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तेज़ बहादुर की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से माँगा जवाब

तेज़ बहादुर की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से माँगा जवाब

पूर्व जवान तेज़ बहादुर यादव की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को निर्देश दिया है कि वह इस मामले में 9 मई तक कोर्ट में जवाब दे।

बीएसएफ़ से बर्खास्त जवान तेज़ बहादुर यादव की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को निर्देश दिया है कि वह इस मामले में 9 मई तक कोर्ट में जवाब दे। बता दें कि चुनाव आयोग ने यूपी की वाराणसी लोकसभा सीट से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ख़िलाफ़ चुनाव लड़ रहे तेज बहादुर का नामाँकन रद्द कर दिया था, जिसके बाद वह सुप्रीम कोर्ट पहुँचे हैं। बुधवार को मामले में तेज़ बहादुर की ओर से पेश हुए वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि उनके नामांकन को रद्द करने का आदेश ग़लत है और तेज़ बहादुर को चुनाव लड़ने की इजाजत दी जाए।  

बता दें कि तेज़ बहादुर ने दो बार नामाँकन किया था। इस दौरान दिए गए हलफ़नामों में उन्होंने बर्खास्तगी को लेकर अलग-अलग जानकारी दी थी। 24 अप्रैल को पहले उन्होंने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामाँकन कराया था। इसके साथ दिए गए हलफ़नामे में उन्होंने बताया था कि भ्रष्टाचार के आरोप के चलते सेना से उन्हें बर्खास्त किया गया। इसके बाद 29 अप्रैल को जब उन्होंने समाजवादी पार्टी से टिकट मिलने के बाद दोबारा नामांकन कराया तो उस दौरान जो हलफ़नामा दायर किया, उसमें इस जानकारी को छुपा लिया। वाराणसी के रिटर्निंग अफ़सर ने इसी तथ्य को आधार बनाते हुए तेज़ बहादुर यादव से सफाई माँगी थी। यादव को 1 मई को सुबह 11 बजे तक अपना जवाब दाख़िल करना था। लेकिन वह ऐसा नहीं कर सके थे जिसके बाद उनका नामांकन रद्द कर दिया गया था।

यादव ने कहा था कि वह हार-जीत के लिए नहीं, बल्कि प्रधानमंत्री मोदी को आईना दिखाने के लिए चुनाव मैदान में उतरे हैं। यादव ने यह भी कहा था कि मोदी ने सैनिकों से किया गया एक भी वादा पूरा नहीं किया है।यादव पहली बार सुर्खियों में तब आए थे जब उन्होंने बीएसएफ़ के ख़राब खाने की शिकायत करते हुए एक वीडियो फ़ेसबुक पर डाला था, जो ख़ासा वायरल हुआ था। इसके बाद बीएसएफ़ ने उन्हें अनुशासनहीनता के आधार पर नौकरी से निकाल दिया था।

यादव को गठबंधन का प्रत्याशी बनाए जाने के बाद बीजेपी की मुश्किलें बढ़ गई थीं। क्योंकि एक ओर तो बीजेपी राष्ट्रवाद के मुद्दे पर चुनाव लड़ रही है लेकिन अब गठबंधन ने उसके सामने एक पूर्व जवान को ही मैदान में उतार दिया था, इससे यह लड़ाई बेहद दिलचस्प हो गई थी। वाराणसी सीट पर अंतिम चरण में 19 मई को वोटिंग होनी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार फिर बीजेपी के टिकट पर यहाँ से मैदान में हैं। अब पूरे देश की नज़रें सुप्रीम कोर्ट में कल होने वाली सुनवाई पर टिक गई हैं। बता दें कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गाँधी के भी यहाँ से चुनाव लड़ने की जोरदार चर्चा थी लेकिन अब कांग्रेस ने यहाँ से अजय राय को टिकट दिया है।

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