जनरल रावत की मौत की जांच तमिलनाडु पुलिस ने क्यों बंद कर दी?
द हिन्दू अखबार की एक खबर में कहा गया है कि तमिलनाडु पुलिस ने वायुसेना के हेलीकॉप्टर हादसे की जांच बंद कर दी है। 8 दिसंबर 2021 को हुए इस हादसे में भारत के प्रथम सीडीएस जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत और 11 अन्य सैन्य स्टाफ मारे गए थे।
अड़चन क्या आई
हादसे के लगभग दो साल बाद नीलगिरी जिले की ऊपरी कुन्नूर पुलिस ने सीआरपीसी की धारा 174 के तहत केस दर्ज किया था। पुलिस ने 8 दिसंबर, 2021 को जारी मौसम विभाग की रिपोर्ट और डेटा जैसे सबूत तमाम विभागों से मांगे। पुलिस ने हेलीकॉप्टर का फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर भी मांगा। लेकिन संबंधित अथॉरिटीज ने ऐसी रिपोर्ट और सबूत देने से मना कर दिया।पुलिस के एक जांच अधिकारी के मुताबिक सुलूर एयर बेस अधिकारियों ने पुलिस से कहा कि यह सूचना डिफेंस सीक्रेट श्रेणी में आती है। इसलिए वे इसे नहीं दे सकते हैं। बेहतर होगा कि पुलिस एयरोस्पेस सुरक्षा निदेशालय से यह सारी जानकारी मांगे।
दरअसल, कुन्नूर पुलिस उन हालात की जांच कर रही थी, जिन हालात में भारतीय वायु सेना का Mi-17 V5 हेलीकॉप्टर हादसे का शिकार हुआ था। इस हेलीकॉप्टर ने कोयंबटूर के सुलूर एयरफोर्स स्टेशन से डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज, वेलिंगटन के लिए उड़ान भरी थी। खराब मौसम की वजह से लैंडिंग से कुछ मिनट पहले हेलीकॉप्टर एक गहरी घाटी में गिर गया और उसमें आग लग गई। जनरल रावत इसी हेलीकॉप्टर में सवार थे।
द हिन्दू के मुताबिक इस हादसे की जांच के लिए गठित बोर्ड ने 14 जनवरी, 2022 को अपनी शुरुआती रिपोर्ट पेश की थी। जिसमें जांच अधिकारी इस नतीजे पर पहुंचे थे कि यह हादसा मौसम में "अचानक बदलाव" के कारण हुआ। खराब मौसम के कारण पायलट भटक गया और हेलीकॉप्टर उसके कंट्रोल से बाहर चला गया। भारतीय वायुसेना ने एक बयान जारी किया था कि कोर्ट ऑफ इन्क्वॉयरी ने इस हादसे में किसी भी तोड़फोड़ या लापरवाही को खारिज कर दिया था।
पुलिस अधिकारी ने द हिन्दू से कहा कि “हम वायु सेना की जांच के निष्कर्षों से सहमत हैं। हेलीकॉप्टर को कम ऊंचाई पर घने बादलों के बीच से गुजरते देखा गया था, जो स्पष्ट रूप से खराब मौसम की वजह से अपनी मंजिल तक पहुंचने की कोशिश कर रहा था। जांच में किसी भी तरह की तोड़फोड़ की संभावना से इनकार किया गया है। लेकिन इस संबंध में हम फाइनल रिपोर्ट मौसम संबंधी क्लीयरेंस और हेलीकॉप्टर का डेटा पाने के बाद ही कोर्ट में भेज सकते हैं... हमने डिफेंस अधिकारियों के जवाब के इंतजार में अपनी जांच को लंबित रखा था।''
इस अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर द हिन्दू को बताया कि हमने एफआईआर 129/2021 में "आगे की कार्रवाई और जांच बंद कर दी है। क्योंकि हमें तकनीकी डेटा रिपोर्ट मिली ही नहीं।