सीमा पर तनाव और बढ़ा, चीन ने तैनात किये 25,000 सैनिक
कूटनीतिक व सैन्य स्तर पर चीन और भारत के बीच बातचीत जारी रहने के बावजूद तनाव बढ़ता ही जा रहा है। वास्तविक नियंत्रण रेखा के दोनों ओर दोनों देशों ने अपने सैनिक और साजो-सामान जमा कर लिए हैं। यह जमावड़ा बढ़ता ही जा रहा है।
दोनों देशों की सेनाएं नियंत्रण रेखा पर बिल्कुल आमने-सामने आँखों में आँखें डाले खड़ी हैं। ऐसा पिछले 25 दिनों से चल रहा है।दोनों देशों के सैनिक एक दूसरे से गुत्थमगुत्था भी हो चुके हैं।
सैनिक जमावड़ा
लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा के उस पार चीनी सेना ने तोपखाना, बख़्तरबंद गाड़ियों, भारी सैनिक उपकरण व दूसरे साजो सामान बड़ी मात्रा में जमा कर लिया है। उसने अतिरिक्त सेना भी भेज दी है।इसी तरह भारतीय सेना ने भी तोपखाना की चीजें, बख़्तरबंद गाड़ियाँ और दूसरे भारी सैन्य उपकरण सीमा पर जमा कर लिए हैं। बड़ी तादाद में अतिरिक्त सैनिकों को वहाँ भेजा गया है।
पर्यवेक्षकों का कहना है कि जब तक पेगोंग त्सो, गलवान घाटी और दूसरी जगहों पर पहले जैसी स्थिति नहीं बन जाती, भारत उस जगह से हटेगा नहीं और न ही सैन्य साजो-सामान हटाएगा।
ड्रोन से निगरानी
भारतीय वायु सेना ने पूरे इलाक़े की हवाई चौकसी बढ़ा दी है और ड्रोन से निगरानी कर रही है। मई के शुरू में चीनी सेना वास्तविक नियंत्रण रेखा को पार कर भारतीय सीमा के अंदर घुस गई। उस समय से चीनी सैनिक गलवान घाटी और पेगोंग झील के किनारे जमे हुए हैं, जहाँ वे पहले नहीं थे। भारत में इसे लेकर चिंता है।वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तैनात भारतीय सैनिकों ने इसका विरोध किया और चीनी सेना से कहा कि वे वहाँ से पीछे हट जाएं और अपनी पुरानी जगह पर चले जाएं। पर चीनी सैनिकों ने एक न सुनी।
भारतीय इलाक़े में चीनी सैनिक
वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास डेमचोक और दौलत बेग ओल्डी इलाक़ों में पहले भी चीनी सैनिक कई बार घुस आए हैं और दोनों सेनाओं की बीच झड़पें भी हुई हैं। इस इलाक़े में तनाव पहले भी रहा है।इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक़ चीनी सेना ने तक़रीबन 25 हज़ार सैनिक वास्तविक नियंत्रण के पास जमा कर लिए हैं। वे वहां ढाँचागत सुविधाएँ भी बना रहे हैं और सैनिकों की तादाद भी बढ़ा रहे हैं। इससे भारत परेशान है।
उपग्रह से मिले चित्रों से पता चलता है कि चीन ने पेगोंग त्सो तक सड़क ही नहीं, वहाँ से 180 किलोमीटर दूर एक हवाई अड्डा बना लिया है। उसने वहाँ सैनिक साजो सामान भी जमा कर लिया है।
दबाव की रणनीति
पर्यवेक्षकों का कहना है कि चीनी सेना के ये सुरक्षा इंतजाम भारत पर दबाव डालने के लिए है। भारतीय सेना के एक अफ़सर ने कहा, ‘हम चीनी सेना की चाल को अच्छी तरह समझते हैं। हम किसी भी सूरत में इससे पीछे नहीं हटने वाले कि चीनी सेना पहले की स्थिति बहाल करे।’इस बढ़ते तनाव के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि चीन के साथ दोतरफा बातचीत सैनिक और कूटनीतिक स्तर पर चल रही है, जल्द ही मामले को निपटा लिया जाएगा।
दौलत बेग़ ओल्डी है वजह
मौजूदा संकट की शुरुआत चीन की ओर से सड़क बनाने से हुई। पगोंग त्सो इलाक़े से दार्बुक-शायोक-दौलत बेग ओल्डी के बीच चीन ने सड़क बना ली है। वहाँ पहले से ही एक सड़क चीन ने बना रखी थी। यह भारत को नापसंद है।इसी तरह पेगोंग त्सो इलाके में हाथ की 5 अंगुलियों को मोड़ने पर जैसी संरचना बनती है, वैसी सरंचना बनी हुई है। चीन इसके उस हिस्से तक को अपना मानता है, जिसे भारत भी अपना मानता है। इस इलाक़े में दोनों के सैनिक गश्त लगाते रहते हैं। चीन ने इस इलाक़े में भी सड़क बना ली है।
जिस तरह से सीमा पर तनाव बढ़ता जा रहा है ऐसे में ये भारत के लिये चिंता का विषय है और अगर जल्दी ही तनाव में कमी नहीं आयी तो कोरोना के इस महासंकटमें भारत के लिये और दिक्कत पैदा हो जायेगी।