‘जेल में बंद टीवी9 के पूर्व संपादक रवि प्रकाश की जान को ख़तरा’
पूर्व टीवी संपादक और फ़िल्मकार विनोद कापड़ी ने एडिटर्स गिल्ड ऑफ़ इंडिया को पत्र लिख कर टीवी9 समूह के पूर्व संपादक और सीईओ रवि प्रकाश की जान को ख़तरे का अंदेशा जताया है। कापड़ी ने आरोप लगाया है कि एक के बाद एक फ़र्ज़ी मुक़दमे दायर कर रवि को लगातार प्रताड़ित किया जा रहा है। उन्होंने एडिटर्स गिल्ड से इस मामले को संज्ञान में लेने और सक्षम अधिकारियों से यह निर्देश दिलवाने की माँग की गई है कि वे रवि प्रकाश जैसे सम्मानित पत्रकार को प्रताड़ित नहीं करें।
एडिटर्स गिल्ड को लिखी चिट्ठी में कापड़ी ने कहा है कि रवि को नौकरी से हटाने के लिए उनके ख़िलाफ़ ग़लत शिकायतें दर्ज कराई गईं और उन्हें प्रताड़ित किया गया। कापड़ी के अनुसार, मार्च 2019 में रवि को कंपनी से निकाल दिया गया। इस पत्र के अनुसार, रवि के ख़िलाफ़ कई केस दर्ज कराए गए, लेकिन उन्हें तेलंगाना हाई कोर्ट से राहत मिल गई।
एडिटर्स गिल्ड को लिखी चिट्ठी में कहा गया है, ‘एक मामला 4 अक्टूबर को दर्ज किया गया जिसमें कहा गया कि रवि ने अपने हस्ताक्षर का दुरुपयोग किया और बोनस के पैसे की निकासी की। इस मामले में 17 अक्टूबर को हैदराबाद हाई कोर्ट ने स्टे दे दिया। बाद में उन्हें ज़मानत भी मिल गई।’
बता दें कि रवि प्रकाश को चार अक्टूबर को बोनस के 18 करोड़ रुपए के हेरफेर के आरोप में गिरफ़्तार किया गया था। रिपोर्ट है कि 18 करोड़ का यह बोनस नियम के हिसाब से कंपनी के तीन डायरेक्टर रवि प्रकाश, एम. के. वी. एन. मूर्ति और क्लीफर्ड परेरा को दिया गया था, लेकिन गिरफ़्तारी सिर्फ़ रवि की गई और क्लीफर्ड अभी भी टीवी9 में काम कर रहे हैं। कापड़ी का कहना है कि इस मामले में रवि को तेलंगाना हाईकोर्ट से बुधवार को राहत मिल गई है और हाईकोर्ट ने पूरे मामले पर ही रोक लगा दी। उन्होंने चिट्ठी में लिखा है कि इसके बाद कल रवि को निचली अदालत से ज़मानत भी मिल गई। कापड़ी का कहना है कि ज़मानत मिलने के तुरंत बाद तेलंगाना पुलिस ने रवि पर एक और ‘फ़र्ज़ी’ मुकदमा दायर करके उन्हें फिर 14 दिन के लिए जेल भेज दिया है।
एडिटर्स गिल्ड को लिखे पत्र में विनोद ने बताया है कि हाईकोर्ट ने इस नए केस का भी संज्ञान लिया है। लेकिन कापड़ी को आशंका है कि जेल में भी रवि की जान को ख़तरा है।
पत्र में यह भी कहा गया है कि तेलंगाना में 500 से अधिक पत्रकारों के ख़िलाफ़ मामले दर्ज किए गए हैं। इसमें यह भी कहा गया है कि अधिकांश पत्रकारों पर झूठे मामले दायर किए जा रहे हैं और वरिष्ठ व सम्मानित पत्रकार रवि प्रकाश को तो जेल में डाल दिया गया है।