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कोरोना लॉकडाउन : पहले से बदहाल अर्थव्यवस्था ध्वस्त होने की कगार पर?

कोरोना लॉकडाउन : पहले से बदहाल अर्थव्यवस्था ध्वस्त होने की कगार पर?

कोरोना संक्रमण रोकने की कोशिश के तहत पूरे देश में लॉकडाउन से देश की अर्थव्यवस्था बिल्कुल थम सी गई है, सारी आर्थिक गतिविधियाँ रुक गई हैं। 

कोरोना संक्रमण रोकने की कोशिश के तहत पूरे देश में लॉकडाउन से देश की अर्थव्यवस्था बिल्कुल थम सी गई है, सारी आर्थिक गतिविधियाँ रुक गई हैं।

उत्पादन ठप

जगह- जगह लगे चेक प्वाइंट, कर्फ्यू और बंद की वजह से उत्पादन केंद्र ठप हो गए हैं। उत्पादन रुक गया है और जहाँ धीमी गति से चल रही है, वहाँ बहुत ही जल्दी सबकुछ रुक जाएगा।

इसकी वजह यह है कि न तो कच्चा मिल रहा है, न कल-पुर्जे। कामगार कारखाना पहुँचने की स्थिति में नहीं हैं। जिन संगठित उद्योगों में अपनी कॉलोनी है या परिवहन व्यवस्था है, वहां भी कामगार नहीं जा पा रहे हैं, क्योंकि प्रशासन सख़्ती से सोशल डिस्टैंसिंग लागू करवा रहा है।

इंडियन एक्सप्रेस ने एक ख़बर में कहा है कि जिस समय 75 ज़िलों में लॉकडाउन किया गया था, प्रबंधन सलाहकार कंपनी मैकिंजे ने पाया था कि 10 प्रतिशत लोग प्रभावित होंगे और सकल घरेलू उत्पाद में बढ़ोतरी का 75 प्रतिशत हिस्सा इससे प्रभावित होगा।

उस समय तक 30 राज्यों और केंद्र शासित क्षेत्रों में लॉकडाउन लागू कर दिया गया था। अब जबकि पूरे देश में संपूर्ण लॉकडाउन है, स्थिति बदतर है। 

साल 2013-14 में हुए छठे आर्थिक सर्वेक्षण के आधार पर इन 30 राज्यों में 5.85 करोड़ ईकाइयां हैं और उनमें 13.13 करोड़ लोग काम करते हैं। 

एनएसएसओ के आँकड़े

एनएसएसओ के रोज़गार व बेरोज़गारी सर्वे के मुताबिक 2011-12 में भारत के कुल 47.41 करोड़ कामगारों में से 39.14 करोड़ लोग असंगठित क्षेत्र में हैं। 

राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग की साल 2012 की रिपोर्ट के अनुसार, असंगठित क्षेत्र में 48 प्रतिशत से 56 प्रतिशत के बीच कामगार हैं। लॉकडाउन की वजह से इसका बड़ा हिस्सा प्रभावित है।

ऑटो उद्योग बंद

संगठित क्षेत्र में सबसे ज़्यादा असर ऑटो सेक्टर पर पड़ रहा है। मारुति सुजुकी ने दिल्ली के नज़दीक गुरुग्राम और मनेसर स्थित अपने कारखाने अस्थायी तौर पर बंद कर दिए हैं। दूसरी ओर, महिंद्रा एंड महिंद्रा ने नागपुर, चकन और कांदीवली स्थिति संयंत्रों को 31 मार्च तक के लिए बंद कर दिया है। 

हीरो मोटोकॉर्प ने अपने सभी संयंत्र अस्थायी तौर पर बंद कर दिए हैं। टाटा मोटर्स ने पुणे स्थित कारखाने में  उत्पादन में कटौती की है और वहां नाम मात्र का उत्पादन हो रहा है। 

टोयोटा किर्लोस्कर मोटर ने कर्नाटक के बिडाडी में उत्पादन रोक दिया है। किया मोटर्स ने आंध्र प्रदेश के अनंतपुर में उत्पादन रोकने का एलान किया है। रेनो इंडिया ने चेन्नई में उत्पादन रोक दिया है। यामाहा के चेन्नई, सूरजपुर और फ़रीदाबाद संयंत्र बंद हैं। 

इंडिया रेटिंग नामक कंपनी ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि मुंबई मेट्रोपोलिटन एरिया, दिल्ली, पुणे और बेंगलुरू के उत्पादन केंद्र बंद हो गए हैं या जल्द ही हो जाएंगे। यह हाल संगठित क्षेत्र का है, असंगठित क्षेत्र का अनुमान लगाया जा सकता है। 

लेकिन ये तमाम आँकड़े और यह रिपोर्ट पूरे देश के संपूर्ण लॉकडाउन के पहले का है। संपूर्ण लॉकडाउन के बाद की स्थिति ज़्यादा भयावह होगी, यह साफ़ है।

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