टाटा-एयरबस: नागपुर में प्रोजेक्ट लगाने के लिए गडकरी ने लिखा था पत्र
केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने टाटा-एयरबस प्रोजेक्ट को महाराष्ट्र में ही लगाए जाने को लेकर 3 हफ्ते पहले टाटा ग्रुप के चेयरमैन को पत्र लिखा था। बताना होगा कि अब यह प्रोजेक्ट गुजरात के वडोदरा में लगेगा जबकि बीजेपी-एकनाथ शिंदे सरकार ने कहा था कि यह प्रोजेक्ट नागपुर में आएगा।
इस प्रोजेक्ट के महाराष्ट्र से निकलकर गुजरात जाने पर एनसीपी और शिवसेना का उद्धव ठाकरे गुट बीजेपी-एकनाथ शिंदे सरकार पर जमकर हमलावर है। क्योंकि बीते कुछ ही महीनों में यह चौथा बड़ा प्रोजेक्ट है जो महाराष्ट्र से गुजरात चला गया है।
उद्धव ठाकरे गुट की नेता और सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा है कि पहले वेदांता फॉक्सकॉन, फिर मेडिकल डिवाइस पार्क उसके बाद बल्क ड्रग्स पार्क और अब टाटा-एयरबेस का प्रोजेक्ट भी महाराष्ट्र से बाहर चला गया है।
बहरहाल, नितिन गडकरी ने 7 अक्टूबर को टाटा ग्रुप के चेयरमैन को लिखे पत्र में कहा था कि महाराष्ट्र सरकार ने नागपुर में मल्टीमॉडल इंटरनेशनल हब एयरपोर्ट (मिहान) में एक स्पेशल इकनॉमिक जोन बनाया है। उन्होंने पत्र में लिखा था कि मिहान के पास स्पेशल इकनॉमिक जोन और नॉन स्पेशल इकनॉमिक जोन के लिए अच्छी-खासी जमीन है और मिहान और नागपुर में टाटा ग्रुप को अपने व्यवसाय का विस्तार करने के लिए जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर भी है। नितिन गडकरी नागपुर से ही लोकसभा के सांसद भी हैं।
पिछले महीने ही एकनाथ शिंदे के समर्थक विधायक और उद्योग मंत्री उदय सामंत ने कहा था कि टाटा-एयरबस एयरक्राफ्ट का प्रोजेक्ट नागपुर के नजदीक विदर्भ में लगेगा। लेकिन गडकरी के पत्र लिखे जाने के बाद भी बीते गुरुवार को रक्षा सचिव अजय कुमार ने बताया था कि टाटा-एयरबस का यह प्रोजेक्ट अब गुजरात के वडोदरा में लगेगा।
यह प्रोजेक्ट 22 हजार करोड़ का है और इसके तहत C295 विमान बनाये जाने हैं। ऐसा पहली बार होगा जब निजी कंपनियां भारत में सैन्य विमान बनाएंगी। C295 को नागरिक और सैन्य उपयोग के लिए इस्तेमाल किया जा सकेगा।
इस्तीफा देंगे मंत्री?
इस प्रोजेक्ट के महाराष्ट्र से निकलकर गुजरात जाने पर पूर्व कैबिनेट मंत्री आदित्य ठाकरे ने नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा है कि वह जुलाई से ही इस बारे में आवाज उठा रहे थे। आदित्य ठाकरे ने सवाल उठाया है कि क्या महाराष्ट्र सरकार के उद्योग मंत्री चार प्रोजेक्ट्स के राज्य से बाहर जाने के बाद अपने पद से इस्तीफा देंगे?
एनसीपी के प्रवक्ता महेश तपासे ने कहा है कि वेदांता फॉक्सकॉन के गुजरात जाने के बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा था कि टाटा-एयरबेस का प्रोजेक्ट नागपुर में आएगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
गुजरात क्यों जा रहे प्रोजेक्ट?
यहां सवाल यह उठता है कि बीजेपी-एकनाथ शिंदे सरकार इन सारे प्रोजेक्ट्स को गुजरात जाने से रोकने में आखिर फेल क्यों साबित हो रही है? बीजेपी-एकनाथ शिंदे सरकार में निश्चित रूप से बीजेपी एक बड़े पार्टनर की भूमिका में है लेकिन राज्य के मुख्यमंत्री को विपक्ष के इन सवालों का जवाब देना होगा कि वह आखिर तमाम बड़े प्रोजेक्ट्स को गुजरात जाने से क्यों नहीं रोक पा रहे हैं?
गुजरात में जल्द ही विधानसभा के चुनाव होने हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह गुजरात से ही आते हैं।
सवाल यह भी है कि क्या गुजरात में विधानसभा के चुनाव को देखते हुए इन प्रोजेक्ट्स को एक के बाद एक करके वहां ले जाया जा रहा है।