विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा है कि वह चीन में कोरोना को लेकर बन रहे हालात को लेकर चिंतित है। डब्ल्यूएचओ ने चीन से अपील की है कि वह टीकाकरण की प्रक्रिया को तेज करे। डब्ल्यूएचओ के प्रमुख टेड्रोस अदनोम घेब्रेयसस ने कहा है कि डब्ल्यूएचओ चीन को इस संबंध में लगातार मदद देना जारी रखेगा।
टेड्रोस ने चीन से कोरोना महामारी को लेकर पूरी जानकारी साझा करने की अपील की है। उन्होंने कहा है कि महामारी अभी खत्म नहीं हुई है।
डब्ल्यूएचओ के आपातकालीन प्रमुख माइकल रयान ने ज्यादा से ज्यादा टीकाकरण पर जोर दिया है।
चीन में हालात खराब
कोरोना को लेकर एक बार फिर चिंताजनक तस्वीर इसलिए सामने आ रही है क्योंकि पड़ोसी मुल्क चीन में कोरोना से हालात बिगड़ रहे हैं। वहां से आ रहे वीडियो से पता चलता है कि अस्पतालों में बड़ी संख्या में कोरोना के मरीज भर्ती हैं, कई जगहों पर लोगों को दवा नहीं मिल पा रही है।
महामारी विशेषज्ञों ने कहा है कि अगले 90 दिनों में चीन के 60 फीसद लोग कोरोना से संक्रमित हो सकते हैं और पूरी दुनिया में लगभग 10 फ़ीसदी लोग इस महामारी की चपेट में आ सकते हैं। साथ ही लाखों लोगों की मौत होने की आशंका भी जताई गई है।
लंदन स्थित ग्लोबल हेल्थ इंटेलिजेंस एंड एनालिटिक्स फर्म ने कहा है कि अगर चीन अपनी ज़ीरो कोविड नीति को हटाता है तो 13 लाख से 21 लाख लोगों की जान जोखिम में पड़ सकती है।
इससे पहले महामारी विशेषज्ञ एरिक फीगल-डिंग ने कहा था कि चीन में अस्पताल पूरी तरह से चरमरा गए हैं। पिछले कुछ महीनों से चीन में कोरोना के मामले बढ़ने शुरू हुए तो सरकार ने सख्त लॉकडाउन व अन्य पाबंदियाँ लगाई। लेकिन जैसे ही उसने ज़ीरो कोविड नीति में ढील दी तो संक्रमण बेतहाशा बढ़ गया।
चीन से आ रही खबरों के मुताबिक, अस्पताल मरीजों से अटे पड़े हैं और श्मशान और कब्रिस्तान में शवों की तादाद काफ़ी ज़्यादा बढ़ गई है।
कोरोना को लेकर चीन में जिस तरह के हालात बने हैं, उसे देखते हुए भारत में भी तैयारियां तेज हो गई हैं। बुधवार को स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने तमाम महकमों की एक बैठक बुलाई थी। कई राज्यों ने भी क्रिसमस और नए साल की छुट्टियों को देखते हुए नए नियम जारी किए हैं।
बीएफ़7 सब-वैरिएंट
चीन में कोरोना के बढ़ते मामलों के लिए ओमिक्रॉन के बीएफ़7 सब-वैरिएंट को जिम्मेदार माना जा रहा है। भारत में भी बीएफ़7 सब-वैरिएंट के चार मामले पाए गए हैं। बीएफ़.7 बहुत ज़्यादा संक्रामक है, इसका इनक्यूबेशन पीरियड कम है और इसमें उन लोगों को भी संक्रमित करने की उच्च क्षमता है, जिन्हें कोरोना के टीके लग चुके हों। बीएफ़ 7 सब-वैरिएंट में मूल वैरिएंट की तुलना में 4.4 गुना अधिक प्रतिरोधक क्षमता है। इसका मतलब है कि टीका लगवा चुके व्यक्ति या संक्रमित व्यक्ति की एंटीबॉडी से बीएफ़ 7 को ख़त्म करने की संभावना कम रहती है।