राजस्थान कांग्रेस में बीते साल अशोक गहलोत और सचिन पायलट गुट के बीच मचे घमासान के दौरान केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के दो कथित ऑडियो टेप सामने आए थे। राजस्थान पुलिस ने इस मामले में शेखावत से पूछताछ भी की थी। अब जयपुर की चीफ़ मेट्रोपोलिटिन मजिस्ट्रेट की अदालत ने बुधवार को निर्देश दिया है कि शेखावत और संजय जैन की आवाज़ का सैंपल लिया जाए। अदालत ने यह निर्देश अतिरिक्त मुख्य नायायिक मजिस्ट्रेट को दिया है।
कांग्रेस ने तब आरोप लगाया था कि कथित ऑडियो टेप में गजेंद्र सिंह शेखावत, भंवर लाल शर्मा और बीजेपी नेता संजय जैन के बीच बातचीत हो रही है और बातचीत के दौरान पैसे के लेन-देन को लेकर और विधायकों की ख़रीद-फरोख़्त कर गहलोत सरकार को गिराने की साज़िश रची जा रही है।
कांग्रेस ने गजेंद्र सिंह शेखावत के इस्तीफ़े की मांग की थी और कहा था कि यह इसलिए ज़रूरी है कि वह लीक हुए ऑडियो टेप की जांच को प्रभावित न कर सकें। हालांकि कांग्रेस के आरोप पर केंद्रीय मंत्री शेखावत ने कहा था कि वह किसी भी तरह की जांच के लिए तैयार हैं और ऑडियो टेप में उनकी आवाज़ नहीं है।
एसीबी ने दायर की थी अर्जी
इस मामले में राजस्थान सरकार की एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) की ओर से अदालत में अर्जी दायर की गई थी और शेखावत की आवाज़ का सैंपल लेने के लिए निर्देश देने की मांग की गई थी। एसीबी ने कहा था कि इस मामले की जांच रूकी हुई है क्योंकि शेखावत और संजय जैन आवाज़ का सैंपल देने के लिए नहीं मिल रहे हैं। इसके बाद एसीबी को अदालत का दरवाज़ा खटखटाना पड़ा था।
पायलट को भेजा था नोटिस
राजस्थान पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) ने कांग्रेस के चीफ़ व्हिप महेश जोशी की ओर से दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर तीन एफ़आईआर दर्ज की थीं और इस मामले के दो अभियुक्तों को पिछले साल जुलाई में गिरफ़्तार भी किया गया था। इसके बाद तत्कालीन उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट को भी उनका बयान देने के लिए नोटिस भेजा गया था और तब इसे लेकर काफ़ी बवाल हुआ था।
इन ऑडियो टेप के सामने आने के बाद राजद्रोह और आपराधिक साज़िश रचने के आरोप में दो मुक़दमे दर्ज किए गए थे। मुक़दमे दर्ज करने के साथ ही कांग्रेस ने दो विधायकों को प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया था। ये दोनों ही विधायक बाग़ी नेता सचिन पायलट के समर्थक माने जाते हैं। इनमें भंवर लाल शर्मा के अलावा विश्वेंद्र सिंह का नाम शामिल था।
साथ ही सचिन पायलट को उप मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के पद से भी हटा दिया था। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा था कि उनकी सरकार गिराने के लिए बीजेपी द्वारा किए जा रहे षड्यंत्र में सचिन पायलट भी शामिल थे।