प्रशासन के दबाव में हत्या की धारा हटाई, सीबीआई जाँच हो: तबरेज़ की पत्नी
झारखंड में तबरेज़ अंसारी की लिन्चिंग के मामले में 11 अभियुक्तों से हत्या की धारा हटाए जाने के बाद तबरेज़ की पत्नी एस. परवीन ने सीबीआई जाँच कराने की माँग की है। उन्होंने कहा कि प्रशासन के दबाव में हत्या की धारा हटाई गई है और इसकी उच्च स्तर पर जाँच की जानी चाहिए। तबरेज़ को जून महीने में बाइक चोरी के शक में भीड़ ने पीट-पीट कर मार डाला था और उससे ‘जय श्री राम’ और ‘जय हनुमान’ के नारे भी लगवाए थे। इसी मामले में पुलिस द्वारा 11 अभियुक्तों पर हत्या की धारा हटा कर अब सिर्फ़ ग़ैर इरादतन हत्या का केस लगाया गया है। पुलिस का कहना है कि मोस्टमार्टम की फ़ाइनल रिपोर्ट के आधार पर ऐसा किया गया।
S Parveen, wife of Tabrez Ansari: My husband was lynched, earlier case was registered under section 302 (murder) but it was later changed to section 304 (culpable homicide) under administration's influence. There is an attempt to save the culprits,CBI should investigate the case. https://t.co/ifcde4wZi6 pic.twitter.com/h3354x6uvR
— ANI (@ANI) September 11, 2019
सरायकेला खरसावाँ एसपी एस. कार्तिक ने कहा, ‘11 अभियुक्तों के ख़िलाफ़ चार्जशीट दाखिल की गई है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर हत्या का केस नहीं दर्ज किया जा सकता है। हमने उन पर ग़ैर-इरादतन हत्या के तहत मामला दर्ज किया है।’ पुलिस जिस पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर हत्या की धारा को हटाने की बात कह रही है वह पहले की पोस्टमार्टम रिपोर्ट से अलग थ्योरी पेश करती है।
तबरेज़ की पहली पोस्टमार्टम रिपोर्ट में साफ़ तौर पर इस बात का ज़िक्र था कि चोट लगने से ब्रेन हेमरेज हुआ था और इस कारण ही तबरेज़ की मौत हुई थी। लेकिन जो फ़ाइनल पोस्टमार्टम रिपोर्ट आई है उसमें पूरी तरह मौत का कारण बदल गया है। फ़ाइनल पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कहा गया है कि तबरेज़ की मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई थी न कि भीड़ के द्वारा की गई पिटाई से।
तबरेज़ का पोस्टमार्टम करने वाले एक डॉक्टर ने 25 जून को ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ को बताया था कि तबरेज़ की मौत का कारण सिर में चोट लगने के बाद लगातार ख़ून बहना हो सकता है। सदर अस्पताल के उप-अधीक्षक डॉ. बरियाल मारी ने अख़बार से कहा था कि सिर के दायें हिस्से के आगे वाले भाग में चोट थी और इस बात की संभावना है कि इस वजह से सिर से लगातार ख़ून बहा हो और यह मौत का एक संभावित कारण हो सकता है। हालाँकि उस समय अस्पताल के मेडिकल बोर्ड ने पोस्टमार्टम को लेकर अपनी अंतिम राय नहीं बताई थी क्योंकि बोर्ड फ़ॉरेंसिक नतीजे आने का इंतजार कर रहा था।
अभियुक्तों पर से हत्या की धारा को हटाये जाने का यह मामला पूरी तरह चौंकाने वाला है। सरेआम तबरेज़ को पीटा गया। किस तरह से बेरहमी से तबरेज़ को पीटा जा रहा है, इस सबका वीडियो है। तसवीरें भी हैं। अधमरी स्थिति में तबरेज़ को लोगों ने पुलिस के हवाले किया, इसका भी वीडियो है।
तबरेज़ अंसारी के वकील अल्ताफ हुसैन ने 'टाइम्स नाउ' से कहा, 'सर में काफ़ी चोट थी, लेकिन किसी डॉक्टर ने उस पर ध्यान नहीं दिया। शरीर की हर जगह पर मार रहे थे लोग। उसके सिर पर पट्टी बंधी थी तो क्या हीरो दिखने के लिए उसने बाँधी थी क्या चोट नहीं थी मुझे न्यायालय पर पूरा भरोसा है। हम कोर्ट में जाएँगे। हाई कोर्ट में जाएँगे।'
हुसैन ने कहा कि इस मामले के बाद तबरेज़ का पूरा परिवार सदमे में है। उन्होंने कहा कि वे काफ़ी खस्ताहाल में हैं। उन्होंने कहा कि सरकार से माँग यही करेंगे कि यदि थोड़ी भी इंसानियत है तो निष्पक्ष जाँच कराएँ और सही चीजों को लाएँ। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने सब टेबल वर्क किया है, वे सिर्फ़ टेबल वर्क कर रहे हैं।
पुलिस जाँच से संतुष्ट क्यों नहीं परिजन
तबरेज़ के घरवालों ने भी यही आरोप लगाया है कि केस को जानबूझकर कमज़ोर किया जा रहा है। तबरेज़ अंसारी की मौत की जाँच के मामले में पुलिस का रवैया शुरू से ही सवालों के घेरे में रहा है। क्योंकि पुलिस ने हिरासत में तबरेज़ का मोटरसाइकिल चोरी करने का कबूलनामा तो दर्ज कर लिया था लेकिन भीड़ के द्वारा उसे पीटे जाने को लेकर एक भी लाइन एफ़आईआर में नहीं लिखी थी। तब इसे लेकर बहुत हैरानी हुई थी कि आख़िर ऐसा कैसे हो सकता है क्योंकि तबरेज़ को भीड़ द्वारा बेरहमी से पीटे जाने का वीडियो तो सोशल मीडिया पर वायरल है।
तबरेज़ के परिजन पुलिस की जाँच से संतुष्ट नहीं हैं और इसीलिए सीबीआई से जाँच कराने की माँग कर रहे हैं।