स्वतंत्रता दिवस से पहले कश्मीर में आतंकी हमला, दो पुलिसकर्मी शहीद
स्वतंत्रता दिवस से एक दिन पहले आज शुक्रवार को जम्मू कश्मीर के श्रीनगर में आतंकवादियों ने हमला कर दिया। इसमें दो पुलिसकर्मी शहीद हो गए। एक पुलिसकर्मी घायल हुआ है। बताया जाता है कि 15 अगस्त के लिए सुरक्षा में इनको तैनात किया गया था। हमले के बाद इलाक़े की घेराबंद कर ली गई है और आतंकवादियों को ढूँढा जा रहा है।
यह हमला श्रीनगर के बाहरी इलाक़े नौगाम बायपास के पास हुआ। कश्मीर पुलिस ने इसकी पुष्टि की है। इस मामले में कश्मीर ज़ोन ने ट्वीट कर इस घटना की जानकारी दी है।
#Terrorists fired #indiscriminately upon police party near #Nowgam Bypass. 03 police personnel injured. They were shifted to hospital for treatment where 02 among them attained #martyrdom. Area cordoned off. Further details shall follow. @JmuKmrPolice
— Kashmir Zone Police (@KashmirPolice) August 14, 2020
पुलिस के अनुसार, आतंकवादियों ने पुलिस दल पर तब अंधाधुंध गोलाबारी शुरू कर दी जब पुलिसकर्मी क्षेत्र में सुरक्षा की स्थिति पर नज़र रखे हुए थे। पुलिस ने कहा है कि इस हमले में तीन जवान घायल हो गए जिन्हें उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया। दो जवानों की मौत हो गई। तीसरे जवान का उपचार किया जा रहा है।
राज्य में 15 अगस्त को लेकर विशेष सुरक्षा के इंतज़ाम किए गए हैं। आतंकियों की मौजूदगी को लेकर गुरुवार को भी सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया था। बता दें कि जम्मू कश्मीर राज्य के दो हिस्से होने पर केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद यह पहल स्वतंत्रता दिवस है।
पिछले साल 5 अगस्त को जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 में फेरबदल किया गया था। इसके बाद राज्य को दो हिस्सों में बाँट दिया गया था- जम्मू-कश्मीर और लद्दाख। दोनों हिस्सों को केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया। पाँच अगस्त के बाद से ही दोनों जगहों पर कई तरह की पाबंदियाँ लगी हैं। 5 अगस्त का ही वह दिन है जब राज्य में हज़ारों लोगों को या तो नज़रबंद कर लिया गया था या फिर गिरफ़्तार कर लिया गया था।
बड़ी संख्या में ऐसे गिरफ़्तार लोगों को राज्य से बाहर की जेलों में भेजा गया। इसी साल मार्च में राज्यसभा में एक सवाल का जवाब देते हुए गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा था कि ऐसे 7,000 से अधिक लोगों को प्रिवेंटिव डिटेंशन यानी हिरासत में रखा गया था। हालाँकि बाद में धीरे-धीरे पाबंदियाँ हटाई गईं और कुछ लोगों को हिरासत से छोड़ा भी गया।