सुषमा के निधन पर दुनिया भर के नेताओं ने जताया शोक
भारत की विदेश मंत्री के तौर पर दुनिया के बड़े नेताओं के साथ काम करने वाली सुषमा स्वराज के निधन पर दुनिया भर के नेता शोक व्यक्त कर रहे हैं। अफ़ग़ानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करज़ई, नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली, बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना सहित कई नेताओं ने श्रद्धांजलि दी। जैसे-जैसे यह दुखद ख़बर नेताओं तक पहुँच रही है वे संवेदना व्यक्त कर रहे हैं।
पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का मंगलवार रात को निधन हो गया। वह 67 वर्ष की थीं। बुधवार दोपहर को 12 बजे से 3 बजे तक उनका पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन के लिए बीजेपी दफ़्तर में रखा जाएगा। दोपहर 3 बजे लोदी रोड स्थित क्रीमेटोरियम में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
नेपाल के प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली ने सुषमा स्वराज के निधन पर उन्होंने लिखा कि दुख की इस घड़ी में वह भारत के लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हैं। फ्रांस के राजदूत एलेक्ज़ेंडर जीग्लर ने सुषमा स्वराज के निधन पर संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा कि भारत और फ्रांस के रिश्तों को बेहतर करने में सुषमा का अहम योगदान रहा।
अफ़गानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करज़ई ने कहा कि वह कद्दावर नेता और महान वक्ता थीं। करज़ई ने भारत और स्वराज के परिवार के प्रति सहनुभूति जताई है।
Expressing my profound condolences to Prime Minister @narendramodi on the sad demise of honourable Sushma Swaraj @SushmaSwaraj. She represented India with immense dignity and grace. HK pic.twitter.com/YzzUYLvYOO
— Hamid Karzai (@KarzaiH) August 6, 2019
अफ़ग़ानिस्तान के विदेश मंत्री एस रब्बानी ने कहा कि वह भारत की पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के अचानक निधन से दुखी हैं। उन्होंने भारतीयों और भारत सरकार के साथ सहानुभूति प्रकट करते हुए स्वराज को विशिष्ट और दृढ़निश्चयी प्रतिनिधि बताया।
मालदीव के विदेश मंत्री अब्दुल्ला शाहिद ने भी स्वराज के निधन पर शोक व्यक्त किया और कहा कि वह एक 'अच्छे दोस्त' के निधन से बहुत दुखी हैं।
Deeply grieved to hear the demise of my good friend Smt #SushmaSawraj; Stateswoman extraordinaire, diplomat par excellence; A warm human being. Key architect of renewed Maldives-India friendship. Sincere condolences to bereaved family and people of India. May she rest in peace! pic.twitter.com/kcxbdsimxI
— Abdulla Shahid 🎈 (@abdulla_shahid) August 6, 2019
शाहिद ने स्वराज को असाधारण डिप्लोमैट बताया और कहा कि वह भारत-मालदीव की मैत्री की शिल्पकार थीं।
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने सुषमा स्वराज के निधन पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि वह बांग्लादेश की अच्छी दोस्त थीं। बता दें कि सुषमा स्वराज के दुनिया के कई नेताओं से घनिष्ठ संबंध थे।
विदेश मंत्री के रूप में किया था शानदार काम
सुषमा को मोदी सरकार के पहले कार्यकाल की शुरुआत में ही विदेश मंत्री बनाया गया था। वह इंदिरा गाँधी के बाद विदेश मंत्रालय की ज़िम्मेदारी संभालने वाली दूसरी महिला रही हैं। प्रधानमंत्री रहते हुए इंदिरा गाँधी ने कुछ समय के लिए विदेश मंत्रालय का पदभार संभाला था।विदेश मंत्री के अपने पूरे कार्यकाल के दौरान लोगों की मदद करने के लिए प्रसिद्ध रहीं सुषमा ने सोशल मीडिया के माध्यम से विदेश मंत्रालय तक आम लोगों की पहुँच को आसान बना दिया। दूसरे शब्दों में कहें तो सोशल मीडिया के माध्यम से उन्होंने कुटनीति को आम लोगों तक पहुँचा दिया था।
ऐसी ही स्थिति में जब मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में यह ख़बर आई कि सुषमा दोबारा विदेश मंत्री नहीं बनेंगी तो करोड़ों लोगों को निराशा हुई। बता दें कि सुषमा स्वराज ने स्वास्थ्य की वजहों से पिछला लोकसभा चुनाव नहीं लड़ा था। वह अपने छात्र जीवन से ही राजनीति में सक्रिय थीं और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़ी थीं। वह जय प्रकाश नारायण के संपूर्ण क्रांति आंदोलन से भी जुड़ी थीं।
बता दें कि सुषमा स्वराज ने स्वास्थ्य की वजहों से पिछला लोकसभा चुनाव नहीं लड़ा था। सुषमा को काफ़ी पहले से किडनी की समस्या थी। उन्होंने अप्रैल 2016 में किडनी का प्रत्यारोपण भी कराया था। इस बीमारी के के बाद से ही उन्होंने अपनी राजनीतिक सक्रियता कम कर दी थी। हालाँकि, इसके बावजूद वह मोदी सरकार में एक बेहद महत्वपूर्ण मंत्रालय की ज़िम्मेदारी संभालती रहीं। कार्यकाल पूरा होने के बाद वह सक्रिय राजनीति से दूर हो गई थीं।