चौतरफा युद्ध का खतरा, नाटो ने समर्थन बढ़ाया
नाटो के तमाम सहयोगी देशों ने यूक्रेन को अतिरिक्त सैनिक और सैन्य उपकरण भेजकर कीव के लिए समर्थन बढ़ा दिया है। इससे चौतरफा युद्ध का खतरा बढ़ गया है। नाटो गठबंधन का कहना है कि उसका कदम यूक्रेन सीमा पर रूस की कार्रवाई के जवाब में है।अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन ने 8,500 अमेरिकी सैनिकों को स्टैंडबाय पर रखा हुआ है और नाटो ने कहा कि वह इस क्षेत्र की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए जहाज और जेट भेज रहा है।
पुतिन के आदेश के बाद नाटो ने भी कह दिया है कि वो इन हालात में यूक्रेन को अकेला नहीं छोड़ सकता। इस बयान से साफ है कि नाटो इस युद्ध में अब खुलकर कूद सकता है। लेकिन इसमें अमेरिकी रुख मायने रखता है। अगर अमेरिका भी शामिल होता है तो पूरे क्षेत्र की तस्वीर बदल जाएगी।
हालांकि अमेरिका, नाटो और उसके सहयोगी समय-समय पर संयुक्त सैन्य अभ्यास करते रहे हैं, जिसके प्रयोग का समय अब आ चुका है। हालांकि मास्को इन सैन्य अभ्यासों का कड़ा विरोध करता रहा है। रूस कहता रहा है कि इसके जरिए यूक्रेन अपने विद्रोहियों के कब्जे वाले क्षेत्रों को फिर से हासिल करने की कोशिश कर रहा है। दरअसल, इसी वजह से अब पुतिन ने सैन्य कार्रवाई का आदेश दिया है।कुछ नाटो सदस्यों ने यूक्रेन में सैन्य प्रशिक्षण केंद्र स्थापित करने की योजना पर भी रूस ने आपत्ति की थी। रूस का मानना है कि यह एक तरह से यूक्रेन को नाटो में शामिल किए बिना भी उसे इस क्षेत्र में सैन्य मदद देने जैसा है। यूक्रेन के पूरी तरह अमेरिका और नाटो खेमे में जाने से ही यह स्थिति पैदा हुई है।