कश्मीर में सेना के काफिले पर फिर आतंकी हमला, 7 महीनों में 20 सैनिक शहीद
जम्मू-कश्मीर के पुंछ में शुक्रवार शाम आतंकवादियों ने सेना के वाहनों पर हमला कर दिया, जिसके बाद जवानों को जवाबी कार्रवाई करनी पड़ी। अभी तक किसी के घायल होने या मौत की कोई रिपोर्ट नहीं है। रिपोर्टों से संकेत मिलता है कि आतंकवादी शुरुआती गोलीबारी के बाद भाग गए होंगे, जिसमें कृष्णा घाटी क्षेत्र में पास की पहाड़ी से की गई फायरिंग भी शामिल हैं।
इस घटना के बाद सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने संयुक्त तलाशी अभियान शुरू किया है। यह अभियान शनिवार को भी जारी है।
सेना ने कहा "शुक्रवार शाम लगभग 6 बजे, पुंछ सेक्टर में कृष्णा घाटी के पास एक जंगल से संदिग्ध आतंकवादियों द्वारा सुरक्षा बलों के वाहनों के काफिले पर गोलीबारी की गई। हमारे सैनिकों में कोई हताहत नहीं हुआ। जम्मू-कश्मीर पुलिस और भारतीय सेना द्वारा संयुक्त तलाशी अभियान जारी है।"
At around 1800h today, a Security Forces convoy of vehicles was fired upon by suspected terrorists from a jungle near Krishna Ghati #Poonch sector. No casualties to own troops. Joint search
— White Knight Corps (@Whiteknight_IA) January 12, 2024
Operations by #IndianArmy and #JKP are in progress.@adgpi @NorthernComd_IA pic.twitter.com/jR0ytWRy88
यह हमला ऐसे समय में हुआ है जब उत्तरी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल उपेन्द्र द्विवेदी सहित उच्च पदस्थ अधिकारी बार-बार होने वाले आतंकी हमलों से निपटने के लिए रणनीति बनाने के लिए पुंछ में मौजूद हैं।
पिछले कुछ हफ्तों में इस क्षेत्र में सेना पर यह दूसरा आतंकी हमला है। पुंछ के डेरा की गली में घात लगाकर किए गए पिछले हमले में चार सैनिक मारे गए और पांच अन्य घायल हो गए थे। शुक्रवार शाम को जिले के कृष्णा घाटी सेक्टर में किया गया हमला उस स्थान से 40 किमी दूर है।
𝗥𝗘𝗩𝗜𝗘𝗪 𝗢𝗙 𝗢𝗣𝗘𝗥𝗔𝗧𝗜𝗢𝗡𝗦 : 𝟮𝟬𝟮𝟯#LtGenUpendraDwivedi, #ArmyCdrNC chaired a 𝗠𝗮𝗻𝘁𝗵𝗮𝗻 with the officers of 𝗥𝗢𝗠𝗘𝗢 𝗙𝗼𝗿𝗰𝗲, 𝗗𝗘𝗟𝗧𝗔 𝗙𝗼𝗿𝗰𝗲 & 𝗔𝗰𝗲 𝗼𝗳 𝗦𝗽𝗮𝗱𝗲𝘀 𝗗𝗶𝘃𝗶𝘀𝗶𝗼𝗻 on the dynamics of Counter Terrorism Operations in 2023.… pic.twitter.com/ZpQAThJ98S
— NORTHERN COMMAND - INDIAN ARMY (@NorthernComd_IA) January 12, 2024
पीर पंजाल क्षेत्र - राजौरी और पुंछ - 2003 से आतंकवाद से मुक्त थे लेकिन अक्टूबर 2021 से बड़े हमले फिर से शुरू हो गए हैं। पिछले सात महीनों में, अधिकारियों और कमांडो सहित 20 सैनिक मारे गए हैं।
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पिछले दो वर्षों में इन क्षेत्रों में कार्रवाई में 35 से अधिक सैनिक मारे गए हैं।
सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने गुरुवार को कहा था कि भारत के विरोधी, (जिसे पाकिस्तान के संदर्भ में देखा जाता हैः, राजौरी और पुंछ क्षेत्रों में आतंकवादियों को सहायता देने में "सक्रिय भूमिका" निभा रहे हैं।
उन्होंने कहा- "पिछले पांच-छह महीनों में राजौरी और पुंछ में आतंकवाद बढ़ा है। ये चिंता की बात है। अगर आप देखें...2003 से पहले उस इलाके में आतंकवाद ख़त्म हो गया था और 2017-18 तक वहां शांति थी। लेकिन अब, घाटी में स्थिति सामान्य होने के कारण, हमारे विरोधी वहां सक्रिय हैं।''
जनरल पांडे ने राजौरी में स्थिति को सुधारने के लिए नौ सूत्री कार्य योजना भी साझा की, जिसमें खुफिया जानकारी बढ़ाना और पुलिस और स्थानीय सुरक्षा अधिकारियों के साथ बेहतर तालमेल शामिल है। इसके अलावा स्थानीय आबादी तक पहुंच बनाने और मानवाधिकारों के प्रति सम्मान पर जोर देना भी शामिल है। पुंछ में आतंकवादी हमले के बाद पूछताछ के लिए हिरासत में लिए गए तीन नागरिकों की मौत के मद्देनजर यह महत्वपूर्ण संदेश हैं।