गिरफ्तारी नहीं करने के भरोसे पर 25 को CBI के सामने पेश होंगे तेजस्वी
तेजस्वी यादव अब कथित जमीन के बदले नौकरी घाटाला मामले में सीबीआई जाँच में शामिल होंगे। इस पूछताछ के दौरान सीबीआई उन्हें गिरफ़्तार नहीं करेगी। तेजस्वी के वकील ने आज अदालत को बताया कि वह 25 मार्च को सीबीआई के सामने पेश होने के लिए तैयार हैं क्योंकि केंद्रीय जांच एजेंसी ने आश्वासन दिया कि वह उन्हें इस महीने गिरफ्तार नहीं करेगी।
रिपोर्ट के अनुसार आरजेडी नेता दिल्ली में सीबीआई के मुख्यालय में उसकी जांच में शामिल होंगे। तेजस्वी ने बुधवार को दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर उन्हें दिल्ली स्थित सीबीआई कार्यालय में तलब करने और बिहार में उनसे पूछताछ नहीं करने के सीबीआई के फ़ैसले को चुनौती दी थी।
तेजस्वी ने अपनी याचिका में समन को रद्द करने की मांग करते हुए कहा कि उन्होंने जांच अधिकारी से अनुरोध किया था कि उन्हें कुछ समय दिया जाए क्योंकि मौजूदा बिहार विधानसभा सत्र 5 अप्रैल को समाप्त होगा।
इस मामले में तेजस्वी अब तक सीबीआई के तीन समन पर पेश नहीं हो पाए हैं। इसी के मद्देनज़र सीबीआई एक के बाद एक समन जारी कर रही है। इसी के तहत पूछताछ के लिए 25 मार्च की तारीख तय की गई है।
बता दें कि तेजस्वी यादव के दिल्ली स्थित घर पर सीबीआई ने इस सप्ताह की शुरुआत में तलाशी ली थी। ईडी ने उनकी बहन रागिनी यादव और अन्य से जुड़ी संपत्तियों की भी तलाशी ली। इस मामले में तेजस्वी के माता-पिता लालू यादव और राबड़ी देवी भी आरोपी बनाए गए हैं।
इस मामले में सीबीआई ने 23 सितंबर 2021 को प्राथमिक जाँच यानी पीई दर्ज की थी। आरोप लगाया गया कि 2004-09 तक लालू यादव के रेल मंत्री रहते इसके तहत रेलवे के ग्रुप डी के पदों पर लोगों को आवेदन के तीन दिन के अंदर नौकरी दी गई और बाद में उन्हें नियमित कर दिया गया था।
आरोप लगा है कि इसके बदले नौकरी पाने वालों के परिवार ने राबड़ी देवी और मीसा भारती के नाम अपनी ज़मीन ट्रांसफर की। सीबीआई का कहना है कि लालू प्रसाद के परिवार ने पटना में नकद भुगतान कर 1.05 लाख वर्गफुट जमीन खरीदी। सीबीआई की ओर से दर्ज एफआईआर में कहा गया है कि गिफ्ट डीडी के अलावा जमीन के जो सात टुकड़े यादव परिवार को दिए हैं वे मौजूदा सर्किल रेट से कम रेट पर खरीदी गई थीं।
इस मामले में सीबीआई व ईडी की कार्रवाइयों के बाद किए जा रहे दावों को लेकर तेजस्वी यादव ने बीजेपी पर हमला बोला है। उन्होंने कहा है कि ईडी छापों के बाद जिस तरह से करोड़ों रुपये मिलने के दावे किए जा रहे हैं, उससे अमित शाह जैसे डाइरेक्टर या जो भी स्क्रिप्ट राइटर हो, उनको अब बदल देना चाहिए। उन्होंने कहा कि सब कार्रवाइयों में एक तरह के ही डायलॉग होते हैं, लेकिन कुछ ठोस सामने आता नहीं है। उन्होंने कहा कि इस बार भी जो 600 करोड़ रुपये मिलने के दावे किए जा रहे हैं, ठेंगा मिला है ईडी को।
प्रवर्तन निदेशालय के इस दावे का ज़िक्र करते हुए कि उन्होंने हाल के छापे में 600 करोड़ रुपये से अधिक के अपराधों की कार्यवाही का पता लगाया है, तेजस्वी यादव ने कहा कि उन्हें हमारे यहाँ कुछ भी नहीं मिला है। उन्होंने ईडी को उस सूची को सार्वजनिक करने की मांग की जो उनके घर से मिले सामानों की सूची बनाई गई है।
उन्होंने मांग की कि वे पहले 8,000 करोड़ रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग रैकेट की जानकारी दें, जिसका दावा उन्होंने 2017 के छापे में किया था। तेजस्वी ने कहा कि 'उन्होंने इसे 2017 में इसी तरीक़े से किया था। 8,000 करोड़ रुपये का क्या हुआ? यह कुछ भी नहीं है। उन्होंने कहा कि उन्होंने मेरे घर से खजाना बरामद किया, उन्हें कुछ नहीं मिला। मैं उन्हें चुनौती दे रहा हूं, उन्हें मुझसे कुछ नहीं मिला। उन्हें जब्ती की सूची को जारी करना चाहिए, नहीं तो मैं इसे जारी करूँगा।'