बिहार विधानसभा में विधायकों से मारपीट क्यों?
बिहार विधानसभा में ख़बर अब तक नीतीश कुमार के ग़ुस्से की होती थी लेकिन मंगलवार को मारपीट की ऐसी नौबत आयी कि कई विधायक घायल हो गये। राष्ट्रीय जनता दल के मखदुमपुर सुरक्षित क्षेत्र के विधायक सतीश कुमार दास को स्ट्रेचर से एंबुलेंस पर लादकर अस्पताल ले जाया गया। इसके अलावा भाकपा माले के विधायक सत्येन्द्र यादव और राजद विधायक रीतलाल यादव भी घायल बताये गये हैं।
प्रत्यक्षदर्शी पत्रकारों के अनुसार विधानसभा में हिंसा बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस विधेयक 2021 को लेकर विरोध प्रर्दशन के दौरान हुआ।इस मारपीट की गूंज कल राज्यसभा में भी सुनाई देगी क्योंकि आरजेडी के राज्यसभा सदस्य ने कार्यस्थगन प्रस्ताव के लिए लिखा है। राजद विधायक सतीश ने आरोप लगाया कि उन्हें पुलिस ने बुरी तरह से पीटा है। भाकपा माले के विधायक सत्येन्द्र यादव ने कहा कि उन्हें एसपी ने मारा है।
यह ख़बर भी मिली कि विपक्ष के विधायक और एक मंत्री भी आपस में भिड़ गये।
भाकपा माले ने ट्वीट कर कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तो राज्यसभा से अलोकतांत्रिक तरीक़े से पारित किए गए कृषि क़ानूनों की घटना को भी पीछे छोड़ दिया। माले के अनुसार विपक्ष के विधायकों को पुलिस द्वारा बर्बर तरीक़े से पिटवाकर काला पुलिस क़ानून पारित किया गया और जिस पुलिस राज की बात हो रही थी वह विधानसभा में ही चरितार्थ कर दिया गया।
बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस विधेयक मंगलवार को ही पेश होना था। विपक्ष शुरू से इस बिल का विरोध कर रहा है। मंगलवार को 11 बजे विधानसभा की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने हंगामा किया और इस बिल की प्रति फाड़कर अपना विरोध जताया। उप मुख्यमंत्री तार किशोर प्रसाद से इसकी प्रति छीनने का भी आरोप लगाया गया है। इसी गर्मागर्मी के बीच जब बिल पेश हुआ तो सदन के अंदर और विधानसभा अध्यक्ष के कार्यालय के बाहर धरना और नारेबाजी शुरू हो गई।
जब मामला आगे बढ़ा तो पटना के डीएम और एसएसपी भारी पुलिस बल के साथ सदन के अंदर पहुँच गये और फिर विपक्षी विधायकों को बाहर निकालने के लिए बल प्रयोग किया गया।
एक वीडियो ट्वीट कर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने पटना के डीएम पर विधायक को धक्का देने का आरोप लगाया। उन्होंने महिला विधायकों के साथ भी बदसलूकी और धक्का-मुक्की का आरोप लगाया है।
लोकलाज त्याग चुके लज्जाहीन नीतीश कुमार के आदेश पर हमारी क्रांतिकारी माननीय महिला विधायकों को ब्लाउज़ से पकड़ कर खींचा गया। उनकी साड़ी खुली, धक्का दिया गया, बता नहीं सकने वाली बदसलूकी की गयी लेकिन बीजेपी के चरणों में अपमान का आनंद ले रहे CM को शर्म नहीं आती। #नीतीशकुमार_शर्म_करो pic.twitter.com/9mBSKMQLBF
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) March 23, 2021
दूसरी ओर यह आरोप भी लगाया गया कि विपक्ष के सदस्यों ने डीएम और एसएसपी समेत पुलिसकर्मियों के साथ जमकर धक्का-मुक्की की है।
विधानसभा चैंबर के बाहर मौजूद विपक्षी विधायकों को हटाने के लिए मार्शल को भी बुलाया गया। दर्जनों मार्शलों ने विपक्षी दलों के सदस्यों को वहाँ से हटाने की कोशिश में जुटे रहे।
इन तमाम हंगामे के बीच बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस विधेयक 2021 को पारित हुआ मान लिया गया।
इससे पहले आरजेडी ने विधानसभा मार्च निकाला तो राजद कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच डाकबंगला चैराहे पर भिड़ंत हो गयी थी। जब पुलिस ने इस मार्च को रोकने की कोशिश की तो पथराव और लाठीचार्ज शुरू हो गया। इस दौरान पुलिस ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और उनके भाई विधायक तेजप्रताप समेत कई कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया, हालाँकि श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल ले जाकर दोनों राजद नेताओं को छोड़ दिया गया।