विशाखापट्टनम में रिसॉर्ट बनाने के लिए जगन रेड्डी पर हमलावर क्यों है टीडीपी?
सत्ता से बाहर होते ही आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी पर सवाल उठने लगे। विशाखापट्टनम में एक पहाड़ी पर बनाए गए रिसॉर्ट को लेकर टीडीपी ने बड़ा हमला किया है। इसने कहा है कि इसको विशाल बैरिकेड्स के पीछे अत्यंत गोपनीयता से बनाया गया था। इसने कहा है कि इसे महल की तरह बनाया गया है। आरोप लगाया है कि यह इतने गुप्त तरीक़े से बनाया गया कि रविवार को ही आम लोगों के सामने आ पाया। टीडीपी का आरोप है कि रुशिकोंडा हिल पर बनी आलीशान संपत्ति जगन रेड्डी के कैंप ऑफिस के तौर पर बनाई गई थी।
टीडीपी विधायक गंटा श्रीनिवास राव ने विशाखापत्तनम में रुशिकोंडा हिल का मुद्दा उठाया है। इस पहाड़ी को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाना था। टीडीपी के भीमिली विधायक और जन सेना पार्टी के कार्यकर्ता रविवार को साइट पर घुस गए और आरोप लगाया कि सत्ता में रहने के दौरान वाईएसआरसीपी जगन के लिए 'सीएम आवास' के रूप में 61 एकड़ में फैले इस साइट पर एक रिसॉर्ट विकसित कर रही थी। उन्होंने रिसॉर्ट के अंदर की तस्वीरें जारी कीं और इसे महल क़रार दिया। इसके बारे में पार्टी का दावा है कि इसमें कई मानदंडों का उल्लंघन किया गया है। हालाँकि जगन मोहन रेड्डी की पार्टी वाईएसआरसीपी ने इन आरोपों को खारिज कर दिया है।
टीडीपी विधायक गंटा श्रीनिवास राव एनडीए प्रतिनिधिमंडल और मीडिया के साथ समुद्र तट के ऊपर स्थित भव्य 'पहाड़ी पर महल' के पहले दौरे पर गए। आंध्र प्रदेश पर्यटन विकास निगम द्वारा रुशिकोंडा हिल्स पर विकसित की जाने वाली पर्यटन परियोजना के लिए मई 2021 में केंद्र सरकार द्वारा तटीय नियामक क्षेत्र की मंजूरी दी गई थी। लेकिन टीडीपी ने आरोप लगाया कि इसका विकास इस तरह नहीं किया गया।
हालाँकि, टीडीपी के राष्ट्रीय महासचिव नारा लोकेश का कहना है कि जगन रेड्डी ने इसे विशेष रूप से अपने कैंप कार्यालय के रूप में इस्तेमाल करने का फ़ैसला किया और राज्य के खजाने से 500 करोड़ रुपये की लागत से इसे बनवाया।
रुशिकोंडा 'महल' समुद्र के सामने 9.88 एकड़ में फैला हुआ है। एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, गंटा श्रीनिवास राव ने कहा कि पिछली सरकार ने इसे गुप्त रूप से बनवाया था, जिसमें शानदार सुविधाओं, उच्च गुणवत्ता वाले साज-सज्जा, चमचमाते झूमर, बाथटब और अन्य कामों पर सार्वजनिक धन का इस्तेमाल किया गया था।
यह घटनाक्रम तब चल रहा है जब कुछ हफ़्ते पहले आंध्र प्रदेश चुनाव में एन चंद्रबाबू नायडू की तेलुगु देशम पार्टी ने वाईएस जगन मोहन रेड्डी की वाईएसआरसीपी सरकार को सत्ता से बेदखल कर दिया। 175 सदस्यीय सदन में वाईएसआरसीपी 11 सीटों पर सिमट गई है।
बता दें कि 2021 के अंत में वाईएसआरसीपी सरकार ने घोषणा की थी कि पहाड़ी पर आंध्र प्रदेश पर्यटन विकास निगम द्वारा संचालित हरिता रिसॉर्ट को एक पर्यटन स्थल के रूप में पुनर्विकास किया जाएगा। आधिकारिक रिकॉर्ड के अनुसार, इस क्षेत्र को कई ब्लॉकों में विभाजित किया गया था और इस भूमि पर 356.4 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से इमारतों का निर्माण किया जा रहा था। फरवरी में पूर्व पर्यटन मंत्री आर के रोजा ने पुनर्विकास परियोजना का उद्घाटन किया।
सत्ता में आने के बाद टीडीपी नेता श्रीनिवास राव ने पिछली टीडीपी सरकार के शासन के दौरान बनाए गए प्रजा वेदिका को ध्वस्त करने के लिए वाईएसआरसीपी पर हमला बोला। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, 'जगन को उनके द्वारा बनाए गए महल की भव्यता का अनुभव किए बिना ही सत्ता से बाहर कर दिया गया।'
द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार राव ने कहा कि इमारत के भाग्य पर फैसला करने के लिए विचार-विमर्श चल रहा है। उन्होंने कहा, 'महल का निर्माण असंभव तरीके से किया गया था और इसका उपयोग कैसे किया जाएगा, इस पर निर्णय नायडू के इमारत का दौरा करने के बाद लिया जाएगा।'
इन आरोपों पर जगन के नेतृत्व वाली पार्टी वाईएसआरसीपी ने कहा है कि पुनर्विकास परियोजना राज्य के हित में है और इसका उद्देश्य विशाखापत्तनम में पर्यटन को बढ़ावा देना है। पार्टी ने कहा है, 'रुशिकोंडा में इमारतें सरकारी संपत्ति हैं और निजी संपत्ति नहीं हैं। वे किसी की नहीं हैं। इन इमारतों का निर्माण पिछली सरकार द्वारा विशाखापत्तनम को दी गई प्राथमिकता को ध्यान में रखते हुए किया गया था। यह वर्तमान सरकार पर निर्भर है कि वह उनका उपयोग कैसे करती है।' इसमें दावा किया गया है कि इन भवनों का निर्माण प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति जैसे गणमान्य व्यक्तियों के शहर के दौरे के समय उनके आवास के लिए किया जा रहा है।
वाईएसआरसीपी ने राजनीतिक प्रतिशोध का आरोप लगाया है। इसने कहा है कि जब वे सत्ता में आए हैं, तो वे निराधार आरोप लगाकर विपक्ष को नष्ट करना चाहते हैं।