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लॉकडाउन: तेलंगाना में कर्मचारियों से जनप्रतिनिधियों तक की सैलरी में बड़ी कटौती

लॉकडाउन: तेलंगाना में कर्मचारियों से जनप्रतिनिधियों तक की सैलरी में बड़ी कटौती

कोरोना वायरस के बाद लॉकडाउन के कारण आर्थिक संकट का सामना कर रही तेलंगाना सरकार ने कर्मचारियों, अधिकारियों से लेकर जनप्रतिनिधियों की सैलरी में बड़ी कटौती की घोषणा की गई है।

कोरोना वायरस के बाद लॉकडाउन के कारण आर्थिक संकट का सामना कर रही तेलंगाना सरकार ने कर्मचारियों, अधिकारियों से लेकर जनप्रतिनिधियों की सैलरी में बड़ी कटौती की घोषणा की है। यह कटौती 10 फ़ीसदी से लेकर 75 फ़ीसदी तक होगी। यह फ़ैसला तेलंगाना सरकार की उच्च स्तरीय बैठक में लिया गया। मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने राज्य की आर्थिक स्थिति पर चर्चा करने के लिए यह बैठक बुलाई थी। एक दिन पहले ही यानी रविवार को उन्होंने यह संकेत दिया था कि लॉकडाउन के कारण राज्य की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है और ऐसे में सैलरी में देरी हो सकती है व इसका किस्तों में भुगतान किया जा सकता है। 

मुख्यमंत्री कार्यालय से जारी एक बयान में कहा गया है कि मुख्यमंत्री, उनकी कैबिनेट के समकक्षों, विधायकों, विधान परिषद के सदस्यों और अलग-अलग राज्य स्तरीय कॉर्पोरेशनों के अध्यक्षों की सैलरी में 75 फ़ीसदी की कटौती की जाएगी। इसके साथ ही शहरी और स्थानीय निकाय के जनप्रतिनिधियों की सैलरी में भी इतनी ही कटौती की जाएगी। आईएएस, आईपीएस और आईएफ़एस के अफ़सरों की सैलरी में 60 फ़ीसदी की कटौती की जाएगी। 

बयान में कहा गया है कि इसके अलावा शिक्षकों, गैज़टेड और नॉन-गैज़टेड अधिकारियों सहित राज्य सरकार के कर्मचारियों की सैलरी में 50 फ़ीसदी की कटौती की जाएगी। पियोन, स्वीपर्स, ड्राइवर्स जैसे चौथे ग्रेड के कर्मचारियों की सैलरी में 10 फ़ीसदी की कटौती की जाएगी। 

कटौती का यह आदेश मार्च में ही लागू होगा। हालाँकि यह साफ़ नहीं है कि यह कितने समय तक के लिए लागू रहेगा। 

राज्य सरकार का यह फ़ैसला ऐसे समय में आया है जब कोरोना वायरस और लॉकडाउन के असर से देश की अर्थव्यवस्था पर काफ़ी बुरा असर होने वाला है। अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेन्सी और प्रबंधन सलाहकार कंपनी मूडीज़ का कहना है कि 2020 में भारत के सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर गिर कर 2.5 प्रतिशत पर आ सकती है।

हालाँकि इसका असर पूरी दुनिया पर पड़ने वाला है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष यानी इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड यानी आईएमएफ़ ने औपचारिक तौर पर वैश्विक मंदी का एलान कर दिया है। इसकी तात्कालिक वजह कोरोना ही बताई गई है। आईएमएफ़ प्रमुख क्रिस्टलीना जॉर्जीवा ने साफ़ शब्दों कह दिया है कि अंतरराष्ट्रीय अर्थव्यवस्था मंदी के दौर में प्रवेश कर चुकी है। इससे उबरने के लिए बहुत बड़े पैमाने पर निवेश की ज़रूरत होगी। मंदी से निकलने में समय लगेगा।

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