दरभंगा एम्स पर पीएम ने 'झूठ' बोला? केंद्रीय मंत्री से भिड़े तेजस्वी
दरभंगा में एम्स पर प्रधानमंत्री मोदी के दावे को लेकर तेजस्वी यादव ने तीख़ा हमला किया है। जब पीएम की ओर से केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया बचाव में आए और 'विकास की राजनीति' करने का आरोप लगाया तो तेजस्वी ने अदृश्य विकास कहकर मोदी सरकार पर तंज कसा।
तेजस्वी यादव ने मांडविया के ट्वीट पर कहा, 'यह कैसी अदृश्य विकास की राजनीति है जहां स्वास्थ्य मंत्रालय ने अभी तक एम्स के लिए जगह तय नहीं की है और आदरणीय प्रधानमंत्री कह रहे हैं कि वहां एम्स खुल गया है?'
मा० स्वास्थ्य मंत्री जी,
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) August 13, 2023
यह कौन से अदृश्य विकास की राजनीति है कि जहाँ स्वास्थ्य मंत्रालय ने AIIMS के लिए अभी तक स्थल फाइनल किया ही नहीं है और आदरणीय प्रधानमंत्री जी कह रहे है वहाँ एम्स खोल दिया गया है?
जिस काल अवधि का आप वर्णन कर रहे है उस वक़्त से लेकर पूर्व के कई वर्षों तक… https://t.co/8T4cxlRM70
नीतीश सरकार में स्वास्थ्य विभाग संभालने वाले तेजस्वी यादव ने शनिवार को आरोप लगाया था कि पीएम मोदी दरभंगा में एम्स खोलने का झूठा श्रेय ले रहे हैं और उन पर लोगों से झूठ बोलने का आरोप लगाया। उन्होंने मनसुख मंडाविया पर इस मामले पर पत्र या अनुरोध का जवाब नहीं देने का भी आरोप लगाया।
तेजस्वी यादव ने अपने पत्र में कहा, 'जून महीने में हमने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से टेलीफोन पर बात की, उनसे इसे मंजूरी देने का अनुरोध किया और आशा के साथ पत्र भी लिखा, लेकिन आज तक कोई सकारात्मक कार्रवाई नहीं हुई।
इस पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने तेजस्वी यादव पर तंज कसा था और उनसे निर्माण के लिए उचित जगह उपलब्ध कराने को कहा था। उन्होंने यह भी कहा था कि मोदी सरकार विकास की राजनीति नहीं करती बल्कि विकास की राजनीति करती है। उन्होंने कहा था कि एम्स दरभंगा की अनुमति मोदी सरकार ने 19 सितंबर 2020 को दी थी और बिहार सरकार ने 3 नवंबर 2021 को पहली ज़मीन दी। इसके साथ मंडाविया ने एक पत्र भी साझा किया था।
प्रिय तेजस्वी जी,
— Dr Mansukh Mandaviya (@mansukhmandviya) August 12, 2023
मोदी सरकार विकास में राजनीति नहीं करती बल्कि विकास की राजनीति करती है।
हमारी नीयत साफ़ है।
एम्स दरभंगा की अनुमति मोदी सरकार ने 19 सितंबर 2020 को दी थी और बिहार सरकार ने 3 नवंबर 2021 को पहली ज़मीन दी। https://t.co/ESOxhfeDp6 pic.twitter.com/kH0PiucDml
मंडाविया ने केंद्र सरकार का 26 मई का एक पत्र भी पोस्ट किया, जिसमें बिहार सरकार द्वारा प्रस्तावित वैकल्पिक साइट पर चिंता जताते हुए इसे एम्स के निर्माण के लिए 'उपयुक्त नहीं' बताया गया। उन्होंने कहा था, 'आप मुझे बताएं कि ज़मीन क्यों बदली गई, किसके हित में बदली गई?'
इसी के जवाब में अब तेजस्वी यादव ने कहा है, 'जिस काल अवधि का आप वर्णन कर रहे हैं उस वक़्त से लेकर पूर्व के कई वर्षों तक बिहार में बीजेपी के ही स्वास्थ्य मंत्री रहे हैं। शायद आप उनकी असफलता को इंगित कर रहे हैं।'
तेजस्वी ने दावा किया, 'बिहार सरकार ने शोभन बाईपास जैसी बेहतर लोकेशन पर निःशुल्क 151 एकड़ भूमि केंद्र को हस्तांतरित की है जिसमें मिट्टी भराई का 300 करोड़ अतिरिक्त व्यय भी राज्य सरकार वहन कर रही है।'
मंडाविया के 'विकास की राजनीति' तंज को लेकर तेजस्वी ने कहा, 'हम सकारात्मक एवं विकासोन्मुख राजनीति करते हैं इसलिए हमने दरभंगा सहित अन्य ज़िलों को इसका संपूर्ण लाभ मिले तभी सबसे उपयुक्त स्थल चयन किया है लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण रूप से केंद्र की अभी तक स्वीकृति नहीं मिली।'
तेजस्वी यादव ने आज अपने ट्वीट में दावा किया कि बिहार सरकार दरभंगा में ही 1946 में स्थापित एक मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में 3,115 करोड़ रुपये की कुल लागत से एक आधुनिक भवन और एक आवासीय परिसर के साथ 2,500 बिस्तरों वाले सुपर-स्पेशियलिटी अस्पताल का निर्माण कर रही है।