तमिलनाडु ने बनायी फैक्ट चेकिंग यूनिट, कार्रवाई के लिए होगी स्वतंत्र
तमिलनाडु सरकार ने सोशल मीडिया पर फ़ेक न्यूज़ और नफ़रत पर लगाम लगाने के लिए एक बड़ा प्रयास शुरू किया है। इसने एक ऐसी फैक्ट चेकिंग यूनिट बनाने का आदेश दिया है जो सिर्फ़ पोस्टों की पड़ताल ही नहीं करेगी, बल्कि ग़लत सूचना, नफ़रत फैलाने वाले भाषण और फ़र्ज़ी ख़बरों फैलाने वालों पर कार्रवाई भी करेगी। इसके लिए एक पूरा सेट-अप तैयार किया गया है।
तमिलनाडु सरकार ने इस फैक्ट चेकिंग यूनिट के लिए एक बड़ी टीम की तो घोषणा की ही है, साथ में इसके लिए बड़ा बजट देने की भी घोषणा की है। इसके साथ ही यह यूनिट कार्रवाई करने के लिए भी स्वायत्त होगी। ख्यात तमिल यूट्यूबर इयान कार्तिकेयन यूनिट का नेतृत्व करेंगे। वह लोकप्रिय वीडियो शेयरिंग प्लेटफॉर्म पर फैक्ट चेकिंग चैनल चलाते हैं। फैक्ट चेकिंग यूनिट का मिशन डायरेक्टर बनाए जाने पर इयान कार्तिकेयन ने कहा है कि नफ़रत के ख़िलाफ़ लड़ना हर किसी का काम है।
“Addressing hate speech does not mean limiting or prohibiting freedom of speech. It means keeping hate speech from escalating into something more dangerous" - UN secretary General, António Guterres
— Iyan Karthikeyan (@Iyankarthikeyan) November 1, 2023
I am appointed as Mission Director for the Fact check unit under the…
उन्होंने ट्वीट में कहा है, "'घृणास्पद भाषण से निपटने का मतलब अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को सीमित करना या प्रतिबंधित करना नहीं है। इसका मतलब है घृणास्पद भाषण को और अधिक खतरनाक होने से रोकना।'- संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतेरेस
मुझे एसपीआई, तमिलनाडु के प्रशासन के तहत फैक्ट चेकिंग यूनिट के लिए मिशन निदेशक के रूप में नियुक्त किया गया है... नफरत के खिलाफ लड़ना हर किसी का काम है! धन्यवाद माननीय सीएम एमके स्टालिन और एसपीआई मंत्री उदयनिधि स्टालिन। नफरत के खिलाफ लड़ना हर किसी का काम है!"
हाल के एक सरकारी आदेश में कहा गया है कि फैक्ट चेकिंग यूनिट में 80 स्टाफ शामिल होंगे। द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार इसका उद्देश्य सोशल मीडिया पर विशेष ध्यान देने के साथ सभी मीडिया प्लेटफार्मों पर भ्रामक पोस्टों से निपटना होगा। विशेष कार्यक्रम कार्यान्वयन विभाग के तहत इस इकाई को शिकायतों पर कदम उठाने की स्वायत्तता होगी। इसका एक केंद्रीय कार्य बल होगा जिसका मुख्यालय चेन्नई में होगा और सभी जिलों में सूचना विश्लेषक होंगे।
रिपोर्ट के अनुसार आदेश में कहा गया है कि फैक्ट चेकिंग यूनिट यानी एफसीयू फेसबुक, इंस्टाग्राम, एक्स और यूट्यूब जैसे प्लेटफार्मों के माध्यम से फैक्ट की जांच की गई जानकारी का भी प्रसार करेगा।
आदेश में कहा गया है कि इकाई के लिए 1.42 करोड़ रुपये का शुरुआती निवेश होगा और 3.55 करोड़ रुपये का वार्षिक व्यय आवंटित किया गया है, जिसे केंद्र सरकार की सूचना प्रौद्योगिकी नियमों के अनुरूप बनाया गया है। कर्नाटक सरकार ने भी एक फैक्ट चेकिंग यूनिट बनाई है।