मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती बनी थीं।
ऐसे में महबूबा का राहुल की भारत जोड़ो यात्रा में अपनी तीन पीढ़ियों के साथ शामिल होना बड़ा राजनीतिक कदम माना जा रहा है। उनके यात्रा में शामिल होने के इस कदम को बड़े राजनीतिक बदलाव के तौर पर देखा जा रहा है क्योंकि कल नेशनल कांफ्रेंश के नेता उमर अब्दुल्ला भी यात्रा में शामिल हुए थे।
पीडीपी और नेशनल कॉन्फ्रेंस दोनों ही दल कश्मीर की पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग कर रहे हैं, और अब दो प्रमुख नेताओं का राहुल की यात्रा में शामिल होना राज्य की बदलती राजनीति के संकेत दे रहे हैं।
कल बानिहाल में राहुल गांधी की सुरक्षा भी एक मसला बनी जिसके कारण यात्रा को कुछ देर के लिए रोककर राहुल को कार से आगे ले जाया गया। इस मुद्दे पर कांग्रेस पार्टी ने पर्याप्त सुरक्षा मुहैया न कराने का आरोप लगाया। सुरक्षा का मसला इसलिए भी गंभीर है कि राहुल के यात्रा के कश्मीर पहुंचने के 24 घंटे भीतर दो बम धमाके हुए थे।
कांग्रेस के आरोपों पर जम्मू-कश्मीर पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार को कहा कि ‘भारत जोड़ो यात्रा’ की सुरक्षा में कोई चूक नहीं हुई थी। अधिकारी ने कहा कि यात्रा के आयोजकों ने बनिहाल से काफी संख्या में लोगों के पदयात्रा में शामिल होने के बारे में पुलिस को सूचना ही नहीं दी थी। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक और कश्मीर घाटी में सुरक्षा के प्रभारी विजय कुमार ने एक बयान में कहा, ‘भारत जोड़ो यात्रा को स्थगित करने से पहले जम्मू कश्मीर पुलिस से परामर्श नहीं किया गया था। हम यात्रा के लिए पूर्ण सुरक्षा प्रदान करेंगे।
राहुल गांधी और यात्रा में शामिल लोगों की सुरक्षा के मसले को उठाते हुए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडगे ने गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम की मांग की थी। अपने पत्र में खडगे ने लिखा की ‘आपको यह पत्र भारत जोड़ो यात्रा के दौरान हुई दुर्भाग्यपूर्ण सुरक्षा चूक के संबंध में लिख रहा हूं, जिसके बारे में आप पहले से ही जानते होंगे। राहुल गांधी की सुरक्षा व्यवस्था के प्रभारी सुरक्षा अधिकारियों की सलाह पर यात्रा को आज के लिए स्थगित करना पड़ा। हम जम्मू-कश्मीर पुलिस की सराहना करते हैं और उनके बयान का स्वागत करते हुए कहते हैं कि वे आतंकवाद की परिणति तक पूरी सुरक्षा सुनिश्चित करना जारी रखेंगे।‘
भारत जोड़ो यात्रा के खत्म में महज दो दिन बचे हैं, और उसे कश्मीर के दो प्रमुख दलों का साथ मिलना राहुल गांधी की बढ़ती स्वीकार्यता और विपक्षी एकता के बड़े कदम के तौर पर देखा जा रहा है। तीस तारीख को होने वाली रैली में इसका साफ तौर पर पता चल जाएगा।
राहुल की यह यात्रा कन्याकुमारी से शुरु होकर कश्मीर में खत्म होनी थी जो अपने आखिरी चरण में पहुंच गई है और समाप्ति स्थल से कुछ महज कुछ सौ किलोमीटर की दूरी पर है जिसे दो दिन में तय किया जाना है। उसके बाद तीस जनवरी को एक बड़ी रैली के साथ पांच महीने तक चली यात्रा का समापन होगा।