वाट्सऐप चैट से आया नया मोड़, सुशांत के परिवार को थी उनकी बीमारी की जानकारी!
सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में एक वाट्सऐप चैट से नया मोड़ आ गया है। यह वाट्सऐप चैट सुशांत और उनकी बहन प्रियंका के बीच है जिसमें उनके इलाज और दवाइयों के बारे में दोनों चैट कर रहे थे। इस नये वाट्सऐप चैट के सामने आने से पता चलता है कि सुशांत का परिवार उनकी बीमारी और उनके डिप्रेशन के बारे में जानता था। अब तक उनका परिवार सुशांत की ऐसी किसी बीमारी की जानकारी होने से इनकार करता रहा है। रिपोर्टों में कहा गया है कि यह चैट सुशांत की मौत से छह दिन पहले की है।
रिया चक्रवर्ती के वकील सतीश मानेशिंदे ने उस वाट्सऐप चैट के हवाले से खुलासा किया है कि सुशांत की बहन प्रियंका ने उनके लिए कुछ दवाइयों की सलाह दी थी। लेकिन सुशांत के पास उन दवाइयों को लेने के लिए प्रिस्क्रिप्शन नहीं मिला था। मानेशिंदे के अनुसार ये चैट उसी दिन की हैं जिस दिन रिया ने सुशांत का घर छोड़ा था। उस दवा को बदलने को लेकर ही रिया घर छोड़कर चली गई थीं।
पटना में दर्ज कराई गई एफ़आईआर के अनुसार, सुशांत राजपूत के पिता ने दावा किया है कि उन्हें अपने बेटे के मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। उसमें उनके पिता ने यह भी दावा किया कि उनके परिवार की जानकारी के बिना उनका इलाज किया गया था।
तब से सुशांत का परिवार लगातार यह दावा करता रहा है कि उन्हें सुशांत के किसी भी मानसिक बीमारी से पीड़ित होने की कोई जानकारी नहीं है और उन्होंने रिया चक्रवर्ती पर दवाइयों का ओवरडोज देने का आरोप लगाया। परिवार ने यह भी आरोप लगाया है कि रिया चक्रवर्ती सुशांत को मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रही थीं, उनके बैंक खाते से रुपये निकाले थे और उनकी मौत में उनका हाथ है।
एक मीडिया रिपोर्ट में भी कहा गया है कि सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी की जाँच में सुशांत और प्रियंका के बीच इस चैट के बारे में जानकारी मिली है। प्रियंका सुप्रीम कोर्ट में वकील हैं जिन्होंने सुशांत के लिए इस दवा की प्रिस्क्रिप्शन भेजी थी। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि सुशांत ने इस पर सवाल उठाए थे कि बिना डॉक्टर की सलाह की ऐसी दवा नहीं ली जा सकती है। 'द इंडियन एक्सप्रेस' की रिपोर्ट के अनुसार 8 जून को इस प्रिस्क्रिप्शन को दिल्ली के डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल के हृदय रोग विशेषज्ञ तरुण कुमार ने दिया था। जबकि सुशांत मुंबई में रह रहे थे। इसका मतलब यह हुआ कि सुशांत को उनकी बहन ने बिना डॉक्टर की जाँच के ही यह दवा दिलवाई थी।
सुशांत का यह मामला जब से आया है तब से ही काफ़ी उलझा हुआ है। अलग-अलग स्तर पर फ़िलहाल तीन एजेंसिया जाँच कर रही हैं।
दो अलग-अलग राज्यों की पुलिस की शुरुआती जाँच के बाद जब विवाद हो गया तो यह पूरा मामला सीबीआई के हवाले कर दिया गया। हालाँकि इसमें एक और एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी भी मनी लाउंड्रिंग मामले की जाँच कर रही है। इसी जाँच के दौरान ईडी को ड्रग्स के सबूत मिले तो नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो यानी एनसीबी भी जाँच में जुट गई। यानी फ़िलहाल तीन एजेंसियाँ सुशांत सिंह मौत मामले में जाँच कर रही हैं।
इस मामले में एक नया मोड़ तब आया था जब ड्रग्स के एंगल की बात सामने आई थी। इसी को लेकर सुशांत के पिता के के सिंह ने कहा, 'रिया चक्रवर्ती मेरे बेटे सुशांत को लंबे समय से जहर दे रही थी, वह उसका क़ातिल है। जाँच एजेंसी को उसे और उसके सहयोगियों को गिरफ्तार करना होगा।'
इसके बाद रिया चक्रवर्ती ने उन आरोपों को खारिज कर दिया। रिया ने एनडीटीवी से कहा था, 'सुशांत मारिजुआना लेते थे। मैंने उन्हें रोकने की कोशिश की... मैंने अपने जीवन में कभी भी (ड्रग) डीलर से बात नहीं की है या ड्रग्स नहीं लिया है। मैं एक ब्लड टेस्ट के लिए तैयार हूँ।'
बता दें कि सुशांत सिंह राजपूत की 14 जून को मौत हो गई थी। मुंबई पुलिस ने इसे शुरुआती जाँच के बाद आत्महत्या बताया था। लेकिन बाद में सुशांत के पिता ने पटना में आत्महत्या के लिए मजबूर करने का मामला दर्ज कराया था। इस मामले ने तब तूल पकड़ा जब बिहार में चुनाव से पहले राजनीतिक दलों ने इस मुद्दे को लपका और सीबीआई जाँच की माँग होने लगी। बिहार और मुंबई पुलिस के बीच विवाद होने के बाद मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुँचा और आख़िरकार कोर्ट ने इस मामले को सीबीआई को सौंप दिया।