तमिलनाडु में भाजपा प्रदेश सचिव की गिरफ्तारी पर उबाल
तमिलनाडु में भाजपा नेता की गिरफ्तारी के बाद राज्य के भाजपाइयों का गुस्सा उबल पड़ा है। तमिलनाडु के प्रदेश अध्यक्ष अन्नामलाई ने इस डीएमके सरकार की तानाशाही कहा है। राज्य के मंत्री सेंथिल बालाजी की गिरफ्तारी के बाद डीएमके ने इसे केंद्र की मोदी सरकार पर केंद्रीय जांच एजेंसी ईडी के दुरुपयोग का आरोप लगाया था। प्रदेश भाजपा ने कहा कि अगर हमारे राज्य सचिव को नहीं छोड़ा गया तो हम आंदोलन करेंगे।
कुछ दिन पहले मदुरै के सीपीएम सांसद वेंकटेशन के खिलाफ उनके ट्वीट के सिलसिले में भाजपा के राज्य सचिव एसजी सूर्या को शुक्रवार देर रात मदुरै जिले की साइबर अपराध पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
ट्वीट में, सूर्या ने वेंकटेशन पर एक नगर निगम कर्मचारी की मौत के बाद पर्याप्त कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाया था। आरोप है कि उस कर्मचारी से सीवर की सफाई करने के लिए कहा गया था। यह घटना सांसद के इलाके में हुई थी। सांसद वेंकटेशन को लिखे पत्र में सूर्या ने इस घटना की कड़ी आलोचना की थी। सूर्या ने ट्वीट में सीपीएम एमपी को संबोधित करते लिखा था- "आपकी अलगाववाद की नकली राजनीति से उस नाले से भी बदतर बदबू आ रही है, एक इंसान के रूप में जीने का रास्ता खोजिए, दोस्त!"
गिरफ्तारी की निंदा करते हुए तमिलनाडु भाजपा अध्यक्ष के. अन्नामलाई ने ट्वीट किया- भाजपा के राज्य सचिव एसजी सूर्या की गिरफ्तारी बेहद निंदनीय है। उनकी एकमात्र गलती डीएमके के सहयोगी कम्युनिस्टों के घृणित दोहरे मानकों का पर्दाफाश करना था... ये गिरफ्तारियां हमें विचलित नहीं करेंगी और हम सच्चाई के वाहक बने रहेंगे। उन्होंने प्रदेश सरकार पर अभिव्यक्ति की आजादी को कुचलने का भी आरोप लगाया।
अन्नामलाई ने अपने ट्वीट में आगे लिखा, "बीजेपी कार्यकर्ताओं की आलोचना का सामना किए बिना लगातार इस तरह गिरफ्तार करना एक निरंकुश प्रवृत्ति है। बीजेपी कार्यकर्ताओं को इस तरह के दमन से पंगु नहीं किया जा सकता है। हमारी आवाज हमेशा लोगों के लिए साहसपूर्वक गूंजती रहेगी।"
बता दें कि एक कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार राज्य के मंत्री सेंथिल बालाजी को 23 जून, 2023 तक प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की हिरासत में भेजा गया है। एसजी सूर्या की गिरफ्तारी प्रवर्तन निदेशालय द्वारा राज्य के मंत्री वी सेंथिल बालाजी को नौकरी रैकेट घोटाले में उनकी कथित संलिप्तता के लिए गिरफ्तार किए जाने के कुछ ही दिनों बाद हुई है। यह मामला 2011-16 की एआईएडीएमके सरकार के तहत परिवहन मंत्री के रूप में बालाजी के कार्यकाल का है।