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दिल्ली में 15 दिन में 500% तेजी से बढ़ा कोरोना: सर्वे

दिल्ली में 15 दिन में 500% तेजी से बढ़ा कोरोना: सर्वे

एक सर्वेक्षण में दिल्ली में कोरोना संक्रमण को लेकर जो दावा किया गया है वह चौंकाने वाला है। यदि इस दावे में सचाई है तो जानिए क्यों कोरोना पर राष्ट्रीय राजधानी में ख़तरनाक स्थिति हो सकती है।

दिल्ली में हाल के दिनों में कोरोना संक्रमण के तेज़ी से फैलने के जो मामले सरकारी आँकड़ों में दिखे हैं अब एक सर्वे में भी संक्रमण के चौंकाने वाली रफ़्तार से फैलने की बात सामने आई है।

एक सर्वेक्षण में दावा किया गया है कि दिल्ली-एनसीआर में अपने क़रीबी सोशल नेटवर्क में किसी को कोविड होने की सूचना देने वाले लोगों की संख्या में पिछले 15 दिनों में 500% की वृद्धि हुई है। दिल्ली एनसीआर के क़रीब 19 प्रतिशत लोगों ने एक सर्वेक्षण में बताया है कि उनके क़रीबी सोशल नेटवर्क में एक या अधिक लोगों को पिछले 15 दिनों में कोरोना का संक्रमण हुआ है।

सर्वेक्षण करने वाली फर्म लोकलसर्किल ने कहा कि सर्वेक्षण में दिल्ली और एनसीआर के सभी ज़िलों में स्थित 11,743 निवासियों से इनपुट प्राप्त हुए हैं। पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार जिन लोगों ने उत्तर दिए उनमें से करीब 67 प्रतिशत पुरुष थे जबकि 33 प्रतिशत महिलाएं थीं। इसने दावा किया कि सर्वेक्षण केवल मान्य नागरिकों के बीच किया गया था, जिन्हें सर्वेक्षण में भाग लेने के लिए स्थानीय सर्कलों के साथ पंजीकृत होना था।

सर्वे में लोगों से पूछा गया था, 'दिल्ली-एनसीआर में आपके क़रीबी सोशल नेटवर्क (परिवार, दोस्त, पड़ोसी, सहकर्मी) में कितने लोग हैं, जिन्हें पिछले 15 दिनों में कोरोना हुआ?' जवाब में अधिकांश उत्तरदाताओं- 70 प्रतिशत ने कहा कि 'पिछले 15 दिनों में कोई नहीं'। 11 प्रतिशत ने कहा '1 या 2', आठ प्रतिशत ने '3-5' कहा और अन्य 11 प्रतिशत ने कहा कि 'कुछ कह नहीं सकते'।

इसी तरह का सवाल फर्म ने 2 अप्रैल को पूछा था और केवल तीन प्रतिशत निवासियों के पास उनके क़रीबी सोशल नेटवर्क में कोई था जो पिछले 15 दिनों में कोरोना ​​​​से संक्रमित हुआ था।

सर्वेक्षण के परिणाम ऐसे समय पर सामने आए हैं जब दिल्ली में एक बार फिर से कोरोना के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी दर्ज की गई है। स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली में शनिवार को 461 नए मामले सामने आए थे जबकि दो लोगों की कोविड संक्रमण से मौत हो गई थी। इससे पहले दिल्ली में 27 फरवरी को इससे ज़्यादा 484 केस दर्ज किए गए थे। 

दिल्ली में एक दिन पहले शुक्रवार को 366 मरीज सामने आए थे। गुरुवार को पॉजिटिविटी रेट 2.49 प्रतिशत था जो शुक्रवार को 3.95% पहुँच गया।

यह चिंता की बात इसलिए भी है कि आईआईटी कानपुर के शोधकर्ताओं ने फ़रवरी महीने में कहा था कि देश में कोरोना की चौथी लहर अगले 4 महीने में आ सकती है। यह लहर 4 महीने तक रह सकती है। शोध में कहा गया है कि गंभीरता देश भर में टीकाकरण की स्थिति, कोरोना के नये वैरिएंट की प्रकृति पर निर्भर करेगी।

आईआईटी के शोधकर्ताओं ने कहा था कि आँकड़े बताते हैं कि भारत में कोरोना की चौथी लहर प्रारंभिक आँकड़े उपलब्ध होने की तारीख़ से 936 दिनों के बाद आएगी। देश में कोरोना संक्रमण का पहला मामला 30 जनवरी, 2020 को आया था। उन्होंने कहा है कि इसलिए चौथी लहर 22 जून, 2022 से शुरू होगी, 24 अक्टूबर, 2022 को समाप्त होगी और अंदाजा है कि लगभग 15 अगस्त से 31 अगस्त, 2022 तक यह अपने शिखर पर होगी।

हालाँकि अभी जून का महीना नहीं आया है और वह वक़्त आने में अभी भी क़रीब 2 महीने का समय बाक़ी है, लेकिन दिल्ली में संक्रमण के मामले बढ़ने लगे।

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